तीन साल पहले भारत के दूरसंचार क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली रिलायंस जियो अब देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बन गई है। कंपनी के ग्राहकों की संख्या बढ़कर 33.13 करोड़ हो गई है, इसी के साथ वोडाफोन आइडिया दूसरे पायदान पर आ गये हैं।
पिछले सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से जारी पहली तिमाही के नतीजों के मुताबिक उसकी अनुषंगी कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या जून 2019 के आखिर में 33.13 करोड़ है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक जियो मई में एयरटेल को पछाड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता बन गयी थी। वोडाफोन आइडिया ने बताया है कि 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में उसके ग्राहकों की संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई जो 31 मार्च तक वोडाफोन आइडिया ग्राहकों की संख्या 33.41 करोड़ थी।
इसका मतलब यह है कि जियो अब देश की सबसे ज्यादा ग्राहकों वाली टेलिकॉम कंपनी बन गयी है। दूसरी पीढ़ी के उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अपनी रणनीतियों से देश की सबसे पुरानी कंपनियों के को पीछे छोड़ दिया है और ये कारनामा उन्होंने महज तीन वर्षों में कर दिखाया है। जहां वोडाफोन आइडिया को एक तिमाही में अपने 1.3 करोड़ से अधिक ग्राहक कम हुए हैं तो वहीं दिनों दिन जियो के ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वोडाफोन आइडिया की तरफ से जारी एक बयान में कहा, ‘पहली तिमाही में सर्विस वैलिडिटी वाउचर’ की शुरुआत के कारण हमारे सब्सक्राइबर कम हुए हैं।’
बता दें कि मई में जियो एयरटेल को पछाड़ देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई थी और अब पहले स्थान पर आ गयी है। इसके साथ ही ये कंपनी दूरसंचार क्षेत्र में सबसे कॉम्पिटिटिव कंपनी बन गयी है। वोडा-आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की अगुवाई वाली कंपनी को सितंबर क्वॉर्टर में 4973 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। और कुल राजस्व 4 प्रतिशत घटकर 11,270 करोड़ रुपये हो गया है।
दूरसंचार क्षेत्र में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी जियो के आने के बाद से इस क्षेत्र के छोटे खिलाडी पहले ही प्रतिस्पर्धा से बाहर हो चुके हैं। वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद से दोनों टेलीकॉम कंपनियां 40 करोड़ ग्राहकों के साथ यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बनकर उभरी थीं। जहां हर महीने वोडाफोन आइडिया हर महीने ग्राहकों को गंवा रही है तो वहीं दूसरी तरफ रिलायंस जियो ने ग्राहकों की संख्या का ग्राफ बढ़ रहा है। मुकेश अंबानी की बदौलत भारत में डेटा दर दुनिया में सबसे कम है। साथ ही वोडाफोन, एयरटेल जैसी कंपनियों को अपने डाटा दर में कटौती के लिए मजबूर होना पड़ा जो मनमानी तरीके से ग्राहकों से वसूले जाते थे। देश के कोने कोने में इन्टरनेट की व्यवस्था का प्रसार हो रह है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति भी सस्ते दामों में इन्टरनेट के लाभ से वंचित नहीं रहा है।