इन लोकसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा को भारी बहुमत मिला। भाजपा को 303 सीटों पर जीत हासिल हुई और यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाएगी। अब इसके साथ ही मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट के संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर अटकलें लगाए जाने का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि, इतना स्पष्ट है कि देश को एक नया विदेश मंत्री मिलने वाला है क्योंकि मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यह साफ कर चुकी हैं कि नई सरकार में विदेश मंत्रालय का पदाभार नहीं संभालेंगी। बेशक उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की बात को बड़ी मजबूती से रखा हो, लेकिन उनकी खराब सेहत के कारण उन्होंने इस बार लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा। हालांकि, भाजपा के कई नेता ऐसे हैं जिन्हें सुषमा स्वराज के विकल्प के तौर पर देश के विदेश मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
विदेश मंत्री के तौर पर मौजूदा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को नियुक्त किया जा सकता है। रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने कौशल का परिचय बखूबी दिया है। बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को विश्वास में लेना हो, या राफेल डील में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के मुंह को बंद करना हो, हर बार उन्होंने अपनी काबिलियत का उदाहरण पेश किया है। रक्षा मंत्रालय के पदाभार को संभालते हुए जिस तरह उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपना संवाद स्थापित किया, वह वाकई सराहनीय है। यही कारण है कि उन्हें सुषमा स्वराज की जगह विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।
निर्मला सीतारमण के अलावा इस पद का आभार स्वपन दासगुप्ता को भी सौंपा जा सकता है। स्वपन दासगुप्ता एक बेहतरीन जर्नलिस्ट के साथ-साथ सभी राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते आए हैं। वर्ष 2015 में साहित्य और शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पदम भूषण अवार्ड से भी नवाज़ा गया था। स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल राज्य से संबंध रखते हैं। इन लोकसभा चुनावों में भाजपा को राज्य में बड़ी कामयाबी मिली है और बंगाल से जुड़े एक शख्स को अपनी कैबिनेट में जगह देकर भाजपा सरकार राज्य के लोगों के बीच अपना विश्वास बढ़ाने की कोशिश कर सकती है।
इन दो नेताओं के अलावा जनरल वीके सिंह को भी विदेश मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। सेना का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते उन्हें देश के सामने आने वाले तमाम सुरक्षा खतरों का पूरा आभास है। वीके सिंह देश के मौजूदा विदेश राज्यमंत्री भी हैं, जिसका मतलब है कि विदेश मंत्री का पदाभार संभालने का उनके पास अच्छा-खासा अनुभव है। ऐसे में अगर उनको विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त किया जाता है, तो यह वाकई अच्छा फैसला साबित होगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढ़ते वर्चस्व के कारण विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारियां बढ़ी हैं, जिसके कारण एक काबिल और अनुभव शख्स का इस विभाग की ज़िम्मेदारी लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री किसे बनाया जाता है, इसका जवाब तो हमें कुछ दिनों के इंतजार के बाद ही मिलेगा, लेकिन इतना साफ है कि जिस भी व्यक्ति को यह मंत्रालय सौंपा जाता है, उससे तमाम देशवासियों को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।