‘हम हार जाएंगे’ पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ ने बताया क्यों अब पाक में भारत से युद्ध की बात नहीं होती

सिद्दीका ने आगे ये भी बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पाक की जनता को इस बात का आभास है कि भारत के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया जा सकता।

(PC : UrduPoint.com)

हमारे पड़ोसी देश का प्रशासन और उसकी सेना ने कई वर्षों से अपनी जनता को इस बहकावे में रखा है कि वे भारत के विरुद्ध युद्ध लड़ने योग्य है और युद्ध के मैदान में पाकिस्तान चुटकियों में भारत को पटखनी दे सकता है। दुनिया के कई सैन्य विशेषज्ञों ने इस बात का खंडन किया है, पर पड़ोसी देश का प्रशासन है कि इसे स्वीकारने को तैयार नहीं। अब पाक की प्रख्यात सैन्य विशेषज्ञ एवं राजनीतिक टिप्पणीकार आयशा सिद्दीका ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि कर्ज़ में डूबा हुआ हमारा पड़ोसी भारत से युद्ध लड़ने की स्थिति में है।

आयशा के अनुसार, “मैंने हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर में अपने एक मित्र से बातचीत की और पूछा की अपनी सेना वहाँ लड़ क्यों नहीं रही है। तो जवाब आया – हम हार जाएंगे। अब आम लोग भी ये समझने लगे हैं कि ये भारत से लड़ने का सही वक्त नहीं है”।

आयशा सिद्दीका को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और SOAS दक्षिण एशियाई संस्थान में बतौर रिसर्च एसोसिएट काम करती है। उन्होंने पाकिस्तानी आर्मी पर काफी लेख लिखे हैं और वर्ष 2007 में इनकी एक रचना ‘मिलिटरी इंक : इनसाइड पाकिस्तान मिलिटरी इकोनोमी’ भी प्रकाशित हो चुकी है। ये पुस्तक पाक के सैन्य प्रशासन का बहुत विस्तृत विवरण देती है, और इसे पाक के सैन्य उद्योग के विवरण में मील का पत्थर माना जाता है, जहां लोकतान्त्रिक प्रशासन सैन्य प्रशासन से कमतर माना जाता है।

सिद्दीका ने आगे ये भी बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पाक की जनता को इस बात का आभास है कि भारत के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया जा सकता। ‘ऐसा पहली बार है कि [पाकिस्तान के] एक आम आदमी को पता है कि जंग नहीं हो सकती। एक गहरा दर्द ज़रूर है, लोगों में निराशा भी है, परंतु इस बात का ज्ञान भी है कि अब कुछ नहीं हो सकता। अब देखना यह है कि पाकिस्तानी सेना कैसे रीएक्ट करती है”।

आयशा सिद्दीका आगे बताती है, “पिछले 72 सालों से पाकिस्तानी सेना का पूरा ध्यान कश्मीर और भारत पर था। एक दिन वे उठे और कुछ भी नहीं बचा था। पाकिस्तानी सेना में कुछ गुट हैं जो काफी हताश और क्रोधित हैं और वे अवश्य प्रश्न उठाएंगे”।

सच पूछें तो हमारे पड़ोसी देश के सैन्य बल हमारे सामने सीमित या पूर्ण युद्ध की स्थिति में कहीं नहीं ठहरते। मोदी सरकार के आने के बाद सेना को मजबूत करने के लिए सेना के लिए बजट को लगातार बढ़ाया गया है। वर्ष 2018 में ये खर्चा 3.1 प्रतिशत बढ़कर 66.5 बिलियन डॉलर पहुँच चुका है। पिछले एक दशक के मुक़ाबले हमारा खर्चा पूरे 29 प्रतिशत बढ़ा है। SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत में सैन्य खर्च पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के कारण बढ़ता है”।

उधर पाकिस्तान का रक्षा खर्च 2018 में जीडीपी का 4 प्रतिशत हो चुका है। भले ही पाकिस्तान का रक्षा खर्च जीडीपी प्रतिशत के मामले में भारत के मुक़ाबले ज़्यादा हो, लेकिन उनकी अर्थव्यवस्था को देखते हुये पाक सेना का बजट हमारे मुक़ाबले बहुत कम है। 2009 के आंकड़ों के मुक़ाबले पाक का सैन्य खर्च 73 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पाक सेना के बजट में वर्ष 2017 के मुक़ाबले 11 प्रतिशत की वृद्धि है।

इतना खर्चा करने के बाद भी हमारा पड़ोसी देश हमारे सामने कहीं नहीं ठहरता। भारत के पास विश्व के कुछ सबसे अत्याधुनिक शस्त्र उपलब्ध है और हमारी सेना दुनिया में यूएसए, रूस और चीन के बाद विश्व की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में गिनी जाती है। हमारे पड़ोसी को इस सूची के टॉप टेन में भी जगह नहीं मिलती। ऐसे में आयशा सिद्दीका जब कहती हैं कि पाक भारत से लड़ने योग्य स्थिति में नहीं है, तो वे केवल सच ही बता रही हैं।

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