पाकिस्तान ने पहले UAE को लताड़ा, फिर अपना बटुआ देखा, फिर लगा यूएई की तारीफ़ें करने

पाकिस्तान यूएई

पीएम मोदी पिछले दिनों गल्फ देशो के दौरे पर थे जहां उन्होंने यूएई और बहरीन जैसे देशों का दौरा कर अपने कूटनीतिक रिश्तों को आगे बढ़ाया। इन दोनों ही देशों ने पीएम मोदी को अपने-अपने सर्वोच्च सम्मानों से नवाजा। यूएई में पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ सम्मान से नवाजा गया। एक तरफ जहां सभी भारतीयों ने इसका स्वागत किया, तो वहीं कश्मीर मुद्दे पर पूरी दुनिया से समर्थन मांग रहे पाक के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को यूएई से समर्थन तो नहीं मिला, लेकिन उल्टा यूएई ने पीएम मोदी को अपने देश बुलाकर और उनको मेडल देकर पाक के ज़ख़्मों पर नमक डालने का काम किया। इसी से बौखलाकर पाकिस्तानियों ने बड़े ही जोश से सोशल मीडिया पर ‘शेम ऑन यूएई’ जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करना शुरू कर दिया।

पाकिस्तानियों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल कर जमकर भारत के विरोध में ट्वीट किए और यूएई को भी नसीहत दी। इन ट्विट्स में पाकिस्तान के लोगों ने पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी घोषित करने का प्रयास किया।

पाकिस्तान की हताशा को आप इसी बात से समझ सकते हैं कि पीएम मोदी को सम्मानित किए जाने से खफा होकर पाकिस्तान के सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी ने अपना यूएई दौरा रद्द कर दिया। पाक मीडिया की खबरों के मुताबिक, संजरानी के यूएई दौरे से कश्मीरी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, इसलिए उन्होंने अपना और एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा रद्द करने का फैसला लिया। यूएई सरकार के बुलावे पर यह दौरा 25 से 28 अगस्त तक होने वाला था।

पाकिस्तान के लिए यूएई के खिलाफ जाकर ऐसे कदम उठाना समझ से परे की बात की है। पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी पाक को यह इजाजत नहीं देती कि वह यूएई जैसे देशों के साथ अपने सम्बन्धों को खराब करे। दरअसल, पाकिस्तान को इस वक्त डॉलर्स की सबसे ज़्यादा जरूरत है, और इसके लिए वह चीन और क़तर जैसे देशों से भीख मांगने को मजबूर हो गया है। पिछले कुछ महीनों में वह चीन, सऊदी अरेबिया और क़तर से कर्ज़ लेने के बावजूद IMF के पास जाने को मजबूर हुआ है। पाकिस्तान कर्ज़ में डूबा हुआ है और वहां की सरकार ने लोगों पर भारी टैक्स लगाया है जिसके कारण महंगाई से इस देश में भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। इसके अलावा आतंक विरोधी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहने के लिए पाकिस्तान पर एफ़एटीएफ़ द्वारा ब्लैक लिस्ट होने का खतरा भी लगातार मंडरा रहा है। अगर ऐसा होता है, तो पाकिस्तान की मुश्किलों में और इजाफा हो सकता है।

हालांकि, पाकिस्तान को इस बात का जल्द ही आभास हो गया कि वह अब यूएई से पंगा लेने की स्थिति में नहीं है, और अगर वह बड़े स्तर पर अपना विरोध जताता है तो उसे इसके गंभीर अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं। पाक के सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी द्वारा उनका यूएई दौरा रद्द किए जाने के बाद पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी मीडिया के सामने आए और बोले कि हमें यूएई के फैसले की कद्र करनी चाहिए। उन्होंने कहा ‘अभी साल भी नहीं बीता की यूएई ने बुरे वक्त में हमारी आर्थिक मदद की थी और इसके अलावा इन देशों में लाखों पाकिस्तानी दो वक्त की रोटी के लिए रोजगार करते हैं’। इसके साथ ही कुरैशी ने पाकिस्तानियों को ज्यादा जज़्बाती ना होने की नसीहत भी दी।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाली के मुंहाने पर खड़ी है और इसकी वजह से इस देश की कूटनीति भी कमजोर पड़ चुकी है। पाकिस्तान के लोग हर बात पर भारत के साथ अपनी तुलना करते हैं और कश्मीर मामले पर भारत की कूटनीतिक जीत के बाद अब इस देश के लोगों में हताशा का माहौल है।

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