रिपब्लिक भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को सिर्फ ठगा है

कांग्रेस कमलनाथ

PC: latestly

रिपब्लिक भारत ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खुलासा किया है कि किस तरह से मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अन्नदाताओं को कर्जमाफी के नाम पर ठगा है।  ‘ऑपरेशन कर्जमाफ़ी’ में रिपब्लिक भारत ने मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किस तरह से किसानों को धोखा दिया है और झूठे वादे कर सरकार बनाई थी। इस कड़ी में मध्य प्रदेश में कर्जमाफी को लेकर जो खुलासा हुआ है वो बेहद चौंका देने वाला था।

 

 

कांग्रेस के खोखले वादे का खुलासा खुद कांग्रेस के विधायक ने किया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को 10 दिनों के भीतर कर्जमाफी का वादा किया था लेकिन क्या सच में 10 दिनों के अंदर कर्ज माफ कर दिए गये? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के विधायक बोल शर्मनाक थे। विधायक का कहना था कि जब बच्चा 9 महीने में पैदा होता है तो कर्जमाफी 10 दिनों में कैसे हो सकती  है। 

मध्य प्रदेश के विदिशा से कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव से जब रिपब्लिक के रिपोर्टर ने किसानों के कर्जमाफी से जुड़ा सवाल पूछा तो उनके जवाब कुछ ऐसे थे:

कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव: 10 दिन की जो बात आपने कहीं ना, एक किसान तो मेरे ही पीछे पड़ गए कि विधानसभा में 10 दिन का कहा था और तुम 70 दिन बाद आए हो।

रिपोर्टर: फिर

शशांक भार्गव:  मैने कहां सुनो तो मेरी बात दादा। वो बोले नहीं नहीं नहीं। कह रहे थे भैया 10 दिन की बात थी, हमारे खाते में पैसे नहीं आए। मैंने कहा ये बताओ तुम्हारे घर में या गांव में यदि किसी के औलाद नहीं हो तो क्या करता है। मैने कहां किसी बाबा के पास जाता है, किसी मंदिर में जाता है। एक कमलनाथ बाबा मिल गया, और उसने कह दिया जाओ 10 दिन में हो जाएगा। तो 10 दिन में गोद तो भर जाएगी, लेकिन बच्चा तो 9 महीने में ही होगा।

इस जवाब में कांग्रेस विधायक के बोल तीखे हैं और स्पष्ट भी हो रहा है सिर्फ दस दिनों में किसानों के कर्जमाफी का वादा एक जुमला था। अब राहुल गांधी भी इसपर कुछ बोलते नजर नहीं आ रहे  और न ही वो अब ये बताएंगे कि किसानों का कर्जा माफ़ अभी तक क्यों नहीं हुआ।

और भी कई सवाल उनसे किये गये इसके बाद रिपब्लिक भारत के रिपोर्टर ने जब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामचन्द्र दांगी से कर्ज माफ़ी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि उनका 4-6 लाख 10 लाख रुपया माफ हो गया है। जब रिपोर्टर ने पुछा कि कैसे दो लाख से ज्यादा उनका कर्ज माफ़ हुआ तो वो बातें घुमाने लगे। यहां तक कि जिस बैंक का नाम लिया वो भी को-ऑपेरेटिव बैंक नहीं था लेकिन बाद में वो बात घुमाने लगे। हालांकि, यहां ये समझ नहीं आया कि कर्जमाफी का ऐलान तो दो लाख रुपये का हुआ था ऐसे में उनके 10 लाख रुपये कैसे माफ़ हो गये? यही नहीं पहले रामचन्द्र दांगी ने बोला कि राष्ट्रीय बैंक ने कर्जमाफ किया है और फिर  उन्होंने  को-ऑपेरेटिव बैंक का नाम ले लिया। जबकि नियम कहता है कि पूर्व या मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष को कर्जमाफी का फायदा नहीं मिलेगा। ऐसे में इन महाशय को कैसे कर्ज माफ़ी का फायदा मिल गया? इसका मतलब साफ़ है कुछ तो घोटाला हुआ है और कांग्रेस और उसके विधायक सच को छुपाया जा रहा है। राजगढ़ से कांग्रेस विधायक बापुसिंह तंवर और विधायक गोवर्धन दांगी  भी कमलनाथ सरकार के झूठे वादों की पोल खोल रहे हैं। इन विधायकों ने बताया कि राज्य के खजाने में पैसे नहीं है ऐसे में प्रदेश सरकार कैसे बिना फंड के कर्ज माफ़ करेंगे ये समझना मुश्किल है। स्पष्ट रूप से अपना हित साधने के लिए कांग्रेस ने कर्ज माफ़ी के नाम पर झूठा वादा किया, किसानों की भावनाओं से खेला और अब कांग्रेस फिर से उन्हें गुमराह कर रही है और कह रही है 15 जून तक कर्ज माफ़ कर दिया जायेगा।

रिपब्लिक भारत की ये रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हवा-हवाई वादे किये थे और अन्नदाताओं के साथ धोखा किया जिससे वो सत्ता में काबिज हो सकें। यही नहीं अभी भी वो कर्ज माफ़ी के नाम पर इन लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के सपने देख रहे हैं।

सच कहें तो हमेशा ही कांग्रेस पार्टी ने यही किया है किसानों को कर्जमाफी के नाम पर ठगा है और सालों तक देश की सत्ता पर राज किया है। हालांकि, अब कांग्रेस का सच जनता के सामने है और अब लोकसभा चुनाव में किसान कांग्रेस के इन झूठे वादों के लिए क्या जवाब देती है ये देखना दिलचस्प होगा।

Exit mobile version