बजट 2019: भारतीय पासपोर्ट धारक एनआरआई को अब आसानी से मिलेगा आधार कार्ड

आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाओं के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हमेशा रहते हैं। लेकिन इस बार मोदी सरकार ने प्रवासी भारतीयों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए हैं।

इस घोषणा के तहत अब प्रवासी भारतीय जिनके पास भारतीय पासपोर्ट है उन्हें अब तुरंत आधार कार्ड देने पर विचार किया जाएगा। वर्तमान स्थिति यह है कि अगर एनआरआई को आधार कार्ड बनवाना है तो उसे कम से कम भारत में 180 दिनों तक रहना पड़ता है। निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा, ‘भारतीय पासपोर्ट धारक एनआरआई को 180 दिन की आवश्‍यक सीमा का इंतजार किए बिना आधार कार्ड जारी करने का विचार किया जाएगा।’

वित्‍त मंत्री के इस ऐलान से अनिवासी भारतियों (एनआरआई) को बहुत फायदा होगा। वे आसानी से अपना केवाईसी भरने की प्रक्रिया पूरा कर सकेंगे और देश के अंदर वित्‍तीय लेन-देन कर सकेंगे। आधार कार्ड मिलने से एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में भी आसानी होगी। वर्तमान के नियमों के अनुसार देश के सभी नागरिक को आधार नंबर हासिल करने का अधिकार है। हालांकि, भारतीय पासपोर्ट धारक एनआरआई को 180 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। आधार नंबर हासिल करने में इतना लंबा समय लगने की वजह से प्रवासी भारतीयों को काफी परेशानी होती थी।

संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पैन कार्ड और आधार कार्ड में आपसी अदला-बदली की गई है। यानी अब अगर किसी के पास पैन कार्ड नहीं होगा तो उसकी जगह आधार का नंबर इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होनें अपने भाषण में कहा कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वे आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते है। अभी तक रिटर्न फाइल करने के लिए पैन का होना जरूरी होता है।

वित्त मंत्री ने अपनी भाषण में यह भी कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए निवेश को आसान बनाया जाएगा। उन्हें फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के साथ जोड़ा जाएगा। एनआरआई को भारतीय शेयर बाजारों में एनआरआई पोर्टफोलियो निवेश मार्ग से उनके विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मार्ग के साथ विलय कर दिया जाएगा। उन्हें दस्तावेज के कारण परेशान ना होना पड़े और आसानी से निवेश कर सके। विदेशो से रुपये आने के मामले में भारत पहले स्थान पर है। 

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