बुधवार को वर्ल्ड इंटेलेक्चुवल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइज़ेशन ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स को जारी किया। इस इंडेक्स में भारत को पिछले साल के मुक़ाबले 5 स्थान ऊपर रखा गया है। पिछले वर्ष भारत को इस सूचकांक में 57वें नंबर पर रखा गया था लेकिन भारत ने इसमें लगातार सुधार करते हुए अब की बार 52वें स्थान को हासिल किया है। बता दें कि यूएन के तहत काम करने वाला वर्ल्ड इंटेलेक्चुवल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइज़ेशन हर वर्ष ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स को जारी करता है। मोदी सरकार के आने के बाद से लगातार इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग सुधरी है।
इस इंडेक्स में सबसे इनोवेटिव देश को प्रथम स्थान दिया जाता है। सूची को तैयार करने के दौरान 80 अलग-अलग मानकों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी जाती है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में अब की बार 126 अर्थव्यवस्थाओं को जगह दी गयी है। किसी देश में मोबाइल एप्लिकेशन मार्केट, शैक्षणिक खर्च, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रकाशन के साथ लॉन्ग टर्म आउटपुट ग्रोथ, इनोवेशन के माध्यम से रोजगार प्रदान करने के क्षेत्र में सरकारी नीतियों के आंकलन के बाद उस देश की रैंकिंग को निर्धारित किया जाता है।
मोदी सरकार के आने के बाद से लगातार इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। साल 2015 में इसमें भारत का रैंक 81वां था, वर्ष 2016 में भारत का रैंक 66वां था, वर्ष 2017 में 60वां और पिछले वर्ष भारत का रैंक 57वां था। अब इस साल भारत ने 5 स्थानों की छलांग और लगाई है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अभी इससे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा ‘मैं खुश हूँ, लेकिन संतुष्ट नहीं हूँ। हम थोड़ी बेहतर रैंकिंग की आशा कर रहे थे। पीएम मोदी के नेतृत्व में आने वाले समय में हमें और बेहतर रैंक हासिल करने की उम्मीद है’।
पीयूष गोयल ने ये भी बताया कि उनके कार्यकाल में भारत द्वारा पंजीकृत पेटेंट्स की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा ‘हम सिर्फ 4 सालों के अंदर पंजीकृत पटेंट्स की संख्या को 16 हज़ार से बढ़ाकर 85 हज़ार किया है’। बता दें की अभी दक्षिण एशिया में सबसे ज़्यादा इनोवेटिव देश भारत ही है। भारत द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे बड़े सुधारों के बाद दुनिया भर में पटेंट्स पंजीकृत करवाने वाले देशों में एशिया के देश अब पश्चिमी देशों को पछाड़ते नज़र आ रहे हैं। अभी दुनिया में सबसे ज़्यादा पटेंट्स पंजीकृत करवाने वाला देश चीन है, इसके अलावा आने वाले सालों में भारत द्वारा पंजीकृत करवाए जाने वाले पटेंट्स की संख्या और बढ़ सकती है।
भारत सरकार द्वारा पिछले कुछ सालों में तकनीकी क्षेत्र में अनुसंधान और निवेश के स्वरूप ही भारत को यह बड़ी कामयाबी मिली है। पिछली सरकारों ने कभी भारत के युवाओं के कौशल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित करने का प्रयास नहीं किया और न ही कभी ग्रामीण भारत के इनोवेटिव पक्ष को सराहा, लेकीन मोदी सरकार ने अपने स्टार्ट-अप प्लान्स के माध्यम से युवाओं के कौशल को उनका सम्मान दिलाया है। हमें उम्मीद है कि सरकार के इन प्रयासों से भविष्य में भी भारत के रैंक में सुधार होगा।