बुधवार देर रात सीबीआई और ईडी ने यूपीए शासन काल के दौरान रहे केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को उनके घर जाकर गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले मंगलवार को भी सीबीआई और ईडी उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी, लेकिन उस वक्त वे अपने घर से फरार हो गए थे। अब जब पी चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में हैं, तो अब उनके सलाखों के पीछे जाने का बुरा सपना सच होता दिखाई दे रहा है। लेकिन यूपीए शासन काल के दौरान सरकार की मेहरबानी से नियमों और क़ानूनों की धज्जियां उड़ाने वालों में सिर्फ चिदंबरम ही नहीं थे, बल्कि और भी ऐसे कई लोग थे जिन्होंने सरकारी बाबुओं और मंत्रियों की मदद से जमकर लूट मचाने का काम किया था और ऐसे ही लोगों में शामिल थे एनडीटीवी के संस्थापक प्रणॉय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय!
रॉय दंपत्ति पर कई ऐसे आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनको लेकर उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है और ईडी पहले ही ऐसे मामलों की जांच कर रही है। बुधवार को ही डाइरेक्ट एफ़डीआई के एक मामले में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणॉय रॉय व उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ सीबीआई ने एक नया मामला दर्ज किया है। इससे पहले इसी महीने रॉय दंपत्ति को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोक दिया गया था। बता दें कि एनडीटीवी पर भारी कर्ज़ है और वह वित्तीय संकट से जूझ रहा है। इसके अलावा सीबीआई भी कई मामलों में रॉय परिवार के खिलाफ जांच कर रही है। यानी इस बात को कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि रॉय दंपत्ति जल्द ही हमें सलाखों के पीछे देखने को मिल सकते हैं।
बता दें कि प्रणॉय रॉय कई मामलों में कानूनी कार्रवाई को भुगत रहे हैं। एक मामले में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने इसी वर्ष जून में प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय पर शेयर बाजार में शेयरों की प्रत्यक्ष या परोक्ष खरीद–बिक्री या किसी भी तरह के लेन–देन और चैनल में डायरेक्टर या कोई भी मैनेजमेंट पद संभालने पर दो साल के लिये प्रतिबंध लगा दिया था। तब सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि इनके द्वारा 3 लोन एग्रीमेंट्स को लेकर माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स से जानकारी छिपाई गई थी जो कि नियमों का उल्लंघन है। हालांकि, बाद में सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने सेबी के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। इसी तरह वर्ष 2015 में सेबी ने एनडीटीवी को आयकर विभाग द्वारा की गई 450 करोड़ रुपये की ‘कर’ मांग और कंपनी के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों द्वारा की गई शेयरों की बिक्री संबंधी सूचनाएं शेयर बाजारों को देने में देरी करने का दोषी पाया था और कंपनी पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इसी मामले में मार्च 2018 में भी सेबी द्वारा एनडीटीवी और उसके चार अधिकारियों पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
इसके अलावा 2जी स्कैम के पैसे को पी चिदंबरम के साथ मिलकर ब्लैक से व्हाइट करने के मामले में प्रणॉय रॉय इनकम टैक्स की जांच में आरोपी हैं। मनमोहन सरकार के कार्यकाल में आईआरएस अधिकारी एस. के श्रीवास्तव ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस स्कैम और इसमें चिदंबरम और प्रणॉय राय की मिलीभगत को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया था जिसके बाद इस आईआरएस अधिकारी को तरह तरह से प्रताड़ित किया गया। इस संबंध में 2 साल पहले सीबीआई द्वारा रॉय के ठिकानों पर रेड मारी गई थी, और अब इसी मामले में उनके ऊपर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज़ किया गया है।
इतना ही नहीं, अभी 19 अगस्त को ही सीबीआई के डिप्टी एसपी ने दिल्ली पुलिस से रॉय दंपत्ति और एनडीटीवी के पूर्णकालिक डाइरेक्टर रहे विक्रमादित्य चंद्रा के खिलाफ एक एफ़आईआर भी दर्ज़ कराई थी जिसमें उन्होंने एनडीटीवी पर यह आरोप लगाया था कि मई 2004 से लेकर मई 2010 तक कई भ्रष्ट सरकारी बाबुओं ने एनडीटीवी के माध्यम से अपनी ब्लैक मनी को विदेशों में भेजा था और फिर विदेशों से इस पैसे को व्हाइट कर वापस एनडीटीवी की सहयोगी कंपनियों के माध्यम से भारत में भेजा गया था।
Do note point #3 of the FIR.
“Proceeds of corruption of unknown public servants were invested through NDTV Ltd.”
This is alarming. The investigators must go the whole hog. It is important expose and bust such a dangerous media-babu nexus. pic.twitter.com/dOESA9CzxS— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) August 21, 2019
यानि एफ़आईआर के मुताबिक, भ्रष्ट अफसरों की काली कमाई को व्हाइट करने में एनडीटीवी अपनी भूमिका निभा रहा था। अगर जांच के बाद ये आरोप सच पाये जाते हैं तो एनडीटीवी पर कानूनी शिकंजा और मजबूत हो सकता है, और जल्द ही हमें पी चिदंबरम के साथ–साथ रॉय दंपत्ति भी सलाखों के पीछे देखने को मिल सकते हैं।