कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद कर्नाटक को अब जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिल सकता है

(PC: India Today)

कर्नाटक की जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार पर बड़ा खतरा आन पड़ा है। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायकों ने विधानसभा से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। बागी जेडीएस विधायक एच विश्वनाथ ने भी यही दावा किया। इन विधायकों की मांग है कि कांग्रेस नेता सिद्दारमैया को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए। हालांकि, इन विधायकों के इस्तीफे से राज्य विधानसभा में सदस्यों की संख्या कम हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा। ऐसी स्थिति में 105 सदस्यों वाली भाजपा को सरकार बनाने का सुनहरा अवसर मिल सकता है।

मौजूदा स्थिति के मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 118 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बसपा के 1, 1 निर्दलीय और 1 एंग्लो इंडियन विधायक शामिल हैं। 14 विधायकों के त्यागपत्र सौंपने से सदन की संख्या 211 रह जाएगी,और यदि सभापति को हटा दें तो यह संख्या 210 होगी। इससे बहुमत का आंकड़ा 106 हो जाएगा। ऐसे में 14 विधायकों के त्यागपत्र सौंपने से कुमारस्वामी सरकार का बना रहना लगभग असंभव है, क्योंकि उनके पास केवल 104 विधायक बचेंगे। परंतु इससे भाजपा को फ़ायदा हो सकता है, क्योंकि चिंचोली के उपचुनाव में विजय और केपीजेपी के एकमात्र विधायक के समर्थन के बाद उनके पास 106 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो जाएगा, जिससे भाजपा बहुमत की स्थिति में आ जाएगी। ऐसे में यदि सभी विधायकों का त्यागपत्र विधानसभा के सभापति स्वीकार कर लेते हैं तो कुमारस्वामी की सरकार को विश्वास मत से गुजरना पड़ेगा, जहां सरकार के टिके रहने के आसार बहुत ही कम हैं, और यदि हालत ऐसे ही रहे, तो बसपा और निर्दलीय विधायक भी अपना महत्व इस विश्वास मत की प्रक्रिया में गंवा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक निर्दलीय विधायक भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर भाजपा को अपना समर्थन दे सकता है। ऐसे में भाजपा के लिए सरकार बनाना और आसान होगा।

इन विधायकों के आ जाने के बाद भाजपा के पास कुल 107 विधायकों का समर्थन हासिल हो सकता है, और भाजपा बड़ी ही आसानी से राज्य में सरकार बनाने में सफल हो सकेगी। हालांकि, भाजपा की ओर से नेता बीएस येदुरेप्पा ने कहा है कि भाजपा राज्य में हो रही राजनीतिक उठापठक को बड़े ध्यान से देख रही है, और अभी कर्नाटक के लोग दोबारा चुनाव नहीं करवाना चाहते। भाजपा नेता के मुताबिक भाजपा की सरकार बनाने की पूरी कोशिश होगी।

कर्नाटक सरकार के लिए मुश्किलें ऐसे समय में खड़ी हुई है जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री अमेरिका में छुट्टियाँ बिता रहे हैं। आने वाले समय में उनके लिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मंगलवार को स्पीकार इन सभी विधायकों के त्यागपत्र को स्वीकार करते हैं यह नहीं। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में कर्नाटक की राजनीति में उठापठक जारी रहने का अनुमान है , और जल्द ही हमें राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री देखने को मिल सकता है। हालांकि, इसके लिए हमें अभी कुछ और दिनों का इंतज़ार करना होगा।

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