क्या अब सरकार अनुच्छेद 371 भी हटा देगी? विपक्ष के बेबुनियाद झूठ का पर्दाफाश

अनुच्छेद 371 विपक्ष

PC: BusinessToday

हाल ही में विवादित अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबन्धित सभी प्रावधानों को हटाकर वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। हालांकि इस प्रावधान के हटाए जाने से विपक्ष अब पूरी तरह से बौखला गई है। हाल ही के कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार अब विपक्ष ये अफवाहें फैला रहा है कि अनुच्छेद 370 के तरह ही संविधान का अनुच्छेद 371 भी हटा दिया जाएगा। अब सवाल यह है कि अनुच्छेद 371 क्या है, और इसके हटाए जाने की अफवाह से विपक्ष इतना परेशान क्यों हो रहा है? दरअसल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 में कश्मीर के तरह पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों को भी विशेषाधिकार दिए गए हैं, और विपक्षी पार्टियों के अनुसार कश्मीर के तरह अब पूर्वोत्तर भारत से भी ये विशेषाधिकार हटा दिए जाएंगे।  

इन अफवाहों को बढ़ावा देने में हमारे लेफ्ट लिबरल पत्रकारों का बहुत बड़ा हाथ रहा है। उदाहरण के लिए आप द हिन्दू, स्क्रॉल और एनडीटीवी के इन लेखों को ही देख लीजिये –

 

अफवाहों की इस आग में घी डालते हुए तिरुवनन्तपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में अनुच्छेद 370 पर चर्चा के दौरान ये सवाल सीधा गृहमंत्री से पूछ लिया। उन्होने कहा – “यदि सरकार राष्ट्रपति शासन का फ़ायदा उठाते हुए एक संवैधानिक प्रावधान को हटा सकती है, तो पूर्वोत्तर में विभिन्न राज्य के निवासियों को हम कैसे विश्वास दिलाएं कि सरकार अनुच्छेद 371 को नहीं हटाएगी?

इस बयान पर अमित शाह चुप न रह सके और उन्होने सभी अफवाहों पर लगाम लगाते हुए कहा, “अनुच्छेद 371 के अंतर्गत जो प्रावधान दिए गए हैं, वे इन राज्यों के आदिवासी सभ्यता के संरक्षण के लिए दिए गए हैं। इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों के लिए भी कुछ विशेष प्रावधान हैं। मैं सदन के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि बिना वजह के अनुच्छेद 371 हटाए, और अनुच्छेद 370 का अनुच्छेद 371 से कोई संबंध ही नहीं है।‘’

अमित शाह के बयान का अनुमोदन करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी इस विषय पर अपना तर्क ट्विटर पर रखा है –

इस मामले में राम माधव ने लोकसभा में अमित शाह के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, “अनुच्छेद 371 का अनुच्छेद 370 से कोई संबंध नहीं है। अनुच्छेद 371 में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अलगाववाद को बढ़ावा देता हो। मैं इस अनुच्छेद के अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों को आश्वस्त करता हूँ कि मेरी सरकार द्वारा अनुच्छेद 371 के हटाये जाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है”।  

जब गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान सरकार का अनुच्छेद 371 को हटाने का कोई इरादा नहीं है, तो ऐसे में इसे हटाने की अफवाहें फैलाकर विपक्ष क्या सिद्ध करना चाहती है? सच कहें तो इन अफवाहों को फैलाने के पीछे विपक्ष का असल ध्येय आम जनता को मौजूदा सरकार के प्रति भ्रम पैदा करना है, जो बेहद शर्मनाक बात है, इससे विपक्ष की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है।

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