मणिशंकर अय्यर की अचानक आखिरी चरण से पहले हुई ‘एंट्री’, फिर से पीएम मोदी पर कसा तंज

मणिशंकर अय्यर मोदी

(PC: ThePrint)

अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर अपनी विरोधी पार्टी भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर इन चुनावों में कुछ खास एक्टिव नहीं दिखे। मणिशंकर अय्यर की इस चुनावी नींद के पीछे का कारण उनकी बेलगाम बद्जुबानी मानी जा रही है, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी को नुकसान ज़्यादा होता है, और फायदा कम! हालांकि, आखिरी चरण के चुनावों से ठीक पहले मणिशंकर अय्यर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने के लिए एकाएक प्रकट हुए और अपने ब्लॉग में उन्होंने यह कबूला कि दिसंबर 2017 में पीएम मोदी को लेकर जो उन्होंने ‘नीच शब्द’ का इस्तेमाल किया था, वह तर्कसंगत था। अब इसके बाद जहां कांग्रेस उनका बचाव करने में अपना पसीना बहाती दिख रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा को बैठे-बिठाए एक बढ़िया मुद्दा मिल गया है।

अपने इस ब्लॉग में मणिशंकर अय्यर ने संघ की विचारधारा से लेकर पीएम मोदी के रडार और आईएनएस विराट को लेकर दिये बयानों पर हमला किया। उन्होंने लिखा कि भारत को रूढ़िवादी सोच से निकालकर आधुनिक विज्ञान के रास्ते पर लाने में कांग्रेस सरकारों का बड़ा योगदान रहा जबकि आरएसएस ‘उड़न खटोले’ को इतिहास के एफ़-16 मानने वाली विचारधारा को ही आगे बढ़ाता रहा। अपने इस लेख में वे बाद में पीएम मोदी पर भारतीय नौसेना और वायुसेना का अपमान करने का आरोप भी लगाते हैं। इस लेख में आखिर में वे लिखते हैं ‘तो क्या? चिंता की कोई बात नहीं, 23 मई को मोदी को जनता द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। देश के इतिहास के सबसे बद्जुबान प्रधानमंत्री के लिए यही सबसे उचित रहेगा। याद है न मैंने उनके लिए दिसंबर 2017 में किस शब्द का प्रयोग किया था? क्या मेरी भविष्यवाणी सही साबित नहीं हुई?’

आपको बता दें कि दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के लिए कहा था ‘मुझे तो यह आदमी बहुत नीच किस्म का आदमी लगता है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है’। उनके इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। आनन-फानन में कांग्रेस पार्टी को उन्हें पार्टी से बर्खास्त करना पड़ा था। हालांकि, उसके बाद भी कांग्रेस को गुजरात में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन लगता है कि कांग्रेस ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा और अब फिर मणिशंकर अय्यर ऐसे विवादित ब्लॉग लिखते नज़र आ रहे हैं।

मणिशंकर अय्यर ने अपने इस ब्लॉग के माध्यम से इस बात को स्पष्ट रूप से मान लिया है कि वर्ष 2017 में उन्होंने पीएम मोदी को लेकर जो बयान दिया था वह बिल्कुल सही था और आज भी वे उसका समर्थन करते हैं। देश में लोकसभा चुनाव अभी जारी है और आखिरी चरण के मतदान होने अभी बाकी हैं, ऐसे में अय्यर की यह स्वीकारोक्ति कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है। भाजपा कांग्रेस पर पहले ही हमलावर हो चुकी है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि हार की बौखलाहट में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी इस तरह की हरकत करा रहे हैं। बीजेपी की आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ”वे (अय्यर) इस बात से अपसेट थे कि सारा ध्‍यान सैम पित्रोदा खींच रहे हैं इसलिए उन्‍होंने अपनी तरफ ध्‍यान आकर्षित करने के लिए ये काम किया।”  

हालांकि, यहां हास्यास्पद बात यह है कि मणिशंकर अय्यर पीएम मोदी पर बद्जुबानी करने का आरोप तो लगाते हैं, लेकिन खुद उनका नाम देश के सबसे बद्तमीज नेताओं में शुमार है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भी उन्होंने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था। उन्होंने कहा था कि ‘वे किसी भी हालत में देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, वे अगर यहां चाय का वितरण करना चाहें, तो उनका स्वागत है’। सुर्खियां बटोरने के लिए कांग्रेस पार्टी अक्सर अपने ऐसे नेताओं से फिजूल की बयानबाजी करवाती रहती है, और बाद में कार्रवाई के नाम पर या तो उनको चेतावनी दे दी जाती है, या फिर कुछ समय के लिए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया जाता है। कहते हैं कि इतिहास से कुछ ना सीखने वाले अक्सर खुद इतिहास बन जाया करते हैं, कांग्रेस पार्टी भी आजकल इसी का अनुसरण करती नज़र आ रही हैं। जब भी कांग्रेस के नेताओं द्वारा ऐसी बयानबाज़ी की जाती है, तो हर बार चुनावों में कांग्रेस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। अब फिर से मणिशंकर ने ऐसा किया है, और कांग्रेस भी उनका बचाव करने की पूरी कोशिश कर रही है, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

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