बौखलाए पाक के मंत्री ने कहा- भारत के लिए एयरस्पेस बंद करने पर होगी विचार, पहले 688 करोड़ का हुआ था घाटा

पाकिस्तान

PC: Newindianexpress

इस वर्ष फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। CRPF जवानों पर हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी जिसके बाद पाकिस्तान इस कदर घबरा गया था कि उसने अपने एयर स्पेस को बंद कर दिया था। हालांकि, इसके 5 महीने बाद पाकिस्तान को अपने खराब आर्थिक हालातों की वजह से अपने एयरस्पेस को खोलना पड़ा था।

ऐसा इसलिए क्योंकि एयरलाइंस द्वारा पाक का एयरस्पेस इस्तेमाल के बदले में पाकिस्तानी सरकार को जो राजस्व मिलता था, वह मिलना बंद हो गया और पहले से ही आर्थिक मोर्चे पर फेल हो चुके पाकिस्तान के लिए यह सह पाना बेहद मुश्किल हो गया था। हालांकि, अब जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने दोबारा भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने की धमकी दी है। अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत से ज़्यादा पाकिस्तान को ही अंजाम भुगतने पड़ेंगे।

दरअसल कल पाकिस्तान सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर फवाद हुसैन ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री (इमरान खान) भारत के लिए हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत के अफगानिस्तान से व्यापार के लिए पाकिस्तान के जमीनी मार्ग के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध का भी सुझाव कैबिनेट बैठक में दिया गया है। इन फैसलों के लिए कानूनी औपचारिकताओं पर विचार हो रहा है। मोदी ने शुरू किया है, हम खत्म करेंगे।”

फवाद चौधरी ने यह ट्वीट कर इस बात को भी बताने की कोशिश की, कि पाक के इस कदम से भारत को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और पाक के इस ‘बड़े’ कदम से पीएम मोदी को गहरा झटका पहुंचेगा। हालांकि, वे इस बात को पूरी तरह भूल गए कि अभी पिछले महीने ही पाकिस्तान ने 5 महीने में 680 करोड़ रुपये खोने के बाद अपना एयरस्पेस खोला था।

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तानी सरकार पर भारत के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बढ़ा था, तो आनन-फानन में उसने भारतीय एयरलाइंस को नुकसान पहुंचाने के लिए अपना एयर स्पेस बंद करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान के इस फैसले का त्वरित प्रभाव यह हुआ कि भारतीय एयरलाइंस को पश्चिमी देशों में जाने के लिए पाक के एयरस्पेस को छोड़कर लंबे रास्ते का चुनाव करना पड़ा और भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ा था।

हालांकि, ऐसा नहीं था कि पाकिस्तान के इस फैसले का प्रभाव सिर्फ भारत पर पड़ा हो। पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद करने की वजह से पाक सरकार को राजस्व मिलना बंद हो गया और उसे एयरपोर्ट चार्जेस मिलने भी बंद हो गए, जिसकी वजह से उसे भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ा। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एयरस्पेस बंद होने के बाद से अब तक पाकिस्तान को करीब 688 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा वहां के यात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि कई देशों की एयरलाइंस ने पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स को रद्द कर दिया था। इसके अलावा पाक की सरकारी एयरलाइन ने भी दिल्ली और बैंकॉक के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया था। यानि भारत को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने जो फैसला लिया था, उसने कई महीनों तक पाकिस्तान की जनता को ही परेशान करके रखा।

इसके अलावा पाक को एयरस्पेस बंद रखने के बाद बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा था। दरअसल, पाक को इस वक्त डॉलर्स की सबसे ज़्यादा जरूरत है, और इसके लिए वह चीन और क़तर जैसे देशों से भीख मांगने को मजबूर हो गया है। पिछले कुछ महीनों में वह चीन, सऊदी अरेबिया और क़तर से कर्ज़ लेने के बावजूद IMF के पास जाने को मजबूर हुआ है। पाक कर्ज़ में डूबा हुआ है और वहां की सरकार ने लोगों पर भारी टैक्स लगाया है जिसके कारण महंगाई से इस देश में भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। इसके अलावा आतंक विरोधी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहने के लिए पाकिस्तान पर एफ़एटीएफ़ द्वारा ब्लैक लिस्ट होने का खतरा भी लगातार मंडरा रहा है। अगर ऐसा होता है, तो पाक की मुश्किलों में और इजाफा हो सकता है।

ऐसे में पाक सरकार के किसी मंत्री का एयरस्पेस को बंद करने जैसा बेतुका बयान देना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अपना मानसिक संतुलन पूरी तरह खो चुका है और भारत के कश्मीर पर लिए गए फैसले पर भड़की अपनी जनता को शांत करने के लिए वहां के मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं। पाकिस्तान का ऐसा कदम सूसाइडल ही साबित होगा और इसका खामियाजा पीएम मोदी या भारत को नहीं, बल्कि पाकिस्तान को ही भुगतना होगा।

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