राहुल गांधी, डॉग यूनिट्स का अपमान करने से पहले उनके बारे में थोड़ा जान लेते तो बेहतर है

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को पूरे विश्व मे धूम धाम से मनाया गया। देशभर में जगह जगह विभिन्न राजनेताओं और हस्तियों ने योग दिवस में काफी उत्साह से हिस्सा लिया। हालांकि, कुछ लोगों को योग दिवस की भव्यता भी नागवार गुज़री। इन्हीं में अग्रणी थे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी, जिन्होंने इस अवसर पर बड़ा ही आपत्तीजनक ट्वीट डाला

इस ट्वीट में उन्होंने योगासन कर रहे आर्मी डॉग यूनिट का अपमान किया जो देश की सुरक्षा के लिए काम करते हैं। ‘नए इंडिया’ का तंज़ निस्संदेह भाजपा को कटघरे में लेने की तरफ ही इशारा कर रहा था। लेकिन अपने अंधविरोध में राहुल गांधी ने न सिर्फ देश के जवानों का अपमान किया बल्कि आर्मी ओडग यूनिट का भी अपमान किया।

निस्संदेह राहुल गांधी का भारतीय सेना के प्रति घृणा सर्वविदित है। लेकिन आर्मी डॉग यूनिट के बहादुर श्वानों का इस तरह भद्दा मज़ाक बनाना उनके निम्न स्तर को दर्शाता है। यदि आपको योग दिवस पसंद नहीं तो ये आपका मत है, बल्कि अंधविरोध में इतनी निकृष्टता कहां की समझदारी है? यहां पर राहुल गांधी ने अपने अंधविरोध में बहादुर श्वानों का मज़ाक उड़ाया गया है, जिन्होंने किसी सैनिक की भांति ही देश की निस्वार्थ भावना से सेवा की है, और अपनी जान तक दांव पर लगाने से नहीं चूके हैं।

यदि राहुल गांधी का सामान्य ज्ञान सही होता तो उन्हें ये अच्छी तरह ज्ञात होता की इस देश में ज़ंजीर, सीज़र, टाइगर और सुल्तान जैसे कई बहादुर श्वान रहे हैं, जिन्होंने अपनी जान दांव पर लगाकर देश को कई भीषण आतंकी हमलों से बचाया है। ये ज़ंजीर का ही प्रताप था, जिसके कारण 1993 के ब्लैक फ्राइडे ब्लास्ट्स में 6 बम विस्फोट को सफलतापूर्वक निष्क्रिय सिद्ध किया गया।

यदि मुंबई पुलिस को ज़ंजीर का साथ नहीं मिलता, तो न जाने कितने और मासूम उन बम विस्फोटों की बलि चढ़ जाते। अपनी सूझबूझ से ज़ंजीर ने पूरे मुंबई में लगभग 3329 किलोग्राम विस्फोटक आरडीएक्स, 600 डेटनेटर, 249 हैंड ग्रेनेंड्स और 6406 जीवित युद्ध सामग्री को ढूंढ निकाला था। जब ज़ंजीर की 2000 में बोन कैंसर से मृत्यु हुई, तो मुंबई पुलिस ने पूरे राजकीय सम्मान सहित उसका अंतिम संस्कार किया था।

इतना ही नहीं, ज़ंजीर जैसे और भी बहादुर श्वान रहे हैं, जिन्होंने या तो भारतीय पुलिस, या फिर भारतीय सेना का सदस्य बनकर इस देश को कई आतंकी हमलों से बचाया है। सीज़र, मैक्स, टाइगर और सुल्तान की चौकड़ी ने जिस तरह 26/11 के हमलों में करोड़ों मुंबई वासियों को कई और बम विस्फोटों से भी बचाया वो भला कैसे कोई भुला सकता है। जब 2013 में मैक्स की मृत्यु हुई, तो ये तीनों ही इस सदमे से नहीं उबर पाये, और कुछ ही महीनों में बाकियों की भी मृत्यु हो गयी। इन सभी की मृत्यु पर लगभग पूरा मुंबई शोक में डूब गया था।

अब ऐसी स्थिति में तो राहुल गांधी की चौतरफा आलोचना होनी तय थी, और ऐसा हुआ भी। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पूर्व सांसद परेश रावल, और युवा संसद तेजस्वी सूर्या ने राहुल गांधी को इनके बड़बोले ट्वीट के लिए जमकर लताड़ा। यहां तक कि आम जनता ने भी खूब आलोचना की।

शायद राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाये हैं, जिसके कारण वे अपना सुध-बुध खो बैठे हैं। पहले शपथ लेने के बाद रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना भूल गए, उसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण की अवमानना करते हुए सदन में अपने स्मार्टफोन में ही व्यस्त हो गए, और अब तो उन्होंने हद ही कर दी। अगर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को हार से इतना ही सदमा लगा है तो हार की समीक्षा के साथ मन की शांति के लिए योग कर लें.

 

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