नक्सलियों की धमकियों के आगे कभी नहीं झुके थे बीजेपी के बहादुर विधायक भीमा मंडावी

PC : indiatv

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को चुनाव से ठीक दो दिन पहले बीजेपी विधायक ‘भीमा मंडावी’ के काफ़िले पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। नक्सलियों ने इलाके से गुज़र रहे बीजेपी विधायक के काफ़िले की एक बुलेटप्रूफ कार को आईईडी से उड़ा दिया। हमले में कार के परखच्चे उड़ गए, विधायक के साथ उनके तीन सुरक्षाकर्मी और एक ड्राईवर की भी मौत हो गयी। ऐसा बताया जा रहा है कि विस्फोट के बाद भी नक्सलियों ने विधायक पर तेज़ धार वाले हथियार से हलमा किया था। इस हमले में चार जवान शहीद हो गए और पाँच जवान अब तक लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि हमले की आशंका पहले से ही थी इसलिए पोलिंग बूथ को वहाँ से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। वहीं इस घटना में लगभग सौ नक्सलियों के शामिल होने की सूचना मिली है। पुलिस ने घटनास्थल से बारूदी सुरंग का स्थान बताने वाला एक जीपीएस भी बरामद किया है।

आपको बता दें कि दंतेवाड़ा के जंगली कुआकोंडा इलाके में एक आईईडी में विस्फोट हुआ था। दांतेवाड़ा के एसपी ‘अभिषेक पल्लव’ ने कहा कि भाजपा विधायक भीमा मंडावी को पुलिस ने पहले ही उस इलाके में ना जाने कि हिदायत दी थी उसके बाद भी वो इलाके में गए। इस हमले से नक्सलवादी चुनाव में वोट न डालने की हिदायत देना चाहते थे।

उसके बावजूद निडर भीमा मंडावी चुनावी अभियान में जी जान से लगे हुए थे। वो महज 40 साल के थे। बीजेपी से एक जुझारू और कर्मठ नेता की छवि रखने वाले भीमा मंडावी ने पिछले साल भी कांग्रेस के विधायक को करारी शिकस्त दी थी। वे उसी जीत को इस बार के लोकसभा चुनाव में फिर से दोहरने में लगे थे। नक्सलियों के डर और धमकियों ने कभी उनके जोश को ठंडा नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और ‘बस्तर टाइगर’ के नाम से मशहूर ‘महेंद्र कर्मा’ को मात देकर इस नक्सल प्रभावित इलाके में भगवा झण्डा लहराया था।

जब 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का छत्तीसगढ़ में निराशाजनक प्रदर्शन रहा था और पार्टी को सिर्फ 15 सीटों पर ही सिमटना पड़ा था ऐसे में सिर्फ भीमा मंडावी ही थे जिन्होनें बस्तर की दांतेवाड़ा सीट पर जीत दर्ज़ की थी इसके बाद से मंडावी बीजेपी का बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे।

इस हमले के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं। वहीं बीजेपी ने इस हमले की निंदा करते हुए अपना आक्रोश ज़ाहिर किया और कांग्रेस के खिलाफ अपना गुस्सा दिखते हुए कहा कि कांग्रेस के संरक्षण के कारण ही नक्सलियों ने इस कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया। बीजेपी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 100 दिन पुरानी कांग्रेस नक्सलवाद को समर्थन देती है साथ ही बीजेपी ने इस हमले को कांग्रेस की राजनीतिक साज़िश करार दिया है और इस हमले की सीबीआई जांच करने की भी मांग की है।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के मनोबल को तोड़ने के लिए इस हमले को अंजाम दिया गया है। एक कर्मठ नेता को खो देना बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान है। इस हमले ने एक बात और बेहद पुख्ता कर दी कि, चाहे जितना भी विरोध हो, नक्सलवाद को खत्म करना देश के पिछड़े इलाकों को उभारने के लिए बेहद ज़रूरी हो गया है।

Exit mobile version