INS विराट को प्राइवेट टैक्सी बनाने वाले पीएम मोदी के बयान के पीछे का पूरा सच

राजीव गांधी मोदी

PC: Aaj Tak

देश की राजनीति में आजकल पूर्व प्रधानमंत्री ‘राजीव गांधी’ का नाम ट्रेंड कर रहा है। पिछले दिनों अपनी रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर 1 कहा था, जिसके बाद पूरी कांग्रेस पार्टी अपने पूर्व प्रधानमंत्री के बचाव में कूद पड़ी। ऐसा लग रहा था मानो पीएम मोदी ने कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया हो। इसके बाद पीएम मोदी ने कल अपनी दिल्ली की रैली में भी राजीव गांधी पर हमला जारी रखा और कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने देश की रक्षा में तैनात युद्धपोत आईएनएस विराट को अपनी फ़ैमिली वैकेशन के लिए एक ‘टैक्सी’ के तौर पर इस्तेमाल किया। पीएम मोदी द्वारा इस चुनावी फ्लैशबैक स्टोरी का ज़िक्र किए जाने के बाद कांग्रेस अब दोबारा विवादों में घिरती नज़र आ रही है।

इन लोकसभा चुनावों में दिल्ली की अपनी पहली रैली में पीएम मोदी ने कहा ‘साथियों क्या कभी आपने सुना है कि कोई परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियाँ मनाने जाए? कांग्रेस के सबसे बड़े इस नामदार परिवार ने देश की आन-बान-शान आईएनएस विराट का अपनी पर्सनल टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था। ये बात तब की है जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। आईएनएस विराट उस समय देश की समुंद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात था, लेकिन उसे छुट्टियां मनाने जा रहे गांधी परिवार को लेने के लिए भेज दिया। पूरा परिवार एक खास द्वीप पर वह जहाज 10 दिनों तक रुका रहा। उनके साथ राजीव गांधी के ससुराल वाले भी थे। सवाल ये क्या भारतीय युद्धपोत पर विदेशियों को ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया था कि नहीं?’

आपको बता दें कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान वर्ष 1987 में पूरा गांधी परिवार छुट्टियां मनाने के लिए अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप बंगाराम पहुंचा था। उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के 4 दोस्त, पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन एवं राजीव गांधी के ससुराल वाले भी थे। गांधी परिवार को युद्धपोत आईएनएस विराट पर अरेबियन सी के बीच से बंगाराम द्वीप पर ले जाया गया था और 10 दिनों तक वह युद्धपोत वहीं खड़ा रहा था। इतना ही नहीं, युद्धपोत के साथ-साथ भारतीय नौसेना की एक सबमरीन को भी वहां मौजूद रहने के निर्देश दिये गए थे। गौरतलब है कि उस वक्त भारतीय नौसेना सबमरीन की भारी कमी से जूझ रही थी, लेकिन इसके बावजूद एक सबमरीन को गांधी परिवार की छुट्टियों को सहूलियत प्रदान करने के लिए लगा दिया गया। इसके अलावा राहुल-प्रियंका गांधी के 4 दोस्तों को द्वीप की सैर कराने के लिए लक्षद्वीप प्रशासनिक हेलिकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया था।

देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना कांग्रेस सरकारों की पुरानी आदत रही है। नेहरू-सरकार के दौरान वर्ष 1948 का जीप कांड हो या फिर राजीव गांधी सरकार के समय हुआ बोफोर्स घोटाला, हर बार देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया। इतना ही नहीं, देश के सुरक्षा तंत्र को कमजोर करने की कांग्रेस की ये कोशिशें आज भी जारी हैं। कांग्रेस देश की सेना से उसके विशेष अधिकार वापस छीनना चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस देशद्रोह के कानून को भी समाप्त करना चाहती है। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है जिसने आजादी के बाद लगभग 55 सालों तक देश की सत्ता को अपनी मुट्ठी में रखा है। कांग्रेस इन्हीं 55 सालों के राज का हवाला देते हुए शुरू से अपनी पीठ थपथपाती आई है, हालांकि इस दौरान हुए घोटालों का यदि कोई ज़िक्र करता है, तो कांग्रेस को इससे भारी पीड़ा होती है। इस दोहरे मापदंड पर कांग्रेस को अपना स्पष्टीकरण जरूर देना चाहिए।

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