पाकिस्तान और चीन की ‘ऑल वेदर फ्रेंडशिप’ के चर्चे तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं। पूरी दुनिया चीन के पाकिस्तान-परस्ती की गवाह रह चुकी है। आतंकवाद के मुद्दे पर जब पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका था, तो वह चीन ही था जो संकटमोचक बनकर उसे सब मुश्किलों से बचा रहा था। जब पाकिस्तान एक-एक रुपये का मोहताज होकर पूरी दुनिया के सामने भीख का कटोरा लेकर घूम रहा था, तो भी वह चीन ही था जिसने उसे 6 बिलियन डॉलर का कर्ज़ देकर उसकी आर्थिक हालत को ‘बेहतर’ करने की कोशिश की, हालांकि अब इस दोस्ती में दरार पड़ती नज़र आ रही है। एक तरफ चीन ने इस महीने मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होने के प्रस्ताव से टेक्निकल होल्ड हटाकर पाकिस्तान को झटका दिया तो वहीं पाकिस्तान ने भी अब अपने यहां मौजूद चीनी नागरिकों को ‘देह व्यापार’ में लिप्त चीनी लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है।
“Chinese nationals involved in human trafficking in #Pakistan. The men are allegedly involved in trafficking Pakistani girls into #China and forcing them into prostitution.” https://t.co/3XPeIiC8MF
— Saleem Javed | سلیم جاوید (@mSaleemJaved) May 6, 2019
इस महीने की शुरुआत में चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान को करारा झटका तब दिया जब उसने पाकिस्तानी नागरिक मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के लिए अपना टेक्निकल होल्ड हटा लिया। पाकिस्तान में किसी को इसकी उम्मीद ना थी। बार-बार चीन द्वारा अपमानित हो चुके पाकिस्तान को चीन का यह धोखा बिल्कुल नहीं भाया और अब उसने भी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। अब खबर सामने आ रही है कि गुरुवार को फेडेरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) ने 8 चीनी नागरिकों पर ‘मानव तस्करी’ का आरोप लगाते हुए उन्हे गिरफ्तार कर लिया। यह कदम इसलिए भी हैरान करने वाला था क्योंकि पिछले महीने ही पाकिस्तान में मौजूद चीनी राजदूत ने यह दावा किया था कि कोई चीनी नागरिक पाकिस्तान में मानव तस्करी जैसे कार्यों में लिप्त नहीं है।
1. Spokesman of Chinese Embassy: Both China & Pakistan adopt rule of law & firmly oppose human trafficking & sales of human organs. The above-mentioned reports about sales of organs are misleading & groundless. @ForeignOfficePk @OfficialDGISPR @ARYNEWSOFFICIAL @CGTNOfficial https://t.co/EPKpPeoLpB
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) April 13, 2019
फेडेरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) द्वारा जिस गैंग को गिरफ्तार किया गया है, इस आरोप है कि वो पाकिस्तानी लड़कियों की तस्करी कर उन्हें चीन ले जा रहे थे। यही नहीं ये गैंग लड़कियों को झूठी शादी के नाम पर फंसाता था और फिर उन्हें चीन ले जाकर देह व्यापार के धंधे में धकेल देता था। हालांकि, ये खबरें तो पहले भी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा कवर की जाती है रही हैं लेकिन पाकिस्तान ने कभी इसपर न कोई एक्शन लिया और न ही कुछ कहा। अब अचानक से पाक द्वारा इस मामले में लिए जा रहे एक्शन से दोनों देशों के बीच की खट्टास सामने आने लगी है।
पिछले कुछ दिनों में हमें ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं जहां चीन की तरफ से पाकिस्तान को जोरदार झटके दिये गए हों। पिछले महीने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फोरम’ में हिस्सा लेने के लिए जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के बीजिंग पहुंचे थे, तो उनका स्वागत करने के लिए स्थानीय प्रसाशन के एक जूनियर अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद थे, जबकि सभी को उम्मीद थी कि स्वयं राष्ट्रपति शी उनका स्वागत करेंगे। इसके अलावा पिछले काफी समय से चीन ने बीआरआई योजना के ‘सबसे महत्वपूर्ण’ परियोजना ‘चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरीडोर’ की फंडिंग को भी रोका हुआ है। चीन ने पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया था कि पाकिस्तान सी-पैक की फंडिंग को किसी अन्य क्षेत्र में निवेश कर रहा है। इसके बाद चीन ने मसूद पर से टेक्निकल होल्ड भी हटा लिया। अब पाकिस्तान मसूद अजहर पर चीन के रुख से काफी नाराज है और ये नाराजगी इतनी है कि पाकिस्तान अब चीन को अपना असली रंग दिखा रहा है।
वैसे ये नाराजगी तब पाकिस्तान ने नहीं दिखाई जब पाक पीएम इमरान खान का चीन में राजनयिक तिरस्कार हुआ था लेकिन मसूद मामले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। शायद इसी बौखलाहट का ही नतीजा है कि पाकिस्तान ने 8 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार करके चीन को स्पष्ट रूप से अपनी नाराजगी जता दी है। आपको हैरानी होगी, कि मानव तस्करी में शामिल यह चीनी गैंग पिछले काफी समय से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक्टिव थी। पाकिस्तान मीडिया ने यह खबर दिखाई थी कि चीनी पुरुष गरीब पाकिस्तानी महिलाओं को 40 हज़ार रुपये, एक मोबाइल फोन और चीनी वीसा देने के नाम पर पाकिस्तानी युवतियों और महिलाओं को फंसाते हैं, और उन्हें चीन में देह-व्यापार करने पर मजबूर किया जाता है। हालांकि तब पाकिस्तानी एजेंसियों ने इस चीनी गिरोह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन चीन द्वारा मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाए जाने का रास्ता साफ करने के बाद पाकिस्तानी एजेंसियों की एकाएक चेतना आना वाकई हैरान करने वाला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच पाकिस्तान और चीन की यह दोस्ती भविष्य में क्या मोड लेती है।