आईसीसी ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का उड़ाया मजाक

सचिन तेंदुलकर आईसीसी

PC: hindustantimes

आईसीसी विश्व कप 2019 का समापन बेहद ही रोमांचक अंदाज़ में हुआ, जब इंग्लैंड ने बेहद करीबी मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड को सुपर ओवर में हराकर पहली बार विश्व कप पर कब्जा जमाया। विश्व कप के फ़ाइनल में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को प्लेयर ऑफ मैच का खिताब दिया गया। इस सम्मान को महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बेन स्टोक्स को प्रदान किया। क्रिकेट जगत और प्रशंसकों में स्टोक्स की खूब तारीफ हुई। ऐसे में आईसीसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बेन स्टोक्स की बधाई देते हुए एक ट्वीट पोस्ट की –

अपने ट्वीट में आईसीसी ने बेन स्टोक्स को ‘सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर’ बताया है, और साथ ही साथ सचिन तेंदुलकर को ट्रोल करते हुए उन्हें एक अन्य क्रिकेटर की तरह पेश किया है। आईसीसी ने इससे पहले भी इस क्रिकेट विश्वकप में चाहे खिलाड़ी हो या टीम, सभी पर ट्विटर के जरिये अपने व्यंग्यबाण चलाने की कोशिश की थी।

हालांकि, यहां आईसीसी ने सचिन तेंदुलकर के प्रभावशाली करियर का मज़ाक उड़ाने का बेहद घटिया प्रयास किया है। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट जगत के सबसे सफल बल्लेबाज है और उनके रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि करते है। बल्लेबाजी के लगभग सभी रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले तेंदुलकर के 100 शतकों की कोई बराबरी नहीं कर सका है नहीं उनके टेस्ट और वन डे क्रिकेट के सर्वाधिक रनों के आस पास कोई नज़र आता है।  

सचिन ने अपने पूरे करियर में 34347 अंतर्राष्ट्रीय रन बनाए हैं, जिसमें टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक शामिल हैं। इसके अलावा इनके नाम 2010 में वनडे क्रिकेट में सर्वप्रथम दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है, जब इन्होंने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध ग्वालियर में नाबाद 200 रन बनाए थे। इसके साथ ही साथ सचिन तेंदुलकर के नाम एक विश्व कप [2003 के संस्करण] में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है जिसमें उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट का सम्मान भी मिला था।

ऐसे में आईसीसी का यह ट्वीट न केवल बेतुका, बल्कि अशोभनीय भी था। आईसीसी एक बार फिर सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आगया। कई क्रिकेट प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आईसीसी के इस बेतुके ट्वीट की खूब निंदा की। भले ही आईसीसी के लिए यह ट्वीट बस एक मज़ाक हो लेकिन उसे यह नहीं पता चला कि उसने किसका मज़ाक उड़ा दिया। आईसीसी ने मज़ाक उड़ाने के लिए गलत व्यक्ति चुनते हुए, क्रिकेट में भगवान का दर्जा रखने वाले के सचिन को निशाना बनाया जो बेहद ही शर्मनाक कोशिश थी। 200 टेस्ट मैच खेलने वाले सचिन जैसे खिलाड़ी का ट्विटर पर ट्रोल की कोशिश आईसीसी के उसी साम्राज्यवादी ब्रिटिश सत्ता की मानसिकता को दर्शाता है जिसका भारतीयों को नीचा दिखाना ही उद्देश्य था। आज भारत में क्रिकेट को धर्म का दर्जा मिल चुका है, तथा क्रिकेट के लिए भारत सबसे बड़ा मार्केट है। क्रिकेट को 120 करोड़ जनता तक पहुंचाने में सचिन तेंदुलकर का प्रमुख योगदान है। आईसीसी को सबसे ज्यादा धन भी भारत से ही आता है। चाहे वो बीसीसीआई के तरफ से हो या विज्ञापन से। सचिन तेंदुलकर पर इस तरह से टिप्पणी कर, आईसीसी ने अपना ही मज़ाक बनाया है। वैसे भी इस विश्व कप में हम सभी देख चुके है कि आईसीसी द्वारा किस तरह के बेतुके निर्णय लिए गए।        

बेन स्टोक्स पर यह बेतुका ट्वीट पहला अवसर नहीं है जब आईसीसी अपने बेतुके निर्णयों के लिए सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बना हो। वर्ल्ड कप के प्रारम्भ में ही जब दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध मैच में महेंद्र सिंह धोनी पैरा SF के बलिदान बैज वाले विकेटकिपिंग ग्लव्स पहनकर खेलने के लिए उतरे, तब आईसीसी ने अनावश्यक आपत्ति जताते हुए महेंद्र सिंह धोनी को उस चिन्ह को ग्लव्स से हटाने को कहा। वहीं बारिश के कारण कई मैच धुलने के बावजूद आईसीसी ने न तो वेन्यू बदले, और न ही मैदान से पानी हटाने के लिए उचित व्यवस्था की। क्रिकेट के इस सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के दौरान हुई खराब अंपायरिंग ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले।  

बात यहाँ तक नहीं रुकी। हाल ही में सम्पन्न विश्व कप फ़ाइनल में भी सुपर ओवर के नियमों के कारण सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। सुपर ओवर के नियमों के अंतर्गत जो सुपर ओवर में स्कोर बराबर रहने पर जो टीम फ़ाइनल मैच और सुपर ओवर में ज़्यादा चौके लगाएगी, वो टीम मैच जीत जाएगी। इस स्थिति में सुपर ओवर में भी टाइ होने पर विश्व कप इंग्लैंड को थमा दिया गया।

हालांकि जिस ओवरथ्रो के कारण मैच सुपर ओवर तक पहुंचा, उस पर अब विवाद खड़ा हो चुका है, जिसमें स्वयं प्रतिष्ठित आईसीसी अंपायर साइमन टौफेल ने स्वीकारा है की उस ओवरथ्रो में नियमानुसार 5 रन दिये जाने चाहिए थे। यदि ऐसा होता, तो इस रोमांचक मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड एक रन से मुक़ाबला जीत जाता। ऐसे में आईसीसी का इन विवादित मामलों पर ध्यान न देकर सचिन तेंदुलकर की अनावश्यक ट्रोलिंग करना उनके लापरवाह व्यवहार को अच्छी तरह दर्शाता है।

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