सुब्रमण्यम स्वामी ने की पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट की भविष्यवाणी, और ये सच होने वाला है

तख़्तापलट पाकिस्तान

(PC: Defense 360)

एक साल पहले ही सेना की मदद से सत्ता में आए इमरान खान एक प्रधानमंत्री के तौर पर पूरी तरह से विफल रहे हैं। पाकिस्तान कूटनीतिक तौर पर बेहद कमजोर पड़ चुका है और इसी का एक बड़ा उदाहरण हमें कश्मीर मामले पर देखने को मिला है। पिछले दिनों मीडिया में यह भी खबर आई थी कि पाकिस्तानी सेना कई कारणों की वजह से इमरान खान से बेहद नाराज़ चल रही है। पाकिस्तान के मौजूदा हालातों को देखते हुए अब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पाक में एक और तख़्तापलट होने की संभावना जताई है। आज सुबह स्वामी ने ट्वीट किया और पाक में नवंबर तक एक और तख़्तापलट होने की संभावना जताई।

स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा ‘बाहर रह रहे मेरे कुछ दोस्तों ने मुझे बताया है कि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना इमरान खान से बेहद नाराज़ चल रहे हैं, और नवंबर तक हमें पाकिस्तान में एक और तख़्तापलट देखने को मिल सकता है। हालांकि इसका भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा’। स्वामी की यह भविष्यवाणी कोई अतिशयोक्ति नहीं है बल्कि उनकी यह भविष्यवाणी जल्द ही हकीकत साबित हो सकती है। भारत सरकार के कश्मीर को लेकर कड़े रुख के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर से सेना कमान अपने हाथों में ले सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिए गए बयानों से भी सेना काफी नाराज़ है जिससे तख़्तापलट की उम्मीदें बढ़ गयी है।

इमरान खान कई मौकों पर अपनी सेना को ही झटका देने का काम कर चुके हैं और ऐसे ही उन्होंने कुछ दिनों पहले भी किया था। पाकिस्तानी सेना को एक बड़ा झटका तब लगा था जब जुलाई महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने अमेरिकी दौरे पर यह स्वीकार किया था कि अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों या कश्मीर में प्रशिक्षण लेकर लड़ने वाले करीब 40,000 आतंकी उनके मुल्क में मौजूद हैं। इससे पाकिस्तान सेना के जनरल अपनी पोल खुलते देख इमरान खान के खिलाफ हो गए थे।
इसके बाद भारत ने कश्मीर से लेकर जो एतिहासिक फैसला लिया, उसने भी पाक सेना और इमरान सरकार के बीच दूरियों को बढ़ाने का काम किया। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में खलबली मच गयी और चारों तरफ इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने लगे। इससे पाक सेना जो पहले से ही इमरान खान से नाराज चल रही थी उसकी नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गयी। ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि इसी अनुच्छेद का उपयोग कर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देती आई है। साथ ही पाकिस्तानी सेना अपनी जनता को भी कश्मीर को आज़ाद करने के नाम पर उन्हें भ्रम में रखती आई है और वहां की अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल आतंकियों के वित्तपोष्ण के लिए करती है। ऐसे में अब वहाँ की जनता यह सवाल जरूर करेगी कि जब कश्मीर को भारत ने पूर्ण रूप से शामिल कर लिया तो पाक सेना को इतने बड़े बजट की क्या आवश्यकता है? भारत के इस कदम से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी सेना को ही होने वाला है जिसकी भरपाई करने के लिए पाक सेना किसी भी स्तर पर जा सकती है।
अभी हाल ही में पाकिस्तान के स्वतन्त्रता दिवस पर इमरान खान यह भी कबूल कर बैठे थे कि भारत पीओके में बालाकोट से भी बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा था, ‘पाकिस्तानी सेना को इस बात की पूरी जानकारी है। हमारी जानकारी के मुताबिक भारत की और भी भयावह योजनाएं हैं’। इमरान खान के इस कबूलनामे से भी पाकिस्तानी सेना और ज्यादा नाराज हो गई। क्योंकि पाकिस्तानी सेना हमेशा से इस बात से इंकार करती रही है कि बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान को कोई भी नुकसान हुआ है। इमरान खान के इस बयान ने पाक सेना को एक झटके में बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया था।

अब एक के बाद एक खुलासों से पाकिस्तानी सेना पूरी तरह से विश्व और अपनी जनता के सामने एक्सपोज हो चुकी है और इन सब की वजह है वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान पाक सेना के सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे हैं। वहाँ की जनता भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के कदमों से खुश नहीं है। यह स्थिति पाकिस्तानी सेना द्वारा तख़्तापलट के लिए बिल्कुल अनुकूल है। पाकिस्तानी सेना के इतिहास को देखें तो तख़्तापलट करके वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अपने देश की जनता को यह कह सकेंगे कि प्रधानमंत्री को उनके कमजोर नेतृत्व के लिए हटाया जा रहा है और सेना अब भारत के खिलाफ बड़ी कारवाई करेगी।

ऐसी स्थिति में सुब्रमण्यम स्वामी की यह भविष्यवाणी काफी तर्कसंगत लगती है। इमरान खान अपने बड़बोलेपन की वजह से कई बार पाक सेना के हितों के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। यही कारण है कि अब पाक सेना भी खान से अपना पीछा छुड़ाना चाहती है और जल्द ही हमें पाकिस्तान में एक और तख़्तापलट देखने को मिल सकता है।

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