माइक्रो ब्रुअरी के गठन से यूपी में अब मिलेगी फ्रेश बियर

pc: Hindustan

हाल ही में यूपी सरकार की कैबिनेट ने राज्य में माइक्रो ब्रुअरी के गठन को अपनी स्वीकृति दी है। यानि अब यूपी के पास बिना समुद्री तटों के अपना गोवा बनाने का सुनहरा अवसर मिलेगा है।

राज्य के ऊर्जा एवं राज्य सरकार के मुख्य प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने प्रेस संवाददाताओं को संबोधित करते हुए इस निर्णय की जानकारी दी। उनके अनुसार, ‘राज्य में विभिन्न होटलों, रेस्टोरेंट, बार इत्यादि में कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के तर्ज़ पर माइक्रो ब्रुअरी का गठन किया जाएगा, जिसके लिए उत्तर प्रदेश ब्रुअरी अधिनियम में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।‘ इसके अलावा सरकार ने रायबरेली में एम्स के गठन के लिए 78 जर्जर सरकारी क्वार्टर गिराने के आदेश दिये हैं, और एसजीपीजीआई में रेसिडेंट डॉक्टरों की अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 37 वर्ष कर दी है।

श्रीकान्त शर्मा ने यह भी बताया कि इस तरह की माइक्रो ब्रुअरी की स्वीकृति महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, दिल्ली एवं तेलंगाना जैसे राज्य पहले ही दे चुके हैं।

इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी आधिकारिक स्वीकृति ले ली गयी है। पर आखिर माइक्रो ब्रुअरी है क्या? इसके गठन से उत्तर प्रदेश को क्या लाभ मिलेगा? माइक्रो ब्रुअरी का बीयर की तुरंत उत्पत्ति में उपयोग किया जाता है, जिसका कई होटलों, रेस्टोरेंट और बार में उपयोग काफी प्रचलित है। चूंकि नोएडा और गाज़ियाबाद जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों में शराब की खपत काफी अधिक है, इसलिए सरकार ने इस निर्णय पर सहमति जताई है।  

श्रीकांत शर्मा के अनुसार, ताज़ी बीयर बनाने के लिए नए लाइसेन्स का मूल्य ढाई लाख रुपये प्रतिवर्ष होगा, जिसका मूल्य पहले पच्चीस हज़ार रुपये प्रतिवर्ष था। प्रतिदिन एक लाइसेन्स धारक नए नियमों के अनुसार 600 लीटर बीयर का निर्माण कर सकता है, और साल भर में तकरीबन 2.10 लाख लीटर बीयर निर्मित करने की स्वीकृति मिलेगी। नए अधिनियमों की किसी भी धारा का उल्लंघन पर 5000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी लगेगा।  

सरकार के अनुसार, इस कदम से राज्य में विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि होगी। इसके साथ ही राज्य को न केवल पर्यटन में वृद्धि से पर्याप्त राजस्व मिलेगा, बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा इस निर्णय से यूपी सरकार की बहुचर्चित गौरक्षा विभाग को आवारा गायों की रक्षा के लिए उचित राजस्व भी मिलेगा। कुल मिलाके यदि संक्षेप में कहे, तो एक ही तीर से सरकार कई लक्ष्य भेदने में सफल रहेगी।

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