हिपोक्रिसी की हद है, दिवाली के समय पर ‘अस्थमा-रोगी’ बनी प्रियंका चोपड़ा अब स्मोकिंग कर रहीं हैं

विवादित अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में असम बाढ़ पर कुछ दिनों तक मौन रहने के उपलक्ष्य में सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद वे एक बार फिर से चर्चा में हैं, और इस बार भी गलत कारणों से। सोशल मीडिया पर आजकल उनकी ये फोटो चर्चा में है , इस फोटो में प्रियंका चोपड़ा के पति एवं अमेरिकी सिंगर निक जोनस सिगार के कश लगा रहे हैं, तो वहीं प्रियंका चोपड़ा स्वयं सिगरेट पीती हुईं  दिखाई दे रही हैं। ये फोटो सोशल मीडिया पर विवाद का केंद्र इसलिए बन गया है, क्योंकि स्वयं प्रियंका चोपड़ा के अनुसार उन्हें अस्थमा की गंभीर बीमारी है

धूम्रपान करना लाभकारी नहीं है, और यदि आप अस्थमा के मरीज हैं, तो धूम्रपान करना अपनी मृत्यु को स्पष्ट निमंत्रण देने के समान होता है। ऐसे में यदि प्रियंका चोपड़ा धूम्रपान कर रही हैं तो इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं या तो वे बेहद नासमझ है, या फिर ये भी उनकी मौसमी सक्रियता का एक हिस्सा है। प्रियंका चोपड़ा के इस दोहरे मापदंडों पर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर लताड़ा जा रहा है –

https://twitter.com/SwamiGeetika/status/1152832855451377664

https://twitter.com/VedTiwari/status/1152812911645077504

ये वही प्रियंका हैं जिन्होंने पिछले साल दीवाली के मौके पर एक बेहद ही ‘मार्मिक अपील’ करते हुए लोगों से दिवाली पर पटाखे न फोड़ने का निवेदन किया था। इस वीडियो में प्रियंका ने बताया कि कैसे दिवाली के पटाखों की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा –

हालांकि, जब अमेरिकी गायक निक जोनस से प्रियंका का विवाह हुआ था, तब उनके विवाह स्थल, जोधपुर के प्रसिद्ध उमेद भवन पैलेस में खूब आतिशबाजियाँ की गयी थीं। तब शायद प्रियंका चोपड़ा का अस्थमा उनकी मौसमी सक्रियता की तरह ही ब्रेक पर था। ऐसे ढोंग करना तो कोई प्रियंका चोपड़ा से सीखे।

हालांकि, प्रियंका चोपड़ा की हिप्पोक्रिसि कोई नयी बात नहीं है। इससे पहले भी प्रियंका अपने दोहरे मापदंडों के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार हो चुकी हैं। जब पुलवामा में सीआरपीएफ़ के जवानों पर कायराना हमला हुआ था, तब प्रियंका चोपड़ा ने ये ट्वीट किया था –

हालांकि, कुछ ही महीनों पहले जब प्रियंका ने अपने अमेरिकी टीवी सीरिज क्वांटिको के तीसरे सत्र के एक एपिसोड में सनातन धर्म को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इसके लिए सोशल मीडिया पर न केवल उनकी चौतरफा आलोचना हुई बल्कि प्रियंका के शो ‘क्वांटिको’ को भी समय पूर्व बंद करना पड़ा था।

हाल ही में प्रियंका चोपड़ा को असम के बाढ़ पर एक बार फिर मौन रहने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ा गया था। जब प्रियंका ने आलोचना के बाद ट्वीट पोस्ट किया, तो उसमें भी उनके असम के बाढ़ के पश्चात राहत कार्य हेतु उनके योगदान का कोई उल्लेख तक नहीं था –

यह न सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि प्रियंका के दोहरे रुख को भी अच्छी तरह से उजागर करता है। जो यूनिसेफ़ जैसी संस्था के साथ काम करता हो, और सामाजिक उत्थान की बात करता हो, वही असम के बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए कोई योगदान न दे तो सवाल उठना लाजमी है। वास्तव में ऐसे लोगों के लिए उनका एजेंडा ही सर्वोपरि होता है, चाहे इसके लिए नैतिकता की बली ही क्यों न चढ़ानी पड़े।

इसी परिस्थिति में अभिनेता अक्षय कुमार ने असम बाढ़ के राहत कार्य हेतु 2 करोड़ की सहायता राशि दान की थी। यही नहीं, प्रियंका चोपड़ा का नाम लिए बिना ऐसे मौसमी कार्यकर्ताओं को उनकी मौसमी सक्रियता के लिए सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर लताड़ा –

यदि आप दिवाली पर लोगों को पटाखों से दूर रहने का आवेदन करें, पर दूसरे ही क्षण स्वयं धूम्रपान करती हुई दिखाई दें, तो समस्या आपके स्वभाव में है। प्रियंका चोपड़ा का यह कृत्य न सिर्फ अशोभनीय है, अपितु उन हजारों अस्थमा रोगियों का मजाक उड़ाने जैसा भी है, जो सिगरेट के धुएँ के आसपास भी नहीं रहना चाहेंगे, उसे फूंकना तो बहुत दूर की बात। ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’ जैसी कहावत को चरितार्थ करते हुए प्रियंका चोपड़ा ने अपने हाथों से अपनी विश्वसनीयता को कम करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है।

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