ममता की षड्यंत्रकारी राजनीति और तानाशाही से तंग आकर विवेक ओबेरॉय ने इस खूंखार आतंकवादी से कर दी दीदी की तुलना

ममता बनर्जी विवेक ओबेरॉय विद्यासागर

क्या पश्चिम बंगाल को भारत का दूसरा कश्मीर बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी? राज्य की मौजूदा परिस्थितियों से हो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण आते-आते पश्चिम बंगाल की सियासी लड़ाई हिंसा में बदल गई है। टीएमसी के गुंडे सरेआम लोकतंत्र पर प्रहार कर रहे हैं और यहां कि मुख्यमंत्री बड़ी शातिर राजनीति खेलते हुए पीएम मोदी और अमित शाह को ही गुंडा बता रही है। अब तो ममता ने षड्यंत्रकारी राजनीति के तहत बीजेपी पर विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ने का इल्जाम लगा इस मुद्दे पर वोट बटोरना भी शुरू कर दिया है। जबकि ऐसा प्रतीत होता है कि, अमित शाह के रोड शो के दौरान विद्यासागर की मूर्ति को तुड़वाने में ममता का ही शातिर दिमाग है। वहीं दूसरी तरफ ममता ने राज्य में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हुई है। पश्चिम बंगाल में प्रचार के लिए गए बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा को बिना किसी कारण ही गिरफ्तार कर लिया गया। ममता की इस तानाशाही पर बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने तगड़ा प्रहार किया है। ओबेरॉय ने ममता की तुलना कुख्यात आतंकवादी सद्दाम हुसैन से कर दी। उन्होंने लिखा कि तानाशाही दीदी के कारण बंगाल में लोकतंत्र पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

मंगलवार शाम कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान जमकर बवाल हुआ। यहां तक कि कोलकाता में ईश्वर चंद्र विद्यासगर की मूर्ति भी इस राजनीतिक हिंसा की भेंट चढ़ गई। इसके बाद अब ममता बनर्जी विद्यासागर की मूर्ती को बंगाल के सम्मान से जोड़ते हुए इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।

हालांकि, इस बवाल की प्रस्तावना अमित शाह के कोलकाता पहुंचने से पहले ही लिखी जा चुकी थी। यह भी कहा जा सकता है कि हो ना हो विद्यासागर की मूर्ती तुड़वाकर उसका मुद्दा बनाने की पहले से प्लानिंग की गई हो। गौरतलब है कि, कोलकाता की जिन जगहों से अमित शाह का काफिला गुजरना था, वहां बीजेपी के बैनर-पोस्टर फाड़ दिए गए थे या हटा दिए गए थे। यहीं से यह स्पष्ट हो गया था कि अमित शाह के लिए रोड शो करना आसान नहीं रहेगा और हुआ भी यही।

बता दें कि, सातवें चरण में बंगाल की 9 सीटों पर मतदान होना है। इसके मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष की बंगाल में सोमवार को तीन रैलियां होनी थीं, लेकिन उन्हें जाधवपुर में हेलिकॉप्टर उतारने की अनुमति ही नहीं मिली। इसके बाद शाह ने जॉय नगर में जनसभा की और उसके बाद कोलकाता में रोड शो। इस रोड शो में बीजीपी वर्कर्स नाचते-गाते और मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए हिस्सा ले रहे थे। रोड़ शो कोलकाता के शहीद मीनार से शुरू होकर धर्मतल्ला क्रॉसिंग, लेनिन सरणी और सुबोध मलिक तक निकला। लेकिन जैसे ही रोड शो विद्यासागर कॉलेज के पास पहुंचा, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। यहां कथित टीएमसी वर्कर्स ने रोड शो में शामिल लोगों पर पत्थर फेंकना और आगजनी करना शुरू कर दिया। यहां तक कि, जिस वाहन पर अमित शाह सवार थे, उस पर भी डंडे फेंके गए। इसके बाद जब हालात बेकाबू हो गए तो अमित शाह ने रोड शो खत्म कर दिया।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस पूरी घटना पर कहा, ‘टीएमसी के गुंडों ने मुझ पर हमला करने की कोशिश की। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया, लेकिन मैं सुरक्षित हूं। झड़प के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने मुझे बताया था कि रोडशो की इजाजत कॉलेज के पास समाप्त होती है और उन्हें स्वामी विवेकानंद के बिधान सारणी के पैतृक आवास पर ले जाया जाएगा। लेकिन वे (पुलिस) नियोजित मार्ग से हट गए और उस रास्ते पर ले गए जहां ट्रैफिक जाम था। मुझे श्रद्धांजलि देने के लिए विवेकानंद के आवास पर नहीं जाने दिया गया और मैं इससे दुखी हूं।’

