ये चुनाव नहीं महासमर था, सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में मतदान अब संपन्न हो चुके हैं । जहां एक ओर थी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए है, तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए और तीसरी तरफ थे क्षेत्रीय पार्टियों के क्षेत्रीय गठबंधनों वाला महागठबंधन है।
ये चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई पार्टियों की किस्मत दांव पर लगी है। अगर कांग्रेस पार्टी 2014 जैसे आंकड़े दोहराती है तो कांग्रेस अगले चुनाव तक बिखर जाएगी। अखिलेश के समाजवादी पार्टी, लालू की आरजेडी, पवार के एनसीपी और मायावती के बीएसपी के लिए भी ये आस्तित्व की लड़ाई है। लेकिन नवीन बाबू के उड़ीसा और दीदी के बंगाल पर सारे पोल पंडितों की निगाहें अटकी हैं। ये वो राज्य है जो जल्दी सरकारे नहीं बदलते, लेकिन भाजपा की आंधी इन राज्यों मे बड़ी तेजी से चल रही है। यही कारण है कि सबकी निगाहें 23 तारीख को आने वाले चुनाव परिणाम तक अटकी है। खैर, आज चुनाव का आखिरी चरण समाप्त हुआ है और एग्ज़िट पोल्स ने भी न्यूज़ चैनल्स पर अपनी दस्तक दे दी है।
तो एग्ज़िट पोल्स के आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे
रिपब्लिक सी वोटर (Republic-CVoter)
रिपब्लिक जन की बात (Republic-Jan Ki Baat)
न्यूज़ एक्स नेता (NewsX-Neta)
टाइम्स नाउ वीएमआर (times now vmr)
एग्ज़िट पोल्स के आंकड़ो से बिलकुल साफ है कि भाजपा एक बार फिर से सरकार बनाने को तैयार है। अपने एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर भाजपा देश को एक मजबूत स्थिति मे है। अब इवीएम पर दोषारोपण कब तक शुरू होगा ये तो आगे ही पता चलेगा। हालांकि, ये एग्ज़िट पोल्स के नतीजे हैं, असली परिणाम 23 की सुबह हो ही आएंगे।
बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें ही मिली थी. अब एक झलक साल 2014 लोकसभा चुनाव पोल के नतीजों पर एक नजर डाल लेते हैं:
2014 लोकसभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत से बीजेपी सत्ता में आई थी। 2014 में कुल 543 सीटों के लिए हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 282 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 336 सीटें प्राप्त हुई थीं। वहीं यूपीए को 60 सीटें मिले थे। भाजपा ने 428 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 282 सीटों पर कब्जा जमाया था। वहीं कांग्रेस ने 464 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उन्हें महज 44 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई थी।