यूं तो प्रियंका चोपड़ा असम पर्यटन की ब्रांड एंबेसडर हैं, परंतु उनकी असम के बाढ़ पर बेरुखी से काफी लोग नाराज दिखे, जिन्होंने अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर भी निकाली। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अफसर के अनुसार हाल ही में आए बाढ़ के कारण असम में 4175 से ज़्यादा गांव, 46.28 लाख से भी ज़्यादा लोग एवं 90000 हेक्टेयर की कृषि भूमि को काफी नुकसान पहुंचा है।
Dear Priyanka Chopra
In case you have forgotten, you are also the Brand Ambassador of Assam Tourism. A state submerged in flood right now. Where is your concern, your tweet creating awareness and asking people to extend help for them?
Shame on you. https://t.co/C1BH9dpTy7— Aditi (@aditiagarwal811) July 16, 2019
2017 में ऐसी ही बाढ़ के आने पर भी प्रियंका चोपड़ा ने सहायता करना तो दूर की बात, सांत्वना में एक ट्वीट भी नहीं पोस्ट किया। ऐसे में अब कई लोगों ने प्रियंका चोपड़ा को ब्रांड एंबेसडर के पद से हटाने की मांग की है। इसके अलावा कई लोगों ने प्रियंका चोपड़ा की जगह 19 वर्षीय स्टार धाविका हिमा दास को ब्रांड एंबेसडर बनाने की मांग की है, जिन्होंने अपना आधा वेतन बाढ़ संबंधी राहत कार्य में लगा दिया था।
I have contributed my bit and requesting others also to please help people of Assam. #AssamFloods https://t.co/y7ml1EMGzG
— Hima (mon jai) (@HimaDas8) July 16, 2019
इन घटनाओं के कारण बॉलीवुड के सितारों का विभिन्न राज्यों के पर्यटन ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता अपनी सेवाओं के लिए खूब मोटी रकम वसूलते हैं, जिसे राज्य के करदाताओं को ही चुकाना पड़ता है। लेकिन जब राज्य को इनकी आवश्यकता पड़ती है, तो यह स्टार्स कहीं नहीं दिखाई देते, जैसे अभी असम के बाढ़ के पश्चात प्रियंका चोपड़ा कुछ समय के लिए मौन रही थीं।
उदाहरण के लिए शाहरुख खान को ही देख लीजिये। वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें राज्य के पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर बनाया था। शाहरुख ने इसे स्वीकारते हुए कुछ समय के लिए बंगाल का प्रचार प्रसार भी किया था। हालांकि इसके अलावा उनका बंगाल के पर्यटन में वृद्धि में कोई विशेष योगदान नहीं रहा है, जिसके कारण बॉलीवुड के सितारों के ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने पर सवाल और प्रबल हो जाते हैं।
शाहरुख खान की भांति प्रीति जिंटा को हिमाचल प्रदेश का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था लेकिन इनका भी हिमाचल के पर्यटन को बढ़ावा देने में कोई विशेष योगदान नहीं रहा है। इसी तरह हरियाणा के पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु धर्मेंद्र और हेमामालिनी को, गोवा में प्राची देसाई को और सिक्किम में ए.आर रहमान को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था।
हालांकि किसी ने भी न तो राज्य के पर्यटन में कोई विशेष योगदान दिया, और न ही राज्य पर किसी प्रकार की आपदा पड़ने पर उसकी सहायता के लिए आगे आए । एक और प्रत्यक्ष उदाहरण है विवादित अभिनेत्री एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता नंदिता दास, जिन्हें ओडिशा का ब्रांड एंबेसडर तो नियुक्त कर लिया गया, पर ओडिशा के पर्यटन में उनका योगदान एकदम शून्य रहा।
हालांकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है की सभी बॉलीवुड सेलेब्रिटी बतौर राज्य के ब्रांड एंबेसडर एकदम असफल सिद्ध हुए हों। जब सभी लेफ्ट लिबरल्स गुजरात को दंगों और लिंचिंग का गढ़ सिद्ध करने में जुटे थे, तब अमिताभ बच्चन ने ‘खुशबू गुजरात की’ अभियान के जरिये गुजरात के पर्यटन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी प्रकार जॉन अब्राहम को अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया, जो पहले से ही पूर्वोत्तर में फुटबॉल संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु इंडियन सुपर लीग में नॉर्थईस्ट यूनाइटेड फुटबॉल क्लब के मालिक भी हैं।
यूं तो अक्षय कुमार किसी भी राज्य के आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर नहीं है, और कई आलोचक तो उनकी नागरिकता पर ही प्रश्नचिन्ह लगाते रहे हैं, परंतु उन्होंने जब भी आवश्यकता पड़ी है, तब तब देश को विभिन्न विपदाओं में आर्थिक सहायता प्रदान की है। हाल ही में उन्होंने असम में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 1 करोड़ की धनराशि दान की है –
Absolutely heartbreaking to know about the devastation by floods in Assam.All affected, humans or animals,deserve support in this hour of crisis.I’d like to donate 1cr each to the CM Relief Fund & for Kaziranga Park rescue.Appealing to all to contribute @CMOfficeAssam @kaziranga_
— Akshay Kumar (@akshaykumar) July 17, 2019
राज्य के ब्रांड एंबेसडर के रूप में यदि किसी को नियुक्त किया जाये, तो यह देखा जाये कि वो व्यक्ति राज्य के विकास के लिए और किसी भी विकट परिस्थिति में मदद के लिए कितना कितना प्रतिबद्ध है । यदि आवश्यकता पड़े, तो हिमा दास, फोगाट बहनों, साइना नहवाल जैसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों को ब्रांड एंबेसडर बनाने में ज़रा भी विलंब नहीं करना चाहिए। लेकिन प्रियंका चोपड़ा जैसे अवसरवादियों को ब्रांड एंबेसडर तो बिलकुल नहीं बनाना चाहिए, जो अपनी सेवाओं के लिए धनराशि तो लेट हैं, परंतु कोई विपदा आने पर सहायता करने से मुंह मोड़ लेते हैं।