कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर भाजपा क्या संदेश देना चाहती है?

मोदी कैबिनेट कर्नाटक

PC: The Quint

प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह है। इसी के साथ मोदी कैबिनेट में संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर अटकलें लगाए जाने का दौर भी अब थम चुका है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार मोदी कैबिनेट में पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों से नेताओं को प्राथमिकता दी गई है। कर्नाटक से चार नेताओं को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है जबकि पश्चिम बंगाल से बाबुल सुप्रियो और देबाश्री चौधरी को नई मोदी सरकार में पदाभार सौंपा गया है। इन दोनों राज्यों में भाजपा को इस बार बड़ी सफलता मिली थी। पश्चिम बंगाल में जहां भाजपा को 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी, तो वहीं कर्नाटक की  28 लोकसभा सीटों में से भाजपा को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि 1 सीट एनडीए का समर्थन करने वाले एक स्वतंत्र उम्मीदवार के खाते में गई थी। केंद्रीय कैबिनेट में इन दो राज्य के छः नेताओं को जगह देकर भाजपा राज्य के लोगों में अपने लिए विश्वास पैदा करना चाहती है।

कर्नाटक से 4 मंत्रियों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। डीवी सदानंद देवगौड़ा और निर्मला सीतारमण को कैबिनेट में शामिल किया गया है। इन दो नेताओं के अलावा प्रह्लाद जोशी और सुरेश अंगाड़ी को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इन सभी नेताओं के पास कल पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से फोन किया जा चुका  था। सूत्रों के अनुसार इन सभी नेताओं की वरिष्ठता देखते हुए इन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

कभी उत्तर भारत और हिंदीभाषियों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा ने पहले पूर्वोत्तर भारत और अब दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के अलावा पश्चिम बंगाल में भारी जनसमर्थन हासिल करके इस भ्रम को पूरी तरह तोड़ दिया है। कर्नाटक की बात करें तो यह भारत का एकमात्र दक्षिण राज्य है जहां भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। यही कारण है कि मोदी कैबिनेट में राज्य से 4 नेताओं को शामिल किया गया है।आपको बता दें कि कर्नाटक के नेता निर्मला सीतारमण, डीवी सदानंद गौड़ा और प्रह्लाद जोशी को केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया है जबकि सुरेश अंगाड़ी और पश्चिम बंगाल के दोनों नेताओं को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया है जिसमें बाबुल सुप्रियो और देबाश्री चौधरी शामिल हैं। 

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