चिदंबरम की गिरफ्तारी से बढ़ी गांधी परिवार की टेंशन, कहीं खुल न जाये दबे हुए राज

हाल ही में आईएनएक्स मीडिया केस में पैसों के गबन और एफ़डीआई के नियमों का उल्लंघन करने  के आरोप में पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को आखिरकार बुधवार की रात सीबीआई ने ज़ोर बाग से गिरफ्तार कर लिया।

काफी ड्रामे के बाद भी चिदंबरम कानून के शिकंजे से बच नहीं पाए। जबसे चिदंबरम हिरासत में लिए गए हैं, गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी की रातों की नींद मानों उड़ सी गयी है। हो भी क्यों न, यूपीए सरकार में कभी सोनिया गांधी के सबसे विश्वासपात्र सलाहकारों में से एक रहे पी चिदंबरम गांधी परिवार के कई घोटालों राज जानते हैं। ये कांग्रेस के ऐसे बड़े नेता हैं, जो भविष्य में गांधी परिवार द्वारा किये गये घोटालों से जुड़े राज उजागर कर सकते हैं, और ऐसे में गांधी परिवार एवं कांग्रेस की चिंतायें बढ़ना लाज़मी है।

कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक हैंडल ने इस विषय पर ट्वीट करते हुये कहा, ‘जो सरकार सच बोलने के लिए लोगों पर कार्रवाई करे, वो केवल अपनी कायरता को प्रदर्शित कर रही है। पी चिदंबरम एक बेहद ही योग्य और सुलझे हुए नेता है, उन्होंने इस देश की निस्वार्थ भाव से सेवा की है। हम उनके सच को सामने लाने की इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं, चाहे कुछ भी हो जाये’।

परंतु कांग्रेस की यह दलीलें किसी को नहीं पची, और सुचेता दलाल जैसे पत्रकार [जो आम तौर पर नरेंद्र मोदी की आलोचना करते नहीं थकते] भी अब चिदंबरम को उनके भ्रष्ट गतिविधियों के लिए खूब खरी खोटी सुना रहे हैं। सुचेता दलाल अपने ट्वीट में लिखती हैं, ‘जिन लोगों ने उनके राजनीतिक विरोधियों और निर्दोष उद्योगपतियों को सताने में उनकी सहायता की, आज वे ही लोग उनके किसी काम न आए। आश्चर्य की बात तो तब होगी जब उनमें से कुछ नेता उनके समर्थन में आगे आयेंगे। जो बीजेपी से चिढ़ते हैं, वो भी चिदंबरम की चतुराई के अलावा उनका कोई और गुण शायद ही जानते होंगे’।

सच पूछें तो देश की जनता को लूटने में गांधी परिवार के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ स्वयं पी चिदंबरम की भी बड़ी अहम भूमिका रही है। एयरसेल मैक्सिस जैसे वित्तीय घोटाले हों, या फिर सारधा चिटफंड घोटाला हो, वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में धांधली हो, या फिर ज़ाकिर नायक जैसे कट्टरपंथियों के एनजीओ को वित्तीय सहायता देनी हो, पी चिदंबरम पर देश के संसाधनों को लूटने के अनेकों आरोप लगे हैं।

अब सवाल यह है कि गांधी परिवार चिदंबरम को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है? इसका खुलासा प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं अधिवक्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने किया था। सुब्रह्मण्यम स्वामी के अनुसार, ‘जहां तक चिदंबरम के बारे में मैं जानता हूं, वो सभी कांग्रेसी नेताओं में सबसे भ्रष्ट रहा है। उन्होंने सोनिया गांधी के लिए तो मनी लौंड्रिंग भी की हैं’।

लग तो यह भी रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह को यूपीए के शासनकाल में झूठे मामलों में फंसाकर उन्हें रास्ता से हटाने का आइडिया भी शायद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का ही था। ये बात सभी जानते हैं कि अमित शाह सोनिया गांधी को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, और गुजरात में मोदी शाह की जोड़ी के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए ही सोनिया गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम का इस्तेमाल शाह को फंसाने के लिए किया हो।

यूपीए के कार्यकाल में नेहरू गांधी परिवार के घोटालों का कच्चा चिट्ठा खोलने वाली पुस्तक ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में लेखक संजय बारू ने बताया है कि 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहते थे, परंतु सोनिया गांधी के आगे उनकी एक न चली, और चिदंबरम को वित्त मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया।

यूपीए शासनकाल में पी चिदंबरम 2004 से 2008 तक वित्त मंत्री रहे, और 2012 से 2014 तक एक बार फिर उन्होंने वित्त मंत्रालय का पदभार संभाला था। 2008 से 2012 तक उन्होंने गृह मंत्रालय का पद भी संभाला था। इसी दौरान ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठ फैलाने से लेकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह के पीछे हाथ धोकर पड़ जाने तक उन्होंने हर वो काम किया, जो एक गृह मंत्री होने के नाते किसी भी नेता को बिलकुल शोभा नहीं देता था। परंतु वो देश के गृह मंत्री बाद में, और नेहरू गांधी परिवार के चाटुकार पहले थे।

ऐसे में अब चिदंबरम के पकड़े जाने के बाद हो सकता है कि इन मामलों में पूछताछ के दौरान कुछ ऐसे खुलासे हों जो गांधी परिवार के लिए मुसीबतों का सबब बन जाए। गांधी परिवार पहले से ही कई घोटालों का आरोप झेल रहा है। फिलहाल के लिए तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी तो नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर बाहर हैं। चूंकि पी चिदंबरम गांधी परिवार के काफी करीबी हैं और इस परिवार के कई गहरे राज भी जानते हैं, इसलिए अब उनके गिरफ्तार होने से गांधी परिवार की टेंशन तो बढ़ेगी ही। अब देखना दिलचस्प होगा कि चिदंबरम के पकड़े जाने से किन राजों से पर्दा उठता है।

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