मोदी कैबिनेट: कौन होगा देश का अगला मानव संसाधन विकास मंत्री?

मानव संसाधन विकास मंत्रालय

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों से यह साफ हो चुका है कि केंद्र में एक बार फिर एनडीए सरकार आने वाली है। हालांकि, केंद्र सरकार के नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को लेकर अभी से अटकलें लगाई जाने लगी हैं। चीन के बाद भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। ऐसे में देश के मानव संसाधन का विकास करना सरकार की बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में स्मृति ईरानी ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय का पदाभार संभाला, लेकिन वर्ष 2016 में भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर को इस विभाग की ज़िम्मेदारी सौंपी गई, जो उन्होंने बखूबी निभाई भी।

प्रकाश जावड़ेकर ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रहते हुए शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई अहम कदम उठाए। देश में नए आईआईटी और आईआईएम संस्थान के निर्माण को लेकर उनका सकारात्मक रवैया देखने को मिला। एचआरडी मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अध्यापकों, दिव्यांग छात्रों की भलाई के लिए कई सुधारवादी कदम उठाए। मोदी सरकार में एचआरडी मंत्री से पहले वे केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री भी रह चुके हैं, जिसके कारण सरकारी कामकाज को लेकर उनके पास अच्छा-खासा अनुभव है। केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया जिसके बाद उन्हें दोबारा एचआरडी मंत्रालय का पदाभार सौंपा जा सकता है।

जावड़ेकर के अलावा भाजपा के थिंक टैंक पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष, विनय सहस्त्रबुद्धे को भी अगले मानव संसाधन एवं विकास मंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है। उन्हें एक कुशल राजनीतिक विचारक के तौर पर देखा जाता है। राष्ट्रपति द्वारा उन्हें इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स का अध्यक्ष भी बनाया गया था। उनकी शैक्षणिक योग्यता की बात करें, तो मुंबई यूनिवर्सिटी से उन्होंने पीएचडी की है। विनय सहस्त्रबुद्धे एक महान बुद्धिजीवी होने के साथ-साथ एक अनुभवी भाजपा नेता हैं, और यही कारण है कि उन्हें अगले एचआरडी मंत्रालय का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

इन दो नेताओं के अलावा भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी इस विभाग का पादाभर सौंपा जा सकता है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2003 तक रमन सिंह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने अपने आप को एक कुशल नेता साबित किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ को देश का पहला ‘पावर कट फ्री’ राज्य घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी इसी योग्यता के कारण इस बार उन्हें केंद्र सरकार के एचआरडी मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है। 

मानव संसाधन का विकास करना विकासशील देशों के सामने एक बड़ी चुनौती रही है, जिसके कारण एक काबिल और अनुभवी शख्स का इस विभाग की ज़िम्मेदारी लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एचआरडी मंत्री किसे बनाया जाता है, इसका जवाब तो हमें कुछ दिनों के इंतजार के बाद ही मिलेगा। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं जिसे भी ये जिम्मेदारी सौंपी जाएगी वो पूरी निष्ठा के साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करेगा।

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