विश्व में भारत की सबसे ज्यादा जनसंख्या प्रवासियों के तौर पर अलग-अलग देशों में निवास करती है। यह संख्या लगभग 1.5 करोड़ है। इन सभी प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए भारत का विदेश मंत्रालय हमेशा तत्पर रहता है। वर्ष 2014 के बाद मोदी सरकार ने इस दिशा में पिछली सरकारों के मुकाबले कई गुना ज्यादा प्रयास किया। और प्रवासियों की मदद करने में सबसे अग्रिम भूमिका विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की रही थी, जिन्होंने मुसीबत में फंसे किसी भी भारतीय की मदद के लिए किये गये ट्वीट पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के साथ-साथ कार्रवाई भी की। लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अपनी खराब सेहत की वजह से मंत्री पद ग्रहण करने की इच्छा नहीं दिखाई। उस समय करोड़ों भारतीय काफी निराश हुए थे लेकिन नए विदेश मंत्री ने देश की जनता को निराश नहीं किया।
दरअसल, मोदी सरकार के नए में कार्यकाल में पूर्व विदेश सचिव और राजनयिक एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। उम्मीद के विपरीत जयशंकर भी सुषमा स्वराज की तरह ही प्रवासी भारतीयों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। अभी इस नई सरकार के गठन के 2 महीने ही हुए हैं। परन्तु अपने कामों की वजह से जयशंकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।
हाल ही ईरान ने ब्रिटेन के एक तेल टैंकर को होर्मुज की खाड़ी में पकड़ लिया था। उस जहाज पर मौजूद 23 क्रू मेंबर्स में से 18 भारतीय नागरिक थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनकी रिहाई का प्रयास शुरू कर दिया। इस पर केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय से ट्वीट किया गया कि ‘जो भारतीय उस तेल टैंकर में फंसे है उसमें से 4 केरल के निवासी हैं।’
Media reports have indicated that the crew of the British tanker seized by Iran includes 4 Malayalis. Following this, CM Pinarayi Vijayan has contacted the Union Government. He has also sent a message to Subrahmanyam Jaishankar, the Minister of External Affairs GoI.
— CMO Kerala (@CMOKerala) July 21, 2019
इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘विदेश मंत्रालय की टीम लगातार ईरान के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए है और सभी भारतीयों की रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय प्रयासरत है।‘उन्होंने आगे लिखा कि ‘आगे भी इसी तरह सूचित किया जाएगा।‘
#TeamMEA is already working on the early release & repatriation of all 18 Indian crew members of Stena Impero. Our Embassy in Tehran is in constant contact with Iranian authorities to resolve this. We will keep you posted on further developments. https://t.co/3BrK5ahYGq
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) July 21, 2019
मोदी सरकार के इस नए विदेश मंत्री का यह त्वरित जवाब तथा कार्रवाई को देख कर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जुड़ी यादें ताजा हो जाती हैं।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि जयशंकर ने इस तरह से तुरंत मदद का आश्वासन दिया हो। दरअसल, पिछले महीने 1 जून को एक महिला ने ट्विटर के जरिये मदद की गुहार लगाई थी। रिंकि नाम की इस महिला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टैग करते हुए लिखा था, ‘मेरी बेटी दो साल की है। मैं उसको वापस पाने के लिए छह महीने से संघर्ष कर रही हूं। वह अमेरिका में है और मैं भारत में। कृपया मेरी मदद करें। मैं आपके जवाब का इंतजार कर रही हूं।’
@DrSJaishankar @smritiirani I need your help. My daughter is 2 years old. I'm struggling from 6 months. Please please help me. Contact me. She is in USA and I'm at India. Please… I'm waiting for your prompt reply.
— Rinky (@Rinky43110125) June 1, 2019
थोड़ी ही देर में विदेश मंत्री हरकत में आ गए और ट्विटर पर ही महिला को पूरी मदद का आश्वासन दिया। महिला के ट्वीट के थोड़ी देर बाद ही विदेश मंत्री ने जवाबी ट्वीट किया, ‘अमेरिका में हमारे राजदूत आपकी पूरी मदद करेंगे। कृपया आप सारी जानकारी उनके साथ साझा करें।’
Our Ambassador @harshvshringla is on the job. Please share with him all the details @IndianEmbassyUS https://t.co/a55jI6XHiY
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) June 1, 2019
उसी दिन ही एक और व्यक्ति ने विदेश मंत्री से मदद मांगी थी। मणिक चट्टोपाध्याय नाम के इस शख्स ने ट्विटर पर एक वीडियो के जरिये विदेश मंत्री से मदद मांगी। वीडियो में वह कह रहा था कि ‘मैं सऊदी में फंस गया हूं और भारत वापस जाना चाहता हूं, कृपया मेरी मदद करें। इस ट्वीट का भी विदेश मंत्री ने जवाब दिया था।‘
Our Embassy in Rome/ Consul General in Munich will extend all assistance. Please be in touch with them @IndiainItaly @cgmunich https://t.co/JDGEfdZ5pP
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) June 2, 2019
रियाद में मौजूद डिप्टी चीफ ऑफ मिशन सुहेल एजाज खान ने जवाब देते हुए मणिक चट्टोपाध्याय को मदद का आश्वासन दिया था जिसके बाद जय शंकर ने उनके इस कदम की सराहना की थी।
वहीं, 2 जून को महालक्ष्मी नामक एक महिला जो अपने परिवार के साथ इटली और जर्मनी की सैर पर गई थी उसने लिखा, ‘इटली की यात्रा के दौरान हमारे परिवार के सभी लोगों का पासपोर्ट खो गया है। कृपया हमारी मदद करें।‘ इस पर जयशंकर ने लिखा, ‘यदि आप इटली में हैं तो रोम स्थित भारतीय दूतावास जाएं और अगर जर्मनी में हैं तो म्यूनिख स्थित महावाणिज्य दूतावास में जाएं। आपकी मदद की जाएगी। कृपया उनसे संपर्क बनाए रखिए।’
बता दें कि पूर्व विदेश सचिव रहे एस जयशंकर ने जब विदेश मंत्रालय का कामकाज संभाला था तब उन्होंने पदभार संभालने के बाद ट्वीट में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पद चिह्नों पर चलने की बात कही थी। और इन सभी प्रतिउत्तर को देख कर यही लगता है कि वो अपनी कही बातों पर पूरा पूरा अमल भी कर रहे हैं। इसका मतलब स्पष्ट है कि पहले की तरह ही प्रवासी भारतीयों को आने वाले समय में कठिन परिस्थिति में मदद मिलती रहेगी ।