अन्तरिक्ष में भारत की ताकत बढ़ने के लिए होगा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का गठन

इसरो बजट

देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में देश की अन्तरिक्ष एजेंसी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ के नाम से इसरो की एक व्यावसायिक सहयोगी कंपनी बनाई है, जिसका मुख्य काम इसरो के स्पेस मिशन्स का व्यवसायिकीकरण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए मार्केटिंग करना है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान बताया कि लॉन्चिंग व्हिकल्स के निर्माण और तकनीकी साझेदारी के लिए ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ ही जिम्मेदार होगी।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत अब एक स्पेस पावर बन चुका है और भारत के लिए इस क्षेत्र में अपार अवसर हैं। अभी भारत को चाहिए कि इस क्षेत्र के तमाम अवसरों को सही भुनाए और सरकार इस दिशा में प्रयासरत भी दिखाई दे रही है। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आते ही केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बजट में भारी बढ़ोतरी की थी। इस साल के अन्तरिम बजट में सरकार ने इसरो के लिए 10,252 करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

इसरो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित अन्तरिक्ष एजेंसियों में से एक है। वर्ष 2017 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन  ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स को लॉंच कर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया था। इसके अलावा वर्ष 2013 ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन मंगलयान मिशन भी लॉंच कर चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की बदौलत ही भारत मंगल ग्रह के अनुसंधान के लिए लॉंच किए गए मार्स ओर्बिटर को मंगल ग्रह की कक्षा में पहली कोशिश में ही सफलतापूर्वक स्थापित कर पाया था। इसके अलावा 15 जुलाई को इसरो चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च करेगा जोकि भारत का पहला मून लैंडर और रोवर मिशन है। इसरो अन्तरिक्ष में अपना एक अलग स्पेस स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है।

मोदी सरकार के इस कदम से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को आर्थिक तौर पर स्वतंत्र होने में मदद मिलेगी। अभी भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने व्यावसायिक कार्यक्रमों की मदद से काफी हद तक अंतर्राष्ट्रीय और निजी स्पेस एजेंसीज़ को टक्कर देता आया है। सस्ती दरों पर सेवा प्रदान करने की वजह से इसरो दुनियाभर में आकर्षण का केंद्र बन चुका है और एक अलग व्यवासायिक सहयोगी बनाए जाने से भविष्य में इसरो और भारतीय स्पेस कार्यक्रम को एक नया बल मिलने की उम्मीद है।

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