टीम इंडिया को इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 30 जून को परंपरागत नीले ड्रेस की बजाए नारंगी ड्रेस पहनकर खेलना है। टीम इंडिया ने अभी यह ऑरेंज जर्सी पहनी भी नहीं लेकिन उससे पहले ही इस पर राजनीतिक पार्टियों ने इसका राजनीतिकरण शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी और महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष नसीम खान ने भारतीय टीम के नारंगी ड्रेस पर सवाल उठाए हैं। नसीम खान ने कहा कि ‘खेल हो या सांस्कृतिक इवेंट्स पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने भगवा राजनीति का ट्रेंड शुरू कर दिया है।‘ वहीं सपा नेता अबु आजमी ने कहा,’मोदीजी पूरे देश का भगवाकरण करना चाहते हैं। एक मुस्लिम ने ही तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था। और तिरंगे में और भी रंग है। नारंगी को क्यों चुना गया। यह अच्छा होता कि जर्सी का रंग तिरंगे पर ही होता।‘
जर्सी को लेकर भी विपक्ष ने अवसर देखते ही भाजपा को घेरना शुरू कर दिया. भगवा का अर्थ सिर्फ भाजपा से ही जोड़कर देखना कहां तक सही है? भगवा को शौर्य और विजय का प्रतिक भी माना जाता है। और तो और बौद्ध धर्म के भिक्षुओं के कपड़ों का रंग भी भगवा ही है। ऐसे में भगवा को लेकर इस तरह की राजनीति समझ से परे है।
वास्तव में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी को लेकर विपक्ष की राजनीति यह दर्शाती है कि उनके पास मुद्दो की कितनी कमी है। वो जानबुझकर ऐसे मुद्दों को उठा रही हैं जो महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि अब खेल को लेकर इनकी घटिया राजनीति बेहद शर्मनाक है।
बता दें कि भारतीय टीम को पहले ही आईसीसी नए जर्सी के लिए सहमति दे चुका है। आईसीसी ने अपने एक बयान में जर्सी के रंग को लेकर कहा था, ‘बीसीसीआई को जर्सी के रंग को चुनने के लिए रंगों का विकल्प दिया गया था और उन्होंने वही चुना जो उन्हें जर्सी के साथ फिट लगा।‘ अलग जर्सी का रंग चुनने के पीछे का मकसद भारतीय टीम की जर्सी का रंग इंग्लैंड के नीले रंग की जर्सी से अलग करना था जिससे दो टीमों की जर्सी एक जैसी न लगे। ये आईसीसी के नियमों के अंतर्गत आता है।
विश्व कप शुरू होने से पहले आईसीसी ने एक नया आदेश दिया था कि आईसीसी के टूर्नामेंट में सभी प्रतिभागी टीमों को दो अलग-अलग रंग का किट रखना होगा। मेजबान देश को आईसीसी टूर्नामेंट में खेलते हुए अपनी जर्सी के रंग को बरकरार रखना होगा। इसलिय 30 जून को होने वाले मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को अलग रंग की जर्सी पहननी होगी।
इस पर बीसीसीआई के कार्यवाहक अक्ष्यक्ष सीके खन्ना ने मीडिया से कहा कि ‘टीम इंडिया की जर्सी का रंग बोर्ड ने तय किया है।‘ उन्होंने आगे कहा, ‘टीम इंडिया इस जर्सी को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले वर्ल्ड कप मुकाबले में पहनकर उतरेगी। अब इस जर्सी को लेकर देश में हो रही राजनीति में बोर्ड किसी प्रकार का दखल नहीं देगा।‘बीसीसीआई के बयान से स्पष्ट है कि भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का रंग कैसा होगा इसे तय करने में भाजपा और केंद्र सरकार किसी का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
अब यह सोचने वाली बात है कि विपक्ष क्रिकेट को राजनीति मे क्यों ल रहा है। बीसीसीआई एक स्वतंत्र संस्था है। और अपना फैसला खुद लेता है। इसमें बीजेपी और मोदीजी कहां से आ गये। विपक्ष को यह सोचना चाहिए कि कम से कम क्रिकेट और उसकी जर्सी पर राजनीति न करे।