कभी म्यूज़िकली के नाम से प्रसिद्ध वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म टिकटॉक एक बार फिर से सुर्खियों में है, लेकिन इस बार गलत कारणों से। हाल ही में इस प्लेटफार्म पर प्रसारित कुछ वीडियो सोशल मीडिया चर्चा का विषय बने हुए हैं जिसमें कई लोग इस मंच का इस्तेमाल अम जनता को भड़काने के लिए कर रहे हैं।
दरअसल, टिकटॉक के प्लेटफार्म पर हाल ही में कुछ लड़कों ने वीडियो प्रसारित की है। इस वीडियो पर तबरेज अंसारी के मामले के संबंध में भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप लग रहे हैं। एक वीडियो में हसनैन खान नामक युवक ने कुछ यूं कहा –
So called Social Media Influencer with Millions of Followers trying to mislead people in the name Religion about Thief Tabrez Ansari
He has 3.8 Millions followers on Instagram & much more on TIKTOK pic.twitter.com/CkFufzwogM
— Motivism (@Motivism) July 7, 2019
“मार तो दिया तुमने उस बेकसूर तबरेज अंसारी को, लेकिन कल जब उसकी औलाद बदला ले, तो यह मत कहना कि वो आतंकवादी है।”
इसी का समर्थन करते हुए एक और टिकटॉक यूजर फैजु, जो ज़ी म्यूजिक कंपनी के कई वीडियो में भी आ चुका है। उसने भी इसी प्रकार के प्रोपगैंडा को अपने वीडियो में प्रसारित किया। फैजु के कथित तौर पर टिकटॉक पर 22 मिलियन से ज़्यादा फोल्लोवेर्स हैं। यही नहीं वो रितिक रोशन, अनिल कपूर और वरुण धवन जैसे हस्तियों से भी मिल चुका है –
इन लोगों के सभी के एजेंडे को छोरो मारवाड़ी नामक ट्विटर यूज़र ने सभी के समक्ष अपने ट्विटर थ्रेड से उजागर किया है –
So called Social Media Influencer with Millions of Followers trying to mislead people in the name Religion about Thief Tabrez Ansari
He has 3.8 Millions followers on Instagram & much more on TIKTOK pic.twitter.com/CkFufzwogM
— Motivism (@Motivism) July 7, 2019
इन टिकटॉक वीडियो के जरिये ये युवक न केवल तबरेज अंसारी मामले में भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, बल्कि खुलेआम सांप्रदायिकता और वैमनस्य की भावनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। चिंताजनक बात तो यह है कि हसनैन के अकेले इन्स्टाग्राम पर 38 लाख से ज़्यादा फ़ालोवर हैं, और टिकटॉक पर तो इसके 1.25 करोड़ से ज़्यादा फोल्लोवेर्स हैं। ऐसे में यदि ये लोग इस तरह की भ्रामक खबरों और प्रोपगैंडा को बढ़ावा देते हैं, तो देश में सांप्रदायिकता घटनाओं और दंगों के भड़कने की स्थिति भी संभव है।
बता दें कि इन्हीं कारणों की वजह से टिकटॉक पर मद्रास हाई कोर्ट ने कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया था, जब इस प्लेटफार्म पर एक युवक ने अपने आप को गोली मारते हुए अपनी लाइव वीडियो बना रहा था। इस दौरान युवक को सच में गोली लगने के कारण अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा टिक टॉक को प्रतिबंधित करने के पीछे एक और कारण था इस प्लैटफ़ार्म पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देना।
जब मद्रास हाइ कोर्ट ने कुछ समय बाद अन्तरिम रूप से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया, तो टिकटॉक के प्रबन्धकों ने लिखित बयान में यह वादा किया कि वे इस तरह के कंटैंट को बिलकुल भी स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन यदि हसनैन खान और फैजु के इन वीडियो के खुलेआम प्रसारित होने से तो ऐसा बिलकुल भी लग था कि टिकटॉक अपने वादे के अनुरूप काम कर रही है। क्या ये मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन नहीं है? क्या ये न्यायालय की अवमानना नहीं है?
टिकटॉक वैसे भी बेहद अश्लील, फूहड़ और ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने का सबसे सस्ता और वायरल माध्यम बन चुका है। विडम्बना तो यह है कि टिकटॉक पर प्रसारित कोई भी वीडियो बहुत ही कम समय में कई लाख लोगों तक पहुंच जाती है। ऐसे में यदि तबरेज अंसारी पर वीडियो के भ्रामक कंटैंट बनाने वालों लगाम नहीं लगाई गयी, तो स्थिति हद से ज़्यादा बिगड़ सकती है।
तबरेज जैसे लोगों की हत्या होने पर सडकों पर जुलूस निकालना और नारे लगाने वाली भीड़ हमें अक्सर सडकों पर देखने को मिलती है लेकिन मथुरा में लस्सी विक्रेता भरत यादव हो या गंगाराम जैसे लोगों की हत्या पर न सडकों पर आक्रोश दिखाई देता है और न ही कोई जुलूस क्योंकि वो सांप्रदायिक सोहार्द नहीं बिगाड़ना चाहते।
हाल ही में तबरेज अंसारी मामले के संबंध में माले गांव, सूरत, भोपाल, जयपुर इत्यादि में काफी उग्र प्रदर्शन हुए थे, जिसमें माहौल बिगड़ने का खतरा भी लगातार बना हुआ था। कई जगह तो बात पुलिस से हाथापाई तक भी पहुंच चुकी थी। ऐसे में टिकटोक के इस तरह के वीडियो से सांप्रदायिक घटनाएं किस स्तर तक बढ़ सकती है, इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन है।
ऐसे में या तो टिक टॉक को ऐसे वीडियो पर लगाम लगानी चाहिए, या फिर मद्रास हाई कोर्ट को ऐसे वीडियो पर संज्ञान में लेते हुए टिक टॉक पर अपने प्रतिबंध को बहाल करना चाहिए। जिससे ऐसे भ्रामक खबरें फैलाने वालों और इन्हे बनाने वालों के विरुद्ध एक सख्त संदेश समाज में पहुंचाया जा सके।