चुनाव नजदीक हैं और सभी पार्टियां अपना घोषणापत्र जारी कर चुकी हैं। भाजपा ने भी अपना घोषणापत्र बीते सोमवार को जारी किया था, जिसमें लगभग सभी विपक्षी पार्टियां कोई ना कोई खामी ढूंढने में लगी हुई है। हालांकि, तमिल अभिनेता और सुपरस्टार रजनीकांत ने भाजपा के घोषणापत्र की तारीफ की है। उन्होंने नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना के ऐलान का स्वागत करते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य में विकास के लिए बहुत बड़ा योगदान निभाएगी। इससे पहले रजनी इन चुनावों में किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन ना करने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
रजनीकांत ने पत्रकारों से अपनी बातचीत में कहा ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे, मैं तब से नदियों को जोड़ने की परियोजना की पैरवी में लगा हुआ हूं, उन्होंने मेरे विचार को स्वीकार भी कर लिया था। अब 2019 में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इस परियोजना को शुरू करने का वादा किया है। अगर यह वादा पूरा किया जाता है तो इससे लोग तो अधिक खुशी होगी’। उनके इस बयान के बाद अब यह अटकले लगाई जा रही हैं कि वे भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से अपना समर्थन जता रहे हैं।
आपको बता दें कि तमिलनाडु के लोग पिछले काफी समय से कावेरी और गौदावरी जैसी नदियों को आपस में जोड़ने की मांग करते आए हैं ताकि राज्य में उत्पन्न हो रही पानी की किल्लत को जड़ से खत्म किया जा सके। पानी की कमी से राज्य में जहां एक तरफ गरीबी बढ़ रही है, तो वहीं किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड रहा है। अभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार साथ मिलकर तमिलनाडु में इस परियोजना पर काम कर रहे हैं, और इस पूरी परियोजना पर लगभग 328 करोड़ रुपये खर्च होंने की संभावना है।
सुपरस्टार रजनीकांत की बात करें तो दिसंबर 2017 में उन्होंने राजनीति में आने की घोषणा की थी। उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी ‘रजनी मक्कल मंडरम’ की भी स्थापना की थी। तब उन्होंने कहा था कि वे तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव लाना चाहते हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने यह घोषणा की कि वे इन लोकसभा चुनावों में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे और ना वे किसी पार्टी का समर्थन करेंगे। लेकिन अब रजनी ने भाजपा को लेकर अपने रुख को साफ करने के संकेत दिये हैं।
रजनीकांत का तमिलनाडु के अलावा दक्षिण भारत में बड़ा प्रभाव है। उनके चाहने वाले करोड़ों में हैं। 1975 से लेकर अब तक वे 200 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। उनकी फैन फॉलोइंग का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब वर्ष 2016 में उनकी फिल्म कबाली आई थी, तो लोगों ने अपनी बीमारी का बहाना बनाकर ऑफिस से छुट्टी ली और फिल्म देखने गए। ट्विटर पर भी लोगों ने इतनी प्रतिक्रिया दी थी कि उसकी वैबसाइट कई बार क्रैश हो गई। अब उनका भाजपा को समर्थन देने के संकेत देना दक्षिण भारत में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने का काम कर सकता है। हालांकि यह तो अब चुनावों के बाद ही पता चल पाएगा कि रजनीकांत के इस बयान के बाद भाजपा को कुछ फायदा मिल पाता है या नहीं।