टैनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने बताया अपनी सफलता का मंत्र

PC: Prabhasakshi

हाल ही में प्रसिद्ध टैनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने एक बेहद ही रोमांचक मुक़ाबले में स्विट्ज़रलैंड के प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडेरर को हराते हुए विंबलडन चैंपियनशिप के पुरुष एकल खिताब पर अपना कब्जा जमाया। यह नोवाक जोकोविच की लगातार दूसरी और कुल पांचवी विंबलडन विजय है।

हालांकि, अपनी सफलता के बारे में चर्चा करते हुए नोवाक ने एक बड़ी रोचक बात कही, जिसके कारण उनके फैंस आश्चर्यचकित हो गये। नोवाक के अनुसार, उनकी सफलता के पीछे आध्यात्मिक चेतना, योग और वीगनवाद का उचित मिश्रण है।

नोवाक जोकोविच सर्बिया के महानतम टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लॉन टेनिस के खेल में अपनी योग्यता और अपनी प्रतिभा से सभी को आकर्षित किया है। रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच के बीच के मुक़ाबले के लिए करोड़ों टेनिस प्लेयर आज भी काफी उत्सुक रहते हैं। उनके नाम 4 ऑस्ट्रेलियन ओपेन, 1 फ्रेंच ओपेन, 5 विंबलडन और 3 यूएस ओपेन मिलाकर कुल 13 ग्रैंड स्लैम ट्रॉफी हैं। इसके अलावा उन्होंने बतौर सर्बिया टीम के सदस्य 2010 का डेविस कप भी जीता है और बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुष एकल स्पर्धा में कांस्य पदक भी जीता है।

नोवाक ने कुछ समय पहले अम्यूज़ नामक मैगज़ीन को दिये अपने साक्षात्कार में बताया कि कैसे उनकी जीवनशैली को बदलने में उनके आहार और योग साधना का योगदान रहा है। अपने आहार के बदलाव के बारे में वे बताते हैं, “2010 में मुझे अपने ग्लूटेन की समस्या के बारे में पता चला। मुझे पहले ज्ञात भी नहीं था कि ग्लूटेन क्या होता है। अपने आहार से मैंने दुग्ध पदार्थ और रिफ़ाइंड शुगर को हटाते हुये मैंने ग्लूटेन की समस्या को जड़ से हटाने का निर्णय लिया। इसी के कारण मैं पिछले सात वर्षों में ना केवल एक बेहतर टेनिस प्लेयर बन पाया हूं, बल्कि मैं एक स्वस्थ व्यक्ति भी बन पाया हो, जो किसी भी अवस्था में जल्द ही स्वस्थ हो जाता है। ये सभी पर भले ना लागू हो, परंतु यह मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है।“

इसके बाद उन्होंने आध्यात्म और योग साधना से होने वाले लाभ के बारे में आगे बताया, “मैं इसलिए योग साधना में रहता हूँ, क्योंकि मुझे ना केवल शांति और संयम की अनुकूल व्यवस्था चाहिए, अपितु मुझे प्रसन्नता का आभास होना चाहिए। सभी को अपने अनुसार उस अवस्था में आना है जिसमें वे प्रसन्न रहे और अपने प्रति और अपने आसपास के लोगों के प्रति प्रेम जता सके। इसलिए मैं इस पद्वति पर चलने का प्रयास कर रहा हूँ, क्योंकि पिछले सात से आठ महीने मेरे लिए आसान बिलकुल नहीं थे। बात केवल परिणाम की नहीं है, कोर्ट पर भावनाओं का संतुलन भी बहुत आवश्यक है।“

जोकोविच ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि योग साधना की कीर्ति विश्व भर में क्यों फैली हुई है। योग साधना के कारण मनुष्य की कई जटिल समस्याएँ बड़ी ही सरलता से हल हो जाती हैं। इसी कारण हमारे पहले बाबा रामदेव और फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने योग का विश्व में खूब प्रचार प्रसार कराया, जिसके फलस्वरूप 2015 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

नोवाक जोकोविच वैसे पहले ऐसे विदेशी सेलेब्रिटी नहीं है जिन्होंने योग की प्रशंसा की हो। नोवाक के अलावा जूलिया रॉबर्ट्स हों, या फिर रोबर्ट डाउनी जूनियर हो, डेविड बेखहम हो या फिर मडोना हो, सभी योग साधना और उससे मिलने वाले लाभ से काफी अभिभूत हैं। हम आशा करते हैं कि नोवाक आगे भी अपने करियर में निरंतर सफलता पाये, और योग साधना की कीर्ति चारों ओर फैलती रहे।

 

 

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