चुनावी नतीजों से पहले इस बड़ी पार्टी ने दिए संकेत, सरकार बनाने में NDA का देगी साथ

बीजेडी एनडीए

PC: Namaskaarnews

लोकसभा चुनावों से पहले जारी हुए एग्जिट पोल्स के नतीजों की वजह से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलते दिखाया है। एग्जिट पोल्स के आंकड़े सामने आने के बाद जहां एक तरफ कांग्रेस और उसके साथी दलों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कई राजनीतिक पार्टियां अब भाजपा की संभावित जीत में भी अपने लिए अवसर ढूंढ रही है। दरअसल, एग्जिट पोल्स के नतीजे भाजपा के पक्ष में आने के बाद कभी एनडीए का घटक दल रहे बीजू जनता दल ने एनडीए को दोबारा अपना समर्थन देने के संकेत दिये हैं। बीजेडी के प्रवक्ता ने यह साफ किया है कि जो गठबंधन केंद्र में अपनी सरकार बनाने में सफल होगा, उनकी पार्टी उसी का समर्थन करेगी।

बीजेडी के नेता अमर पटनायक ने कहा है कि जो भी ओडिशा की मदद करेगा, उनकी पार्टी भी उसी का समर्थन करेगी। अमर पटनायक ने कहा, ‘हम संभवतः उस पार्टी या गठजोड़ का समर्थन करेंगे, जो केंद्र में सरकार बनाएगा और ओडिशा के लंबे समय से चले आ रहे अनसुलझे मुद्दों को हल करने में मदद करेगा’। उनके इस बयान के बाद अब यह अटकलें लगाई जा रही है कि 23 मई के नतीजे आने के बाद बीजू जनता दल एनडीए में शामिल हो सकता है। 

आपको बता दें कि वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2009 तक बीजू जनता दल एनडीए का ही एक घटक दल था। वर्ष 2009 में अलग होने के बाद भी बीजेडी का राज्य में मजबूत जनाधार रहा, और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने बंपर जीत हासिल करते हुए 21 लोकसभा सीटों में से 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2009 में एनडीए से अलग होने के बाद भी बीजू जनता दल का भाजपा के प्रति व्यवहार मैत्रीपूर्ण रहा है। फ़ोनी चक्रवात के दौरान भी हमें इसका उदाहरण देखने को मिला था। चक्रवात के बाद जब पीएम मोदी ओडिशा राज्य के दौरे पर गए थे, तो नवीन पटनायक पीएम मोदी के स्वागत के लिए खुद मौके पर मौजूद थे। इसके बाद जब पीएम मोदी ने प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था, तो भी ओडिशा के मुख्यमंत्री उनके साथ ही रहे थे। इसके अलावा चक्रवात से निपटने के लिए पीएम मोदी ने भी ओडिशा सरकार की जमकर तारीफ की थी।

पिछले वर्ष कांग्रेस और अन्य दल अपने एजेंडे को साधने के लिए जब जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाये थे, तो भी इस प्रस्ताव का विरोध करने में बीजेडी ने एनडीए का साथ दिया था। इसके अलावा राज्यसभा के उपसभापति चुनावों में भी बीजेडी ने एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण का समर्थन किया था। ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेडी अगर एनडीए का समर्थन करती है, तो हमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। एग्जिट पोल्स में ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में 11 सीटों पर बीजेडी को बढ़त मिलते दिखाया गया है तो वहीं बीजेपी को 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।  यानि अगर 23 मई के बाद बीजेडी और बीजेपी साथ आ जाते हैं, तो देश के एक और राज्य का पूरी तरह भगवाकरण होना निश्चित है।

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