वहीं अब ममता बनर्जी यह आरोप लगा रही है कि, भाजपा ने पहले से ही हिंसा की योजना बनाई थी। उन्होंने बाहर से गुंडे बुलवाकर कोलकाता यूनिवर्सिटी कैम्पस में हमला किया और विद्यासागर की मूर्ती तोड़ दी। दरअसल, अमित शाह के रोड़ शो पर हुए हमले में कुछ लोगों ने विद्यासागर कॉलेज में लगी इश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को भी तोड़ दिया था। ममता अब इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए कह रही है कि, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यह मूर्ती तोड़ी। वहीं, बीजेपी का कहना है कि उनके कार्यकर्ता कॉलेज के अंदर गए ही नहीं, कॉलेज के अंदर टीएमसी कार्यकर्ता थे और उन्होंने पूर्वनियोजित साजिश के तहत विद्यासागर की मूर्ती को तोड़ा। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर कहा है कि, विद्यासागर की मूर्ति कॉलेज के अंदर एक कमरे में लगी थी, जो जगह कैंपस के काफी अंदर है। केवल टीएमसी स्टूडेंट यूनीयन के सदस्य ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि रोड शो कैंपस के अंदर नहीं था। इसलिए स्पष्ट है कि, मूर्ति को टीएमसी ने ही तोड़ा है।

बता दें कि, हंगामे के तुरंत बाद ममता बनर्जी विद्यासागर कॉलेज का दौरा करने पहुंचीं और तुंरत मुद्दे को भुना लिया। इतना ही नहीं, ममता बनर्जी ने तुरंत सोशल मिडिया पर अपनी डीपी बदलकर उसकी जगह ईश्वर चंद्र विद्यासगर की तस्वीर लगा ली। ममता ने डीपी बदली तो टीएमसी के सारे बड़े नेताओं ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर ईश्वरचंद्र विद्यासगर की तस्वीर लगा ली। विद्यासागर एक दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री, लेखक, अनुवादक, मुद्रक, प्रकाशक, उद्यमी, सुधारक एवं मानवतावादी व्यक्ति थे। पश्चिम बंगाल में लोग उन्हें खूब मानते हैं यही कारण है कि, टीएमसी ने बीजेपी को घेरने के लिए इस मुद्दे को बंगाल के सम्मान से जोड़ दिया। आज टीएमसी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी करने जा रही है।

इस तरह जहां ममता ने एक तरफ प्रशासन को पूरी तरह अपने हाथ में लेकर टीएमसी वर्कर्स को मतदान को प्रभावित करने की पूरी छूट दे रखी है तो दूसरी तरफ वह राजनीतिक साजिश रचकर बीजेपी को बदनाम करने में भी लगी है। इस तरह ममता बनर्जी की इस षड्यंत्रकारी राजनीति ने बंगाल में होने वाले अंतिम चरण के चुनाव को और घातक बना दिया है। ऐसे में विवेक ओबेरॉय द्वारा ममता बनर्जी की तुलना सद्दाम हुसैन से करना स्वाभाविक ही है।

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