‘बीजेपी समर्थकों से कुछ मत खरीदों’, सपा विधायक नाहिद हसन के इस बोल को भाजपा का करारा जवाब

सपा नाहिद हसन

PC: Zee News

समाजवादी पार्टी के कैराना विधायक नाहिद हसन के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते मुकदमा दर्ज किया है। हसन की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें वह भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और जनता से बीजेपी का समर्थन करने वाले दुकानदारों का बहिष्कार करने के लिए कह रहे है। कैराना पुलिस के एसपी अजय कुमार पांडे के निर्देश के बाद कैराना कोतवाली में नाहिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने हसन को जमकर लताड़ भी लगाई।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें मुस्लिमों से बीजेपी को समर्थन देने वाले दुकानदारों का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। और यह भी कहा जा रहा है कि इस वीडियो को उन्होंने स्वयं बनवाया था।

उन्होंने इस वीडियो में कहा,” मेरी लोगों से अपील है कि आप 10 दिन, एक महीना या कुछ दिन उधर-इधर से सामान खरीद लीजिए लेकिन जितने भी भाजपा के लोग बाजार में बैठे हैं, उनसे सामान मत खरीदिए क्योंकि आप इनसे सामान ले लेते हैं तो इनके घर चलते हैं, और इनके घर चलने की वजह से आज हम लोगों पर जूता बजाया जा रहा है।’ कैराना विधायक ने कहा कि ऐसा करने से इन लोगों की तबीयत में सुधार आ जाएगा।

पुलिस-प्रशासन ने इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए सपा विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 153,153 ए, 153बी, 505 (2) और 188 के तहत मामला दर्ज किया है। एसपी अजय कुमार ने बताया कि विधायक नाहिद हसन से संबंधित विवादित वीडियो मामले में कार्रवाई की गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्हें आईपीसी की धारा 153 (ए)के तहत  अव्यवस्था पैदा करने, धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता को बढावा देने और लोगों को हिंसा को लिए भड़काने के इरादे के लिए, आईपीसी की धारा 153 (बी) के तहत किसी विशेष धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्रीय समूह या संप्रदाय से संबंधित होने के कारण किसी वर्ग के लोगों को भारत के नागरिक के तौर पर उनके अधिकारों से वंचित रखने की बात पर जोर देने,  आईपीसी की धारा 188 के तहत चुनाव संबंधी अधिसूचना के जरिए निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए यथायोग्य आदेश की अवहेलना तथा धारा 505 (2) के तहत व्यक्तियों के वर्गों के बीच शत्रुता या शत्रुता की इच्छा को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने के लिए दर्ज किया गया है।

वहीं इस मामले पर तेलंगाना में बीजेपी के विधायक टी राजा सिंह ने हसन को करारा जवाब देते हुए कहा, ‘मैं उस विधायक को बताना चाहूंगा कि यदि हम भी वही सोच रखें और आपके लोगों की दुकानों का बहिष्कार करें तो आपके लोग भूखे मर जाएंगे और आप लोगों को भीख मांगकर खाना पड़ेगा।’  उन्होंने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी सभी समुदायों और समाज के वर्गों को साथ लेकर एक नये भारत के निर्माण का समर्थन करते हैं। सपा विधायक को इस तरह के बयान देकर देश में माहौल खराब नहीं करना चाहिए।’ अपने इस बयान से भाजपा विधायक ने स्पष्ट कर दिया कि राजनीति करना अलग बात है लेकिन अंधविरोध में आम जनता को भड़काना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है और इसमें बदलाव करना जरुरी है।

जब इस मामले पर हर तरफ से नाहिद हसन की आलोचना होने लगी तब भी इस विधायक को अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ। बेहद शर्मनाक तरीके से नाहिद हसन ने अपनी बात को सही बताते हुए कहा कि ‘यह बस मेरी निजी राय थी और इसके लिए मैं स्वतंत्र हूं। मेरे खिलाफ सौ मुकदमे लगा दिए जाएं, लेकिन पीछे हटने वाला नहीं हूं। मैं अपने बयान पर कायम हूं।‘

ये शर्मनाक है कि जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद बीजेपी के अंध विरोध में सपा नेता निम्न स्तर की राजनीति कर रहे हैं और लोगों में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। वही सपा के एक और नेता आजम खान भी अपने सहयोगी नेता के इस अंध विरोध को नजरअंदाज करते हुए भाजपा पर निशाना साधने में व्यस्त दिखे। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी स्थिति पैदा हुई है, लेकिन इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? इसकी शुरुआत किसने की है?’

आजम खान ने कहा ‘’भारत के विभाजन के समय महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और नेहरू जी ने हमें (मुसलमानों को) इसी देश में रहने के लिए कहा था।“ आजम खान ने कहा कि “उस समय भागते हुए मुसलमान रुक गए थे, बापू ने हमें कहा था कि यह देश उतना ही हमारा (मुसलमानों का) है जितना औरों का है। लेकिन अब किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है? तुम्हारा स्थान कब्रिस्तान या पाकिस्तान?’’

समाजवादी के नेताओं द्वारा इस तरह के बयान से उनकी मानसिकता क पता चलता है। वहीं इस मामले में सपा हाई कमान की चुप्पी इस तरह के बयानों के प्रति समर्थन को दर्शाता है। एक जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह का बयान देने सामाजिक सोहार्द को बिगाड़ता है और इसी के जरिये ये नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं। विपक्षी पार्टियां मोदी विरोध और भाजपा विरोध में इतने अंधे हो चुके है कि उन्हें यह समझ नहीं रहा है कि वो संविधान की अवहेलना कर रहे है। यही पार्टियां भाजपा पर असहिष्णु पार्टी होने का आरोप लगाने का एक अवसर नहीं छोड़ते जबकि स्वयं जनता को भड़काने का काम करते है।

Exit mobile version