उर्मिला को सता रही है अपने सास-ससुर की चिंता या कर रही हैं गंदी राजनीति ?

PC: Amar ujala

बॉलीवुड से राजनीति में एंट्री कर चुकी उर्मिला मातोंडकर ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी किये जाने पर अपना गहरा दुःख व्यक्त किया है। ये दुःख इसलिए है क्योंकि कश्मीर में लगाये गये तमाम बैन के कारण उर्मिला के पति मोहसिन अख्तर पिछले 22 दिनों से वहां रह रहे अपने माता-पिता से बात नहीं कर पाए हैं।

उर्मिला मातोंडकर ने अपने बयान में कहा है कि “मेरे सास-ससुर वहां रहते हैं। दोनों को मधुमेह है, उच्च रक्त चाप की दिक्कत है। आज 22वां दिन है, न तो मैं और न ही मेरे पति उनसे बात कर पाए हैं। हमें कोई अंदाजा नहीं है कि क्या उनके पास घर में दवाएं उपलब्ध हैं या नहीं।“ उर्मिला ने ये भी कहा कि, ‘सवाल केवल अनुच्छेद 370 हटाने का नहीं है। यह अमानवीय तरीके से किया गया है।’ आपको बता दें कि उर्मिला ने मोहसिन अख्तर मीर से शादी की है। मोहसिन कश्मीरी परिवार से आते हैं।’

बता दें कि उर्मिला ने 3 मार्च 2016 को खुद से 9 साल छोटे मोहसिन मीर अख्तर से शादी की थी और उनके पति कश्मीर बेस्ड बिजनेसमैन और मॉडल हैं। वो अपने पति के साथ मुंबई में रहती हैं जबकि उनके सास-ससुर कश्मीर में रहते हैं। ऐसे में कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से की गयी व्यवस्था पर हमला करने के लिए जो तरीका उन्होंने अपनाया है वो बेहद शर्मनाक है। वास्तव में कांग्रेस नेता उर्मिला मातोंडकर का ये बयान उनकी गंदी राजनीति का हिस्सा है। जिस समय उन्हें देश का साथ देना चाहिए वो अपनी निजी स्वार्थ के लिए विक्टिम कार्ड खेल रही हैं। ये हम नहीं रहे बल्कि सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है। सोशल मीडिया पर उर्मिला मातोंडकर को इस बयान के लिए चारों तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

एक यूजर ने लिखा कि ‘कोई वहां उनका ख्याल रखने के लिए है या नहीं? आपने उन्हें वहां अकेले क्यों छोड़ा। ये एक अच्छे बेटे का काम नहीं है। अपने माता-पिता को वहां छोड़कर वो अपने जीवन को एक ऐसी एक्ट्रेस के साथ व्यतीत जार रहे हैं जो न केवल एक अच्छी राजनेता है और न ही अच्छी बहु।

https://twitter.com/ProudBhagavathi/status/1167425310595399681

एक अन्य यूजर ने लिखा कि आप लैंडलाइन से भी संपर्क कर सकते थे। किसी ने कहा कि इतनी चिंता थी तो फ्लाइट लेकर क्यों नहीं गये। उर्मिला और उनके पति पर यूजर्स ने कई सवाल उठाये, कुछ ने तो यहां तक कहा कि अपने माता-पिता को अपने साथ नहीं रखते और हफ़्तों बाद उन्हें अपने माता-पिता की याद आ रही है कि वो बीमार हैं?  शायद इन सवालों के जवाब उर्मिला मातोंडकर के पास भी नहीं हैं। यूजर्स ने और क्या कहा एक नजर उनके ट्वीटस पर डाल लेते हैं

वैसे भी उर्मिला मातोंडकर के लिए इस तरह की राजनीति करना कोई नई बात नहीं है। हिंदुओं को लुभाने के लिए तो लोकसभा चुनावों में अचानक से हिंदू धर्म का अनुसरण करने का दिखावा करती हुई नजर आई थीं। हिंदुओं को लुभाने के लिए मंदिर में भगवान के दर्शन करते हुए 2 साल पुरानी फोटो को अपलोड करती हैं। जब वो चुनाव हार गयीं तो चर्चा में बने रहने के लिए तो अपनी पार्टी के नेताओं पर इसका ठीकरा फोड़ा दिया था। एक बार फिर से अपने घरेलू मामलों को सार्वजनिक करके वो चर्चा में बने रहने और अपनी गंदी राजनीति का परिचय दे रही हैं।

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