बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के रुख में नरमी के पीछे का एक बड़ा कारण सामने आया है जो पाकिस्तान के डर को स्पष्ट रूप से बयां कर रहा है। दरअसल, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके बाद भारत ने समुद्र के रास्ते पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी भी की थी। इसके लिए करीब 21 दिनों तक भारतीय नौसेना ने 21 दिनों तक पाकिस्तान पनडुब्बी के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था। यही नहीं इस सर्च ऑपरेशन में परमाणु हथियारों से युक्त आईएनएस चक्र और स्कॉर्पीयन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भी लगाया गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की हर गतिविधि पर भारतीय सेना नजर बनाये हुई थी, लेकिन एक सरकारी रिपोर्ट् के अनुसार भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गयी एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की आधुनिक अगोस्टा श्रेणी की पनडुब्बी- पीएनएस साद कराची के पास से अचानक गायब हो गयी थी। पीएनएस साद में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन लगा होता है जिससे पनडुब्बी आम पनडुब्बी के मुकाबले अधिक समय तक पानी में रह सकती है। जैसे ही ये पनडुब्बी गायब हुई वैसे ही भारतीय नौसेना पूरे एक्शन में आ गयी।
सरकारी सूत्र ने बताया कि “कराची के पास का स्थान जहां से पीएनएस साद गायब हुई, वहां से वह तीन दिनों में गुजरात तट और पांच दिनों के भीतर मुंबई में पश्चिमी बेड़े के मुख्यालय तक पहुंच सकती है। जिससे देश की सुरक्षा के लिए काफी बड़ा खतरा दिख रहा था।“ ऐसे में खतरे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था और हर उस स्थान पर गयी जहां निर्धारित समय में पाकिस्तान की पनडुब्बी के पहुंचने की संभावना थी। यहां तक कि भारतीय नौसेना ने पी-8आईएस हेलीकॉप्टर को भी सर्च के लिए लगाया साथ ही सैटेलाइट का भी सहारा लिया था।
यही नहीं भारतीय नौसेना अरब सागर में खासकर पाकिस्तानी जल पर नजर बनाये हुए थे। यहां तक कि उत्तरी अरब सागर 60 में अधिक युद्धपोतों भी तैनात कर दिया था जिससे पाकिस्तानी पनडुब्बी को ढूंढने में मदद मिल सके। इन युद्धपोतों में विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य शामिल भी शामिल था। 21 दिनों की तलाश के बाद आखिरकार भारतीय नौसेना को कामयाबी मिली और पनडुब्बी- पीएनएस साद पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में मिली।
दरअसल, भारतीय नौसेना की इस तेज कार्रवाई से पाकिस्तान में डर बैठ गया था कि कहीं एयर स्ट्राइक के बाद भारत समुद्र के रास्ते एक और बड़ा स्ट्राइक न कर दे जिस वजह से उसने अपने पनडुब्बी- पीएनएस साद को छुपा दिया था। ताकि वो युद्ध की स्थिति में भारत पर चुपके से हमला कर सके। हालांकि, पाकिस्तानी नौसेना के किसी भी तरह के एक्शन को रोकने के लिए भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सीमा पर आक्रामक रुख अपनाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और कड़ा संकेत दिया।
इससे स्पष्ट है कि जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम सीमा पर था तब पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के आक्रामक रुख का सामना करने के लिए छुपकर हमला करने की योजना बनाई थी। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा में उस समय कहा भी था, पाकिस्तान यह अच्छी तरह से जानता है कि भारतीय नौसेना हर स्तर पर पाकिस्तानी नौसेना से कहीं ज्यादा मजबूत है। यही कारण था कि पाक ने अपने युद्धपोत को मकरान तट के पास ही रखा था उसे समुद्र में नहीं भेजा था।” स्पष्ट है कि पाकिस्तान भारत की ओर से संभव मजबूत नौसैनिक कार्रवाई से डरा हुआ था।