एक रुके हुए शहर से दौड़ता हुआ महानगर – नोएडा 1 साल में बहुत बदल चुका है

PC: realtymonks.co

दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए नोएडा किसी स्वर्ग से कम नहीं है। चाहे वो किसी भी वर्ग का व्यक्ति हो सभी के लिए इस क्षेत्र में कुछ न कुछ जरूर है चाहे वो घर हो, अपार्टमेंट हो या रोजगार हो। राष्ट्रीय राजधानी से कम दूरी और बाकी क्षेत्रों के मुक़ाबले कम दाम में जमीन या जायदाद की वजह से लोगों के लिए नोएडा एक उपनगर की तरह है। लेकिन यहां के ट्रैफिक की वजह से लाखों निवासी और ऑफिस जाने वालों का दिन खराब हो जाता है। ट्रैफिक व्यवस्था में प्लानिंग में कमी के कारण और लोगों के ट्रैफिक नियमों को न मानने के कारण यह समस्या और भी बढ़ जाता है।

लेकिन यूपी की सत्ता में आने के बाद से योगी सरकार इस भीड़-भाड़ की समस्या से निपटने के लिए कमर कस चुकी थी। एक सर्वे के दौरान नोएडा के अधिकारियों और शहर की ट्रैफिक पुलिस ने पूरे नोएडा में 26 चोक पॉइंट निर्धारित किया। एक विशेषज्ञ की टीम इस बात पर रिसर्च भी कर रही है कि नोएडा को विसंकुलित कैसे किया जाए। अधिकारियों के अनुसार ये सभी चोक पॉइंट बहुत ज्यादा भीड़-भाड़ वाले है और यहां ट्रैफिक जाम भी लगा रहता है। इन सभी चोक पॉइंट को ड्रोन की मदद से चिन्हित किया गया था। महामाया फ्लाईओवर, सेक्टर 37 जंक्शन, सेक्टर 71, सेक्टर 60/61 चौराहा, ममूरा चौक, सिटी सेंटर, सेक्टर 15 चौराहा(इंडियन ऑयल बिल्डिंग के पास), अट्टा पीर चौक, सेक्टर 18 मेट्रो स्टेशन के पास अट्टा चौक, बोटैनिकल गार्डन, सेक्टर 12/22 और अन्य स्थानो को चोक पॉइंट के तौर पर निर्धारित किया गया है।

यहां की ट्रैफिक के एक गहन अध्ययन के दौरान नोएडा की सड़कों, मास्टर प्लान (एमपी) -1, एमपी -2 और एमपी -3 सड़कों, दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) रोड, रोड नंबर 6 सहित सभी सड़कों का ट्रैफिक वॉल्यूम का अध्ययन किया गया।

अधिकारियों के अनुसार हाल के वर्षों में इन सड़कों पर यातायात कई गुना बढ़ गया है। नोएडा ट्रैफिक सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “इन 26 चोक पॉइंट्स पर अलग अलग कारणों से जाम रहता है। यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए स्लिप रोड, ट्रैफिक सिग्नल, स्टॉप सिग्नल और जेब्रा क्रॉसिंग की आवश्यकता होती है। सड़क विक्रेताओं द्वारा फुटपाथ का अतिक्रमण और इन सड़कों पर लोगों द्वारा पार्किंग के कारण ट्रैफिक जाम लग जाते हैं। इससे निपटने के लिए अध्ययन चल रहा है और विशेषज्ञों द्वारा बताए गए उपायों को लागू किया जाएगा।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एक पैनल बनाया है जों नोएडा को भीड़भाड़ से छुटकारा दिलाने के लिए एक तीन चरण की योजना पर काम करेगा। राज्य की योगी सरकार ने इन योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इसके लागू होने के बाद, नोएडा की सड़कों पर कई बदलाव होंगे। एक नया बस स्टैंड भी  बनाया जाएगा। और स्कूल बसों को स्कूल कैम्पस के अंदर ही पार्क करना अनिवार्य होगा, इससे शहर की सड़कों पर कम जाम लगेंगे। 16 फुट का ओवरब्रिजों का भी निर्माण किया जाएगा, साथ ही 40 नए ब्लिंकर भी 20 नए ट्रैफिक सिग्नल के साथ लगाए जाएंगे। इसके अंतिम चरण में, कुछ और प्रमुख परियोजनाएँ होंगी। सेक्टर 47, 49, 51, 71 और 148 में नए अंडरपास और फुट ओवर ब्रिज का निर्माण होगा। डीसीएस रोड के साथ सेक्टर 19 और 56 के बीच, शाहदरा ड्रेन के ऊपर, सेक्टर 49 और NSEZ के बीच और दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर और मास्टर प्लान रोड के बीच में एक एलिवेटेड रोड भी बनाया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी पार्किंग स्थल बनाने की योजना बना रही है जिससे शहर में अवैध पार्किंग पर लगाम लगया जा सकी।

यह स्पष्ट है कि बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भीड़ और ट्रैफिक के संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह सिर्फ इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार किस तरह से चुनौती लेने से बिलकुल नहीं कतराती है और नोएडा का परिवर्तन करना एक ऐसी चुनौती होगा।   

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