‘कांग्रेस को खत्म होना जाना चाहिए’, पार्टी के पसंदीदा दरबारियों ने ही पार्टी पर हमले शुरू कर दिए हैं

कांग्रेस पार्टी एग्जिट पोल

2019 के लोकसभा चुनाव के सम्पन्न होते ही विभिन्न चैनलों ने अपने अपने एग्जिट पोल निकालने शुरू कर दिये। जैसे ही एग्जिट पोल सामने आए और ये साबित हो गया कि कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार निम्नतम रहा है, हमारे प्रिय लेफ्ट लिबरल गैंग की निराशा की कोई सीमा नहीं रही। उन्होंने अपना एजेंडा  प्रसारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, चाहे वो ईवीएम पर आधारहीन आरोप हो, या फिर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाना हो। इसके बावजूद जब अधिकांश एग्जिट पोल ने एनडीए को बाकी राजनैतिक दलों से ज्यादा तरजीह दी, तो हमारी लेफ्ट लिबरल गैंग भी अपना सुध बुध ही खो बैठी।    

अब तो ऐसा लगता है कि लेफ्ट लिबरल गैंग की कुंठा ने अपनी सभी सीमाएं पार कर दी है, क्योंकि अब वे उसी पार्टी को निशाने पर ले रही हैं, जिसके लिए वे अप्रत्यक्ष रूप से इस चुनाव में प्रचार प्रसार कर रहे थे। जी हाँ, हम बात कर रहे है कांग्रेस पार्टी की। इसकी शुरुआत हुई चुनाव विशेषज्ञ और पूर्व आम आदमी पार्टी नेता योगेंद्र यादव के ट्वीट की। जैसे ही एग्जिट पोल के परिणामों से यह साबित हो गया कि इस बार भी कांग्रेस को करारी हार मिलेगी, योगेंद्र यादव ने इसका ठीकरा कांग्रेस पर ही फोड़ते हुये यह ट्वीट किया :- “कांग्रेस को अब खत्म हो जाना चाहिए। यदि यह आइडिया ऑफ इंडिया बचाने के लिए बीजेपी को रोक नहीं सकती, अब इस पार्टी की भारतीय इतिहास में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं बची है। अब यह दूसरा विकल्प बनने में खुद एक बड़ी बाधा बन गई है।”

 

मानों अपने इस एक ट्वीट से योगेंद्र यादव ने पूरे लेफ्ट लिबरल गैंग को आवाज़ दे दी। कई पत्रकार, जो छद्म कांग्रेसी भी है, उन्होंने योगेंद्र यादव को समर्थन देते हुये कांग्रेस की जमकर भर्तस्ना की। चूंकि योगेंद्र यादव को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का खास भी माना जाता है, इसलिए उनके इस ट्वीट ने पूरे लेफ्ट लिबरल ईको सिस्टम में हलचल मचा दी है। योगेंद्र यादव का यह कहना कि कांग्रेस को खत्म हो जाना चाहिए ..ये इस बात का संकेत है कि कांग्रेस अब लेफ्ट लिबरल गैंग की खीझ का शिकार होने वाली है।

योगेंद्र यादव का पूरा पूरा साथ दिया कारवां मैगजीन के सीनियर एडिटर हरतोष सिंह बल ने, जिन्होंने कांग्रेस को एक सफल चुनाव प्रचार पर ध्यान न देने के लिए अपने इस ट्वीट में दोषी ठहराया –

इसी ट्वीट में हरतोष सिंह बल ने कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा को एक कुशल नेता के रूप में प्रस्तुत करने के मनमाने रवैये पर भी हमला दिया। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई प्रियंका गांधी को कांग्रेस का नया चेहरा बनाकर पार्टी के मुख्य अभियानों में शामिल किया गया। लेकिन एग्जिटपोल के अनुसार इनके प्रचार प्रसार का पार्टी के प्रदर्शन पर कोई व्यापक असर नहीं दिखा। 

अपने अथक कांग्रेस प्रेम, और नेहरू गांधी वंश के प्रति विशेष आस्था के लिए सुर्खियों में रहने वाली पत्रकार सागरिका घोष ने भी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुये उनके प्रचार प्रसार पर सवाल उठाया और लिखा, “क्या देश और एक नए विपक्ष की जरूरत है? कांग्रेस के कैंपेन में कमी थी..ये देर से शुरू हुआ..”

इतना ही नहीं, कांग्रेस के प्रति आम तौर पर वफादार रहने वाली पत्रकार राणा अय्यूब ने भी कतर के विवादास्पद मीडिया पोर्टल अल जज़ीरा के लिए लिखे अपने लेख में कांग्रेस की कार्यशैली पर उंगली उठाई है। उन्होंने न सिर्फ पार्टी के मुख्य नेतृत्व पर सवाल उठाया बल्कि सोनिया गांधी और राहुल की नीयत पर भी सवाल उठाए, बल्कि अपने लेख में यह भी पूछा, ‘क्या भारत का विपक्ष नाकाम साबित हो चुका है?’

इसी लेख में उन्होंने लिखा है, “एग्जिट पोल पहले भी गलत साबित हुए हैं, जैसा कि 2004 में ये साबित भी चुका है। पर 2004 के मुक़ाबले इस बार देश भर में एक भावना व्याप्त है..वो भावना है वर्तमान सरकार का कोई मजबूत विकल्प न होना। वैसे इन चुनावों में राहुल गांधी और उनके साथियों ने आम जनता को खूब लुभाने की कोशिश की लेकिन वो इस काम में भी वो पूरी तरह विफल साबित हुए। “

कांग्रेस पर यह खीझ और वक़्त वक़्त पर निकल रहे ऐसे अप्रत्याशित बयान लेफ्ट लिबरल गैंग की बढ़ती कुंठा को दर्शाता है। जिस राहुल गांधी को कभी पीएम मोदी का उचित विकल्प समझा जा रहा था, उन्होंने अब अपनी वफादार मीडिया का सम्मान भी खो दिया है। 

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