पाक मंत्री फवाद को अमरिंदर सिंह और हरसिमरत कौर ने लताड़ा, बोले भारत के मामलों में दखल देना बंद करो

PC: TOI

ऐसा लगता है पड़ोसी देश पाकिस्तान अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि वो पूरी दुनिया में वह अलग-थलग पड़ चुका है। इसीलिए वो भारत में लोगों व सेना को सरकार के खिलाफ भड़काने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। मंगलवार को पाक के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी ने एक बेहद भड़काऊ ट्वीट करते हुए भारत के पंजाब प्रांत के लोगों को उकसाने का बेहद घटिया प्रयास किया है –

उक्त ट्वीट में पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने भारतीय सेना में काम कर रहे पंजाबियों, विशेषकर सिखों को भारत द्वारा कश्मीर पर कथित रूप से ढाए जा रहे ज़ुल्मों  के विरोध में बगावत करने के लिए उकसा रहे थे। इनके अनुसार, ‘मैं अपील करता हूँ कि कश्मीर पर हो रहे ज़ुल्म में भारतीय सेना में काम कर रहे पंजाबी हिस्सा न बने”।

हालांकि पाकिस्तान इस तरह का हरकत पहली बार नहीं कर रहा है, पाक वर्षों से पंजाब में उग्रवाद को बढ़ावा देता आ रहा है। खालिस्तान की बेतुकी मांग का पाकिस्तान ने हमेशा समर्थन किया है, जो कई अवसरों पर उजागर भी हो चुका है। परंतु इस बार पंजाब ने एक सुर में न केवल फवाद चौधरी के भड़काऊ बयानों की भर्त्सना की है, बल्कि उसे भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी याद दिलाई है।

फवाद को सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह [सेवानिर्वृत्त] ने खरी-खोटी सुनाई। अमरिंदर सिंह के ट्वीट के अनुसार, “भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का दुस्साहस न करें। मैं आपको बता देता हूँ कि आपकी सेना की तुलना में भारतीय सेना अधिक अनुशासनप्रिय एवं राष्ट्रवादी सेना है। आपके भड़काऊ बयान यहाँ नहीं चलने वाले, और न ही हमारे सैनिक आपके विभाजनकारी नीतियों का समर्थन करेंगे”।  साफ शब्दों में कहें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान को अपने काम से वास्ता रखने और भारत के अंदरूनी मामलों से दूर रहने की हिदायत दी है।

हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी काँग्रेस की विचारधारा से इतर चलते हुए राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखा हो। अनुच्छेद 370 पर यदि उनके विरोध को अलग रखा जाये तो कई अवसरों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रवाद को ज़्यादा महत्व दिया है।

चाहे वो खालिस्तान का अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए कैनेडियाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की आलोचना करना हो, या फिर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा से गले मिलने पर उन्हे लताड़ना हो, या फिर करतारपुर कॉरिडोर मामले पर पाक की बदनीयती के प्रति भारत सरकार को आगाह करना हो, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हर जगह अपनी पार्टी के भारत विरोधी नीतियों से इतर भारत के हितों को सर्वोपरि रखा है।

अमरिंदर सिंह का अनुमोदन करते हुए पंजाब में विपक्षी दल यानी शिरोमणि अकाली दल की नेता एवं मोदी सरकार में मौजूदा कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी पाक को जमकर खरी खोटी सुनाई हैं। अपने ट्वीट में उन्होने पाक मंत्री की बौखलाहट को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

इन दोनों के अलावा सोशल मीडिया यूजर्स पर पंजाबियों समेत कई भारतीयों ने फवाद चौधरी को उसके भड़काऊ ट्वीट्स के लिए जमकर खरी खोटी सुनाई है –

https://twitter.com/theskindoctor13/status/1161215624103677953?s=20

हमेशा से ही पंजाबियों का हमारे राष्ट्र के विकास एवं सुरक्षा में बेहद अहम योगदान रहा है। इस क्षेत्र ने देश को कई बहादुर जवान दिए हैं, और भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परम वीर चक्र पाने वाले 21 वीर सैनिकों में से 5 सैनिक पंजाब से ही आते हैं। पाकिस्तान के घमंड को तोड़ने वाले वीरों में से एक लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा भी पंजाब से ही आते हैं। पंजाब की शान माने जाने वाली सिख रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे प्रतिष्ठित रेजीमेंट्स में से एक मानी जाती है। इस रेजीमेंट को 72 बैटल ऑनर्स, 15 थिएटर ऑनर्स, 2 परमवीर चक्र, 14 महावीर चक्र, 5 कीर्ति चक्र, 67 वीर चक्र और 1596 अन्य वीरता पुरुस्‍कार मिले हुए हैं।

हालांकि हमें फवाद चौधरी के ऐसे बयानों पर क्रोध नहीं, केवल दया आती है। अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान हटाये जाने के बाद से हमारे पड़ोसी देश के कई लोग अपना सुध-बुध खो बैठे हैं। ऐसे में ये बयान केवल उनकी बौखलाहट को दर्शाता है, क्योंकि उन्हें भी पता है कि उनकी एक गलती पर भारत उन्हे कहीं का नहीं छोड़ने वाला।

Exit mobile version