क्या 370 हटने से बॉलीवुड पर भी पड़ा है असर, कश्मीर की अंतिम हिंदू रानी पर बनेगी फिल्म

कोटा रानी फिल्म

PC: kalingatv.com

कोटा रानी फिल्म : द लास्ट क्वीन ऑफ कश्मीर

कश्मीर इन दिनों सूर्खियों में है, वजह कई हैं, पहला तो यह कि विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया गया। इसके बाद राज्य का दो भाग कर दिया गया, दोनों को यूटी बना दिया गया है। इसी वजह से घाटी में सेना, मीडिया व आम जन को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस कड़ी में बॉलीवुड भला कैसे पीछे रहता, विवेक अग्निहोत्री ने तो आगामी फिल्म कश्मीर फाइल्स पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बॉलीवुड ने जम्मू-कश्मीर की अंतिम हिन्दू शासिका कोटा रानी के जीवन को अब बड़े पर्दे पर दिखाने का फैसला किया है। निर्माता मधु मंटेना ने रिलायंस एंटर्टेंमेंट के साथ मिलकर कोटा रानी फिल्म को बनाने की पुष्टि कर दी है, इस बात की जानकारी फिल्म ट्रेड विश्लेषक तरण आदर्श ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से की थी।

सूत्रों की मानें तो कोटा रानी के जीवन को फिल्म के रूप में बड़े पर्दे पर उतारने के लिए राकेश कौल की प्रसिद्ध पुस्तक ‘द लास्ट क्वीन ऑफ कश्मीर’ का सहारा लिया जाएगा। बता दें कि कोटा रानी लोहारा वंश के राजा रामचन्द्र की पुत्री थी। वे जितनी सुंदर थी, उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी। उन्हें कश्मीर में वीरता की प्रतिमूर्ति माना जाता है, क्योंकि उन्होंनें अंतिम सांस तक कश्मीर घाटी को आक्रांताओं के हमलों से बचाने का प्रयास किया था। कोटा रानी कूटे कोल नहर के निर्माण के लिए भी याद की जाती हैं, जिसके कारण कश्मीर हमेशा भयंकर बाढ़ से बचता रहा है।

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कोटा रानी जीवनी 

कोटा रानी के पिता ने लद्दाख के एक निवासी रिंचन को अपने प्रशासकों में नियुक्त किया था। हालांकि रिंचन कुछ ज़्यादा ही महत्वाकांक्षी था और जल्द ही उसने सिंहासन पर कब्जा जमा लिया। जनसमर्थन पाने के लिए रिंचन ने लेह और लद्दाख क्षेत्र के प्रशासक के तौर पर रामचंद्र के पुत्र रावनचन्द्र को नियुक्त किया, और फिर उसकी बहन यानी कोटा रानी से विवाह कर लिया। उस वक्त कश्मीर आने वाले शाह मीर को उन्होंने अपने प्रमुख प्रशासकों में जगह दी। बाद में रिंचन ने इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नया नाम सुल्तान सदरुद्दीन रखा। उसने घाटी में तीन वर्ष शासन किया और एक युद्ध के दौरान मारा गया।

कोटा रानी को रिंचन के छोटे बेटे के राज्य संरक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया। जल्द ही उन्हें दरबारियों ने पुनर्विवाह के लिए राज़ी करा लिया और उनका विवाह उदयांदेव से हुआ। हालांकि उदयांदेव का भी 1338 में असामयिक निधन हो गया। कोटा रानी के अब दो बेटे थे। रिंचन के बेटे को शाह मीर की देखरेख में रखा गया और उदयांदेव के बेटे को विश्वसनीय दरबारी भट्टभिक्षण की देखरेख में रखा गया। कोटा रानी जल्द ही कश्मीर की रानी बन गईं और उन्होंने भट्टभिक्षण को अपना प्रधानमंत्री घोषित किया।

शाह मीर को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बीमार होने का नाटक किया। जब भट्टभिक्षण उससे मिलने आए, तो शाह मीर ने छल करते हुए उन्हें मार दिया और कोटा रानी पर हमला करने के लिए आगे बढ़ा। इतिहासकार जोनराज के अनुसार कोटा रानी ने आत्महत्या कर ली और शाह मीर को अपनी आँतें भेंट में दे दी। शायद इसीलिए कुछ लोग उन्हे ‘कश्मीर की क्लियोपैट्रा’ भी कहते हैं।

बॉलीवुड एक मध्यकालीन रानी की कथा में इतनी रुचि क्यों ले रहा?

पर आखिर बॉलीवुड एक मध्यकालीन रानी की कथा में इतनी रुचि क्यों ले रहा है, जिसे सदियों तक लोगों ने भुला दिया था? ये महज संयोग तो हो नहीं सकता कि ये फिल्म अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के कुछ ही हफ्तों बाद घोषित हुई हो। ऐसे में हम सोचने को विवश हो जाते हैं कि जो बॉलीवुड अपने संकुचित विचारधारा, वामपंथी सोच और हिन्दू विरोधी गुट के लिए बदनाम है, कहीं वो राष्ट्रवादी फिल्मों की ओर अब और आकर्षित तो नहीं हो रहा है?

ऐसा हो भी सकता है। मधु मंटेना के अनुसार, “यह आश्चर्य की बात है कि भारतीय होने के नाते हमें कोटा रानी जैसे लोगों के बारे में तनिक भी ज्ञान नहीं है। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे क्लियोपैट्रा जैसी हैं, और आज की काफी घटनाएँ उनकी कथा से संबन्धित है। उनका जीवन काफी रोमांच से भरा था और वे शायद भारत की सबसे योग्य महिला शासकों में से एक रही है। ये शर्म की बात होगी यदि हम उनके बारे में तनिक भी ज्ञान न रख पाएँ”।

सच पूछें तो ‘उरी – द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘केसरी’, ‘द ताशकन्द फाइल्स’ और अब ‘बाटला हाउस’ की अपार सफलता  के बाद कई फ़िल्मकारों और निर्माताओं को भारत के असंख्य अनसुने वीरों की गाथाओं को पर्दे पर उतारने की प्रेरणा अवश्य मिली है, जिन्हें बॉलीवुड के बुद्धिजीवी वर्ग ने बहुत पहले ठुकरा दिया था।

उधम सिंह, भारतीय नौसेना के 1971 युद्ध की शौर्य गाथाएँ और ताणाजी मालुसारे पर भी फिल्में बन रही हैं, और ऐसे में ये कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अब कोटा रानी पर फिल्म बनाने की घोषणा कर बॉलीवुड भी थोड़ा संघी हो चला है। वैसे भी मधु मंटेना वाल्मीकि रामायण पर प्रसिद्ध निर्देशक नितेश तिवारी के साथ एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने जा रही हैं। अब देखना यह है कि फिल्म में कोटा रानी के वैभव को कौन सी अभिनेत्री पर्दे पर जीवंत कर पाती है।

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