एनबीएसए ने अर्नब गोस्वामी को चैनल बंद करने की दी धमकी

अर्नब गोस्वामी

PC: IWRK Media

देश का लोकतंत्र वाकई खतरे में हैं क्योंकि अब देश की वामपंथी ताक़तें संस्थानों के माध्यम से मीडिया का मुंह बंद करने की भरपूर कोशिश कर रही हैं। दरअसल, रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के चीफ एडिटर अर्नब गोस्वामी को न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए)  ने उनके चैनल को बंद करने की धमकी दी है। रिपब्लिक न्यूज़ चैनल की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने एक महिला संवाददाता से बदसलूकी करने वाले जिग्नेश मेवाणी के समर्थकों का चेहरा टीवी पर दिखाया था और साथ ही कवरेज के दौरान उसके लिए गुंडा और सेक्सीस्ट जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। इस संबंध में पिछले वर्ष एनबीएसए द्वारा रिपब्लिक को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा गया था लेकिन इसके जवाब में चैनल ने एनबीएसए को एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी और साथ में इसके खिलाफ एफ़आईआर भी दर्ज़ की थी।

आपको बता दें कि पिछले वर्ष 9 जनवरी को गुजरात के क्रांतिकारी दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने दिल्ली में एक हुंकार रैली का आयोजन किया था, जिसे कवर करने के लिए रिपब्लिक न्यूज़ चैनल की तरफ से शिवानी गुप्ता को संवाददाता के तौर पर भेजा गया था। हालांकि रिपोर्टिंग के दौरान शिवानी गुप्ता के साथ वहां मौजूद जिग्नेश के कुछ समर्थकों ने बदसलूकी की और उनको चारों तरफ से घेरकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। अपनी संवाददाता के साथ घटी इस शर्मनाक घटना पर गुस्सा होकर अर्नब गोस्वामी ने रिपोर्टिंग के दौरान नारेबाजी करने वाले एक शख्स को ‘जिग्नेश मेवाणी का गुंडा’ कहा था। हालांकि, एनबीएसए को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया था और चैनल को माफी मांगने का फरमान सुना दिया गया।

पिछली वर्ष की ही तरह इस साल दोबारा एनबीएसए ने अब रिपब्लिक चैनल को धमकी देते हुए कहा है कि अगर वह उस घटना पर माफी नहीं मांगता है तो वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से चैनल का लाइसेन्स रद्द करने की सिफ़ारिश करेगा। इस पर अर्नब गोस्वामी ने माईनेशन से बातचीत में कहा ‘मुझे अब तक इस संबंध में कोई पत्र नहीं मिला है, लेकिन मैं किसी भी सूरत में महिला संवाददाता को प्रताड़ित करने वाले से माफी नहीं मांगूंगा। मुझे हैरानी है कि लिबरल गैंग पीड़ित पत्रकार के साथ खड़ा होने की बजाय प्रताड़ित करने वाले शख्स के साथ खड़ा है’।

हालांकि, लिबरल गैंग का रिपब्लिक चैनल के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाना बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। पिछले 1 साल में चैनल ने लोगों के दिलों में अपने लिए जगह बनाई है, साथ ही लोकप्रियता के पैमाने पर भी इस चैनल ने टाइम्स नाऊ और इंडिया टुडे चैनल को काफी पीछे छोड़ दिया है। यही कारण है कि यह वामपंथी गैंग अब इस चैनल को अपने रास्ते से हटाना चाहती है। यह लिबरल गैंग रिपब्लिक टीवी से इतनी हताश है कि उसे चैनल से ही नहीं बल्कि उसके लोगो वाले माइक से भी वह भय खाती है। इसका उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब जिग्नेश मेवाणी ने अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपब्लिक टीवी के माइक को देखकर उसे तुरंत वहां से हटाने की बात कही थी। यहां हम रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के साहस की भी तारीफ करना चाहेंगे जो लगातार इस वामपंथी गैंग द्वारा फैलाये जा रहे एजेंडे का पर्दाफाश करने में सबसे आगे रहता है। रिपब्लिक को अपनी इस लड़ाई को जारी रखना चाहिए क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र में इस तरह मीडिया के दमन को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।  

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