‘सेक्रेड गेम्स 2’ हिंदू विरोधी विचारधारा से प्रेरित ये वेब सीरीज

सेक्रेड गेम्स 2

PC: HS News

यदि आपको लगता है कि अब तक हिंदू फोबिया का सबसे घटिया स्वरूप ‘लीला’ में दिखाया गया है, तो एक बार फिर सोच लीजिये। ‘सेक्रेड गेम्स’ के बहुप्रतिष्ठित सीक्वल ने इस मामले में ‘लीला’ को कॉम्पटिशन देने का मन बना लिया है। जो भी ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ के आखिरी सीजन से नाखुश होगा, वो भी इसे देखकर अपनी किस्मत को अवश्य धन्यवाद दे रहा होगा कि चलो, गेम ऑफ थ्रोन्स के अंतिम सीज़न से भी घटिया कुछ है!

अनुराग कश्यप एवं विक्रमादित्य मोटवाने द्वारा सह निर्देशित ‘सेक्रेड गेम्स 2’ वेब सीरीज में मुख्य भूमिका में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और सैफ अली खान और इनका साथ दे रहे हैं कल्कि केकलां, रणवीर शौरी, अमृता सुभाष, नीरज कबी, आमिर बशीर, पंकज त्रिपाठी जैसे दिग्गज कलाकार।

अब आते हैं इसकी कहानी पर –

जेल में एक घातक हमले से बचकर भागने में गणेश गायतोंडे [नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी] सफल हो जाता है लेकिन फिर वो अगवा होने के बाद खुद को केन्या में पाता है, जहां उसका संपर्क अपने तीसरे बाप, खन्ना गुरुजी [पंकज त्रिपाठी] से होता है। उधर सरताज को गायतोंडे के बनकर से कुछ अहम सुराग मिलते है, जो मुंबई पर होने वाले हमले की ओर इशारा करते हैं। कैसे गायतोंडे को गुरुजी की असलियत का पता चलता है और कैसे सरताज मुंबई पर होने वाले हमले को रोकने में सफल होता है, इस वेब सीरीज की कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है।

अब इस सीरीज खामियों के बारे में जान लेते हैं:

यूं तो कुछ वेब सीरीज या फिल्मों को आदर्श उदाहरणों के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे ये सिद्ध किया जा सके कि अच्छी वेब सीरीज भी बनती हैं। पर यदि ‘सेक्रेड गेम्स 2’ का उदाहरण ले, तो ये इस बात का सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण है कि एक अच्छी वेब सीरीज में क्या नहीं होना चाहिए।

‘सेक्रेड गेम्स’ का दूसरा सीज़न न सिर्फ निराश करता है, अपितु एक वेब सीरीज के तौर पर बेहद घटिया कंटेंट को परोसा गया है। कहानी उबाऊ है, सीरीज को कूल बनाने के उद्देश्य से ज़रूरत से ज़्यादा गालियां ठूँसी गयी है, और तो और सीरीज को बोल्ड दिखाने के लिए हर प्रकार की फूहड़ता को बढ़ावा दिया गया है। सच कहें तो ऐसा लगता है कि ‘सेक्रेड गेम्स’ सीज़न 2 ‘घोल’, ‘क्वांटिको’,  जैसी सीरीज केवल एक धर्म को टारगेट करने के उद्देश्य से ही बनाये गये हैं।

हम सभी इस वेब सीरीज के निर्देशकों के हिन्दू विरोधी और भारत विरोधी एजेंडे से अनभिज्ञ नहीं है। परंतु ‘सेक्रेड गेम्स’ का ये दूसरा सीजन सनातन धर्म और भारत के प्रति अपनी घृणा का एक अलग ही स्तर दिखाता है। यहाँ पर एक सनातनी धर्मगुरु न केवल विचारधारा से विषैला है, अपितु अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए वो एक पूरे शहर का विध्वंस करने तक की ठान लेता है। ‘क्वांटिको’ की भांति इस सीरीज के खलनायक भी इस हमले का दोष ‘निर्दोष और मासूम मुस्लिमों’ पर डालना चाहते हैं। यहाँ पर आपको कठुआ केस के दौरान प्लाकार्ड गैंग का महिमामंडन भी बखूबी दिखाया जाएगा।

इस सीरीज के कंटेंट को देखते हुए तो यही लगता है कि ‘लीला’ जैसी सीरीज भी आपको इसकी तुलना में काफी बेहतर लगेगी। यदि किसी ने वो किताब पढ़ी है जिसपर ‘सेक्रेड गेम्स’ बनाया गया है उसे पता चलेगा कि इस सीरीज में कई सीन तो ऐसे हैं, जिसका उल्लेख ‘सेक्रेड गेम्स’ नाम की किताब से मेल ही नहीं खाता। इस सीरीज की कहानी में तड़का लगाने के लिए कोई फ़िल्मकार इस हद तक गिर सकता है, इसका अंदाजा शायद ही कोई लगा सके, परंतु हम भूल रहे हैं कि ये अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने है, जिन्होंने इससे पहले ‘मुक्काबाज़’, ‘भावेश जोशी’ जैसी बेहद घटिया फिल्में भी बनाई हैं।

इस सीरीज में लगभग सभी हिन्दू कलाकार दुष्ट, हिंसक और कुत्सित प्रवृत्ति के दिखाये गए हैं, जबकि इंस्पेक्टर माजिद जैसे कलाकारों को एकदम कर्तव्यनिष्ठ अफसर की तरह दिखाया गया है, जो देश की रक्षा में अपनी जान तक देने से नहीं हिचकिचाते। एक धर्म के के लोगों का महिमामंडन करना और दूसरे धर्म को हर तरह से अपमानित करना, यदि ये ‘फूट डालों नीति करो’ नहीं है तो क्या है? और अगर उंगली उठाओ, तो कहते हैं, देश संकट में है? The country has become intolerant?

अब अगर इस सीरीज की अच्छाई की बात करें तो इस सीरीज में पंकज त्रिपाठी, रणवीर शौरी और सैफ अली खान ने अपने दमदार अभिनय से स्थिति को संभालने का हरसंभव प्रयास किया है, परंतु जब सीरीज की कहानी ही प्रोपगैंडा से परिपूर्ण हो, तो अकेला चना क्या भाड़ फोड़ लेगा?

जब आपकी विचारधारा आपके काम पर आवश्यकता से ज़्यादा हावी होने लगे, तो आपकी लाख कोशिशों के बाद भी आप अपने काम को उससे नहीं बचा सकते। ऐसे में अनुराग कश्यप को अब थोड़ा संभलने की जरूरत है।

मेरी तरफ से ‘सेक्रेड गेम्स 2’ को मिलने चाहिए 5 में से 0.5 स्टार। वो क्या है न, लोगों को बेशर्मी से घटिया कंटैंट दिखाने के लिए भी तो हिम्मत चाहिए, और ऐसी हिम्मत के लिए 0.5 स्टार।

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