नफरत फैलाने वाले 8 ट्विटर यूजर्स को मोदी सरकार ने बैन करने को कहा, ट्विटर ने 4 को किया तत्काल सस्पेंड

ट्विटर जम्मू-कश्मीर अफवाह

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से राज्य में अमन-चैन है। ईद-अल-अजहा (बकरीद) के दिन भी राज्य में शांति देखने को मिली। हालांकि इसके बाद भी अफवाह फैलाकर शौहार्द बिगाड़ने वालों की कमी नहीं है। घाटी में तो सरकार ने सेना की मदद से भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर नियंत्रण कर लिया है लेकिन सोशल मीडिया पर खुलेआम कुछ अराजक तत्व आम जनता को भड़का रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार को माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर को कश्‍मीर आधारित भड़काऊ ट्वीट करने वाले 8 ट्विटर खातों को बंद करने के लिए कहा था। जिसके बाद अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के कहने पर 4 ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी गतिविधियों में शामिल चार अन्य अकाउंट भी जल्द ही बंद किए जाएंगे। इनमें एक अकाउंट कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के नाम से था, जिसे अब सस्पेंड कर दिया गया है।

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के कहने पर यह सख्त कदम उठाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम निजता और सुरक्षा कारणों से लोगों के व्यक्तिगत खातों पर टिप्पणी नहीं करते। वहीं, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ट्विटर खातों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है क्योंकि वे कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर पर भारत के खिलाफ झूठा और बेबुनियाद प्रचार कर रहे थे। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर कश्मीर को लेकर अफवाह फैलाने वाले इन ट्विटर अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें से कुछ यहां हैं।

@kashmir787 – वॉइस ऑफ कश्मीर, @Red4Kashmir – मदीहा शकील खान, @arsched – अरशद शरीफ, @mscully94 — मैरी स्कुली, @sageelaniii – सैयद अली गिलानी, @sadaf2k19, @RiazKha61370907, @RiazKha723

बता दें कि कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी लगातार भड़काऊ ट्वीट कर रहे थे। यहां तक कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले उन्होंने केंद्र को धमकी देते हुए कहा था कि अगर राज्य से विशेष दर्जा छीना गया, तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सोमवार को ट्विटर पर कुछ अकाउंट्स से यह खबर फैलाई गई थी कि बकरीद के मौके पर घाटी में गोलीबारी हुई थी। हालांकि उसी दिन शाम को स्थानीय प्रशासन ने साफ किया कि ईद पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया और एक भी गोली कहीं नहीं चली।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान से ऐसी भी खबरें फैलाई गईं कि सुरक्षाबलों के बीच आपस में काफी मतभेद पैदा हो गया है। हालांकि CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट कर ऐसी खबरों को फर्जी बताया है और लोगों से कहा है कि वे इन बातों पर बिल्कुल ध्यान न दें।

घाटी में शांति स्थापित करने के लिए सरकार ने पहले सुरक्षा बालों की तैनाती की और फिर उसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को स्थिति पर नज़र बनाए रखने के लिए कहा है। घाटी में जमीनी स्तर पर स्थिति तो काबू में है, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाह नहीं थम रहा है।

अब गृह मंत्रालय के इस कदम से सोशल मीडिया पर भी भ्रामक और भड़काऊ ट्विटर हैंडल पर लगाम लगेगी। सरकार के इस कदम से झूठी खबरें फैलाने वालों में भी अब डर बढ़ेगा। इस तरह के एकाउंट्स जो भारतीय होने के बावजूद कश्मीर मुद्दे पर आम जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं उनके खिलाफ सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई किया जाना सराहनीय है।

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