राहुल गांधी ने फिर से बोला खतरनाक झूठ, चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब, बीजेपी भी हमलावर

राहुल गांधी चुनाव आयोग झूठ

PC : indiatvnews

जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों में मतदान के चरण गुजरते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही कांग्रेस की छटपटाहट बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि, हार की आशंका से ग्रस्त कांग्रेस अध्यक्ष अब अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए झूठ और फरेब का सहारा ले रह हैं। अपने चौकीदार चोर है बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ढांट खाने के बाद माफी मांग चुके राहुल सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। यही कारण है कि, एक बार फिर उन पर चुनाव आयोग और प्रशासन की तलवार लटकती दिखाई दे रही है।

दरअसल, बीती 23 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के शहडोल में ऐसा ही एक झूठ लोगों के सामने बोला जिससे देखते ही देखते बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के दो दिन बाद ही 25 अप्रैल को भाजपा के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छाबड़ा बुढ़ार थाने में शिकायत लेकर पहुंच गए थे वहीं भाजपा की ओर से राहुल को मानहानी का नोटिस भेज दिया गया था। इसके बाद अब चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस भेजा है और 48 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। आयोग ने राहुल को विशेष संदेश वाहक के माध्यम से यह नोटिस भेजा गया है।

शडहोल की सभा में पीएम पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ‘नरेंद्र मोदी ने एक नया कानून बनाया है, आदिवासियों के लिए एक नया कानून बनाया है, उसमें एक लाइन लिखी है कि आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा। कानून में लिखा है कि आदिवासियों पर आक्रमण होगा। आपकी जमीन छीनते हैं, जंगल लेते हैं, जल लेते हैं और फिर कहते हैं कि आदिवासियों को गोली मार दी जाएगी। ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए।” राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में आदिवासियों को गोली मारने का कानून बनाती है। जमीन अधिग्रहण के मामले में अब देश के भीतर आदिवासियों द्वारा जमीन नहीं देने पर गोली मारने का प्रावधान है। कांग्रेस इस व्यवस्था को समाप्त करेगी।

राहुल गाँधी का यह बयान भ्रामक और सरासर झूठा बयान है। इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम सहित कई मीडिया संस्थानों ने राहुल के इस बयान को भ्रामक पाया है। दरअसल राहुल ने जो बात कही है, वह एक कानून में संशोधन के लिए विचाराधीन धाराओं में से एक है जिसे राहुल ने इस तरह पेश किया कि लोग भड़क जाएं। राहुल जिस बात का जिक्र कर रहे हैं वह विचाराधीन मुद्दा है। आपको बता दें कि, इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 कानून में सरकार बदलाव के लिए कदम उठा रही है जिसमें कई सारे नए प्रावधान जोड़ने की बात कही गई है।

इस एक्स में संशोधन का मसौदा सरकार ने 2019 की शुरुआत में ही तैयार किया था। जिसके बाद 7 मार्च को कानून में संशोधन का ये मसौदा पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजा और उनसे कहा कि इस बारे में विचार-विमर्श करके अपनी राय 7 जून 2019 तक केन्द्र सरकार को भेजें। फॉरेस्ट एक्ट में संशोधन का यह मसौदा पूरे 124 पेज का है। इस मसौदे में आदिवासी इलाकों में फॉरेस्ट ऑफिसर्स को कई ऐसे नए अधिकार दिये हैं जो उनके पास पहले कभी नहीं थे। इन अधिकारों से ये अधिकारी कानूनी तौर पर काफी सक्षम हो जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मसौदे में ऐसे कई अपराधों को गैरजमानती बनाने की बात कही गई है, जो अभी तक जमानती अपराध माने जाते हैं। मसौदे में यह भी है कि, कुछ निश्चित अपराधों में खुद को निर्दोष साबित करने की ज़िम्मेदारी आरोपी की होगी और जब तक वो ऐसा साबित नहीं कर दे, उसे दोषी ही माना जाएगा।

इस मसौदे में पेज नंबर 84 के पांइट नंबर 66 में अधिकारियों को गोली चलाने का अधिकार देने की बात भी है। इसके अनुसार अगर फॉरेस्ट एक्ट 1927 अथवा वन्य जीव संरक्षण कानून 1927 के तहत किसी अपराध को रोकने के लिए या किसी अपराधी को पकड़ने के लिए जरूरत हुई, तो वन अधिकारी बंदूक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। साथ ही इस बिंदु में यह भी लिखा गया है कि, इस दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि नुकसान कम से कम हो।

यहां महत्वपूर्ण यह है कि, इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 कानून में संशोधन करने के लिए ये सभी प्रावधान अभी केवल मसौदे में ही है। इस मसौदे के बारे में राज्य सरकारों को अपने विचार भेजने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि, इस संशोधन के लिए मसौदे को दोनों सदनों से पास करवाना पड़ेगा। जब संसद की स्थायी समिति से पास होकर इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी तभी कानून में यह संसोधन होगा।

अभी किसी भी सूरत में यह नहीं कहा जा सकता कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 कानून में ये संशोधन आ पाएंगे क्योंकि अभी तक तो राज्यों द्वारा ही इस मसौदे पर अपने विचार भेजना बाकी है। इस सबके बावजूद राहुल गांधी ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र शडहोल की चुनावी सभा में दावा किया कि, मोदी सरकार ने एक ऐसा कानून बना दिया है, जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है। राहुल का यह बयान सरासर झूठ है, फरेब है। जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष चौकीदार चोर है वाले बयान में फंसे हैं उसी तरह बल्कि उससे भी बुरी तरह अब वे अपने इस बयान को लकर फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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