क्रिकेट की दुनिया में अंपायर के फैसले पर टीम की हार व जीत निर्भर करती है। ऐसे में अंपायर का निर्णय काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन कभी कभी अंपायरों के गलत फैसले की वजह से अच्छी टीमों के प्रयासों पर पानी फिर जाता है। इस बार के विश्व कप में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब हाल ही में सेमीफ़ाइनल में भारत को न्यूज़ीलैंड से 18 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा।
जहां एक तरफ लचर प्रदर्शन के लिए उच्च क्रम के बल्लेबाजों के एल राहुल और स्वयं कप्तान विराट कोहली को दर्शकों की आलोचना मिली, तो वहीं मैदान पर उपस्थित अंपायरों को भी अपने निर्णय के लिए दर्शकों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
Glaring umpiring error? Could they afford this in a World Cup semi final? 6 players outside the circle… how long did they play like that in P3? #INDvNZL #Dhoni pic.twitter.com/Hb5UlA4tsI
— Anand Narasimhan🇮🇳 (@AnchorAnandN) July 10, 2019
#Dhoni
Dear Dhoni, kindly check the ball on which you got run out, there were 6 players standing outside the 30 yard circle
Kindly raise the point with ICC pic.twitter.com/3jeLpCyCTe— kalpesh veera (@veera_kalpesh) July 10, 2019
दरअसल, रवीन्द्र जडेजा के अचानक आउट हो जाने से सेमीफ़ाइनल जिताने का दायित्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ एम एस धोनी के कंधों पर आ पड़ा। स्ट्राइक बरकरार रखने के लिए जब धोनी ने दूसरा रन लेने का प्रयास किया, तो उसी प्रयास में वे दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए, जिससे भारत की रही सही उम्मीद भी टूट गयी।
पर यहां विवाद कैसे खड़ा हुआ? दरअसल सूत्रों की माने, तो जिस ओवर में महेंद्र सिंह धोनी रन आउट हुए थे, वहां पर पावरप्ले के नियमों के अनुसार 5 से ज़्यादा फील्डर 30 गज के क्षेत्र से बाहर नहीं हो सकते। परंतु यहां 5 नहीं, 6 फील्डर 30 गज से बाहर थे। नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में यह गेंद नो बॉल करार दी जानी चाहिए थी। अगर पहले ही अंपायर ‘नो बॉल’ करार दे देता तो धोनी दूसरे रन के लिए नहीं दोड़ते और न ही आउट होते और वो मैदान पर बने रहते। ऐसे में भारत को फ्री हिट भी मिलती और खेल में नया मोड़ देखने को मिल सकता था। हालांकि, रनआउट होने की वजह से उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा लेकिन यहां अंपायर की गलती को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
इस बात के उजागर होने से अधिकांश भारतीय काफी आक्रोशित हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश ज़ाहिर किया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं इस वर्ल्ड कप में जब गलत अंपायरिंग के कारण एक योग्य खिलाड़ी को पवेलियन लौटना पड़ा हो।
लीग स्टेज के दौरान जब भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच मुक़ाबला हुआ था, तो भारत के होनहार बल्लेबाज़ रोहित शर्मा को थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया, जबकी जिस गेंद पर वे आउट करार दिये गए थे, वो बल्ले और पैड दोनों से कनैक्ट हुई थी। ये काफी नजदीकी मामला था, जहां पर अंपायर ‘बेनिफ़िट ऑफ डाउट’ के अंतर्गत रोहित को नॉट आउट घोषित कर सकते थे। परंतु थर्ड अंपायर ने रोहित को विवादास्पद रूप से आउट करार दिया, जिसके कारण रोहित काफी निराश हुए थे और उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस निर्णय के विरुद्ध अपना आक्रोश भी ज़ाहिर किया था।
हालांकि भारत अकेली टीम नहीं है जो इस विश्व कप में खराब अंपायरिंग का शिकार हुई है। विश्व कप के प्रारम्भ में ही जब वेस्टइंडीज़ ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी थी, तब क्रिस गेल को मिशेल स्टार्क ने 17 रन के निजी स्कोर पर चलता कर दिया था। हालांकि, जब रीप्ले देखा गया, तो कहानी तो कुछ और ही निकली। स्टार्क का पैर गेंदबाजी करते वक्त क्रीज़ से काफी आगे था जिसके कारण ये नो बॉल घोषित होना चाहिए था।
लेकिन अंपायर की गलती के कारण क्रिस गेल न केवल आउट हुए, बल्कि वेस्टइंडीज़ को उस मैच में हार का सामना करना पड़ा। यदि विश्व कप इस बार चर्चा में रहा है, तो वो क्रिकेट के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण नहीं, अपितु खराब मौसम के बावजूद आईसीसी का विश्व कप को जारी रखने की हठ और खराब अंपायरिंग के कारण।