संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी निसार अहमद तांत्रे को भारत को सौंप दिया है। ऐसा करके यूएई ने न सिर्फ एक नई मिसाल पेश की है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता का संदेश भी दिया है। ये आतंकी 1 फरवरी 2019 को संयुक्त अरब अमीरात भाग गया था लेकिन वो ज्यादा देर तक नहीं बच सका। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संयुक्त अरब अमीरात से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी निसार अहमद तांत्रे को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इस आतंकी को 31 मार्च को भारत वापस लाया गया।
दरअसल, निसार अहमद तांत्रे ने 2017 में जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमला कराया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गये थे। उस समय भारतीय सेना ने तीन हमलावरों को मार गिराया था। इन तीन आतंकियों की पहचान त्राल निवासी फरदीन अहमद खांडे, पुलवामा के द्रुबग्राम में रहने वाले मंजूर बाबा और पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल शकूर के तौर पर की गई थी। बता दें कि निसार तांत्रे जैश के दक्षिणी कश्मीर का डिविजनल कमांडर नूर तांत्रे का भाई है जिसे दिसंबर 2017 में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था। वहीं, एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज ने निसार के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था जिसके बाद भारत इसी आधार पर निसार को यूएई से वापस लाने में सफल हो सका।
यूएई द्वारा एक बड़े आतंकी को भारत को सौंपे जाने की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। वैसे पहले भी यूएई कई भगोड़ों और आतंकियों को भारत को सौंप चुका है। इसका उदाहरण हाल में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद के मामले में रिश्वतखोरी के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को भारत को सौंपना है। क्रिश्चियन मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में बिचौलिए था। इसी मामले में आरोपी 2017 में दीपक तलवार देश छोड़कर भाग गया था जिसे यूएई ने भारत को सौंप दिया। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आईएम आतंकी यासीन भटकल के चचेरे भाई और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा और दाऊद इब्राहिम के खास आदमी फारुख टकला को भी संयुक्त अरब अमीरात से भारत वापस लाया जा चुका है। इसके अलावा और कई आतंकियों को यूएई से भारत वापस काया जा चुका है।
मोदी सरकार के प्रयासों के कारण ही ये सफल हो पा रहा है। जिस तरह से पीएम मोदी ने आतंक के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट किया है। उससे पूरी दुनिया प्रभावित है। इसके साथ ही उन्होंने लगातार यूएई के साथ भारत के संबंधों को भी बेहतर बनाया है। यही वजह है कि यूएई भारत की हर कार्रवाई में साथ दे रहा है।