‘भारत से बात करो, UNSC के पास आना भी मत’ कश्मीर मुद्दे पर पोलैंड का पाकिस्तान को झन्नाटेदार झापड़

पोलैंड पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ

PC: thenews.com.pk

पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। अब पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के मौजूदा अध्यक्ष देश पोलैंड ने भी साथ देने से इंकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष देश पोलैंड ने सोमवार को स्पष्ट कह दिया है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद को कश्मीर मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझाना होगा। इस बयान के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने की पाकिस्तान की कोशिशों पर पानी फिर गया है। बता दें कि सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता अगस्त महीने से पोलैंड के पास है। सुरक्षा परिषद के सदस्य देश बारी-बारी से हर महीने अध्यक्षता करते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोवास्की ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश बातचीत से इसका समाधान निकाल सकते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव पर उन्होंने कहा, ”पोलैंड का मानना है कि किसी भी विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही किया जा सकता है। यूरोपीय यूनियन की तरह हम भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के हक में है।”

पोलैंड के तरफ से इस बयान के बाद पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मिलने वाली मदद की उम्मीदों पर पानी फिर चुका है। इससे पहले पाक ने अमेरिका, यूएन, ओआईसी और चीन समेत अंतराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले पर हस्तक्षेप करने की गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई भी उसके साथ खड़ा होने के लिए तैयार नहीं है। अमेरिका, रूस, श्रीलंका, यूएई और मालदीव जैसे देश पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि कश्मीर मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है और भारत के पास उसके संबंध में सभी अधिकार सुरक्षित हैं।

यह पाकिस्तान के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है, इससे पहले ही फरवरी 2019 में पुलवामा हमलों के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है। तुर्की को छोड़कर, किसी अन्य देश ने आधिकारिक तौर पर अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया है। यहां तक कि सऊदी अरब, मलेशिया, मालदीव और यूएई जैसे इस्लामिक देशों ने इस मामले को भारत का आंतरिक मामला बताया है।

इसका श्रेय वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी जाता है जिन्होंने पोलिश (पोलैंड के) राजदूत सहित सभी महत्वपूर्ण विदेशी प्रतिनिधियों से संपर्क किया था और अपने देश की स्थिति और सच्चाई से अवगत करवाया था। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर और पोलिश विदेश मंत्री के बीच फोन पर कश्मीर को लेकर बातचीत हुई थी जिसमें 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर की संशोधित स्थिति के बारे में उन्हें बताया था।

पोलिश विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने बताया था कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 ’निरस्त करने वाला संशोधन“ पूर्ण रूप से से आंतरिक मामला है और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा व शांति लाना है जो विशेष रूप से आतंकवादी हमलों के कारण असुरक्षित रहा है।

अमेरिका, चीन और रूस जैसी महाशक्तियों की फटकार के बाद पहले से कूटनीतिक तौर पर कमजोर पड़ चुके पाकिस्तान को जोरदार झटका लगा है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि कश्मीर मुद्दे पर हल्ला मचाकर और भारत के साथ तनाव बढ़ाकर वह इन महाशक्तियों का समर्थन जुटाने में कामयाब होगा, लेकिन उसे हर जगह से मुंह की खानी पड़ी है।

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