राजदीप सरदेसाई ने फिर अलापा मोदी विरोधी राग

राजदीप सरदेसाई

दुनिया में कुछ भी बदल सकता है, पर यदि कुछ नहीं बदलेगा तो वो है राजदीप सरदेसाई का मोदी विरोध। अपने मोदी विरोध के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले राजदीप सरदेसाई ने इस बार पीएम मोदी के लोक सभा में भाषण को तोड़ मरोड़कर अपने एजेंडे के अनुरूप पेश करने का प्रयास किया है।

हाल ही में लोक सभा के सत्र के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर शुरू हुई चर्चा में अपना मत रखा। इनहोने आपातकाल से लेकर अपने पिछले सरकार के कार्यकाल के हर मुद्दे को बिना किसी संकोच के सबके समक्ष रखा, और ओछी राजनीति के लिए काँग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। पर राजदीप अपना एजेंडा चलाने से कहाँ बाज़ आने वाले थे, इनहोने यहाँ पर भी अपना मोदी विरोध

पीएम मोदी के भाषण के तुरंत बाद इंडिया टुडे पर प्रकाशित अपनी चर्चा के दौरान राजदीप सरदेसाई पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुये उन्हे अभी भी चुनावी मोड से ग्रसित सिद्ध करने का घटिया प्रयास किया।

इनके अनुसार, ‘क्या हमारे प्रधानमंत्री अभी भी चुनावी मोड में है, जो गांधी परिवार को निशाने पे ले रहे हैं? या ये वो प्रधानमंत्री जो शोर शराबे से ऊपर उठकर विपक्ष को अपना हाथ बढ़ाए और कहे कि चलो, हम एक साथ कम करते हैं। चलो, भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करें। हमें ये भी बताएं कि ये कैसे होगा? क्या उन्हे अपने दृष्टि से नहीं अवगत कराना चाहिए, बजाए इसके कि गांधी परिवार से अपनी पुरानी दुश्मनी को जारी रखे?

अब इस बात से दो बातें समझ में आती हैं : या तो राजदीप सरदेसाई टीवी नहीं देखते, या फिर मोदी के अंधविरोध और नेहरू गांधी परिवार की ग़ुलामी में वे इतने अंधे हो गए हैं कि वे पीएम मोदी के भाषण को जानबूझकर अनदेखा कर देते हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान ये साफ ज़ाहिर किया था कि कैसे वे मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिये भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में अपना योगदान देना चाहते हैं। इसी बात को एक ट्विट्टर यूज़र, जो यो यो फनी सिंह के नाम से अकाउंट चलाते हैं, ने सामने रखते हुये राजदीप सरदेसाई के ढोंग को उजागर कर दिया है-

उन्होंने चीन के आयुध निर्माण का उदाहरण देते हुये ये भी बताया कि कैसे नीतिगत पंगुता और सरकारी विफलताओं के कारण आज भारत आयुध के सबसे बड़े आयातक बनने को विवश हुआ है, जबकि जो चीन आयुध निर्माण में भारत की स्वतन्त्रता के समय कहीं नहीं ठहरता था, वो आज आयुध उत्पाद विदेशों में निर्यात करता है।

यह पहला अवसर नहीं है जब राजदीप सरदेसाई ने नेहरू गांधी परिवार के चाटुकारिता में भ्रामक खबरों को बढ़ावा दिया हो। जब ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ बायोपिक के लोकसभा चुनावों से पहले प्रदर्शित होने पे सवाल उठाए जा रहे थे, तो राजदीप सरदेसाई ने अपने चैनल के माध्यम से यह अफवाह फैलाई कि ‘द ताशकंद फाइल्स’ काँग्रेस के नेतृत्व को गलत तरह से निशाने पे ले रही है और इसीलिए उसपर भी रोक लगनी चाहिए। ईसपे विवेक अग्निहोत्री ने राजदीप द्वारा ट्विट्टर पर ब्लॉक होने के बावजूद उन्हे आड़े हाथों लेते हुये विरोधस्वरूप ट्वीट पोस्ट किया।

इतना ही नहीं, इनहोने तो पीएम मोदी के चुनावी रैली के दौरान दिये गए एक भाषण को भी सांप्रदायिक रंग देने का बेहद घटिया प्रयास किया। इनहोने पीएम मोदी के भाषण पर कुछ ऐसी प्रतिक्रिया दी –

सच्चाई हालांकि कुछ और ही थी। ऐसे शब्दों का पीएम मोदी ने अपनी रैली में कभी इस्तेमाल ही नहीं किया, और इसके लिए राजदीप को जमकर सोशल मीडिया पर लताड़ा गया –

अपने इस विषैले एजेंडे के लिए राजदीप हर कोने से लताड़े जा चुके हैं। यहां तक कि प्रणव मुखर्जी, सौरव गांगुली और सानिया मिर्ज़ा ने भी इनके एजेंडे के लिए इन्हे आड़े हाथों लिया। प्रचलित लेखक एवं पत्रकार आनंद रंगनाथन ने काफी समय पहले राजदीप के इसी विरोधाभासी व्यवहार कि पोल खोलते हुये एक लंबा ट्विट्टर थ्रेड डाला था। लेकिन राजदीप सरदेसाई के मौजूदा व्यवहार को देखते हुये ऐसा तो बिलकुल नहीं प्रतीत होता है कि वे निकट समय में अपनी हरकतों से बाज़ आएंगे। शायद वो भूल रहे हैं

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