क्या है INX मीडिया केस: वो घोटाला जिसने चिदंबरम को भागने पर किया मजबूर

INX मीडिया चिदंबरम

INX मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर अब गिरफ्तारी के बादल मंडरा रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद देर शाम को सीबीआई और ईडी की टीम उनके घर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन वह घर पर नहीं मिले। कांग्रेस नेता अब पी. चिदंबरम को जमानत दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। बता दें कि पी. चिदम्बरम, INX मीडिया केस और एयरसेल मैक्सिस केस में आरोपी हैं और INX मीडिया केस के तहत अब ईडी और सीबीआई उनको गिरफ्तार करने के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास सहित कई जगह उनकी तलाश कर रही है।

यह पूरा मामला आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (FIPB) से गैर कानूनी तौर पर मंजूरी दिलवाने से जुड़ा है जिसमें मीडिया ग्रुप ने साल 2007 में करीब 305 करोड़ का विदेशी निवेश हासिल किया था। बता दें कि पी. चिदंबरम उस दौरान यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री थे, और आरोपों के मुताबिक उन्होंने अपने प्रभाव के चलते सभी नियम-क़ानूनों को ताक पर रखते हुए इस विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी थी। इस केस में 15 मई 2017 को सीबीआई ने FIPB मंजूरी में अनियमिताओं के चलते FIR दर्ज की थी। इसके बाद 2018 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया।

आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से 4.62 करोड़ रूपये के निवेशी की मंजूरी थी। लेकिन उसने 10 रूपये के अपने शेयर को 800 रूपये प्रीमियम पर प्रति शेयर जारी किया जैसा कि कंपनी के एप्लिकेशन में बताया गया था। विदेशी निवेश की आड़ में FIPB में चल रहे ‘खेल’ का खुलासा 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच से होनी शुरू हुआ। इस डील में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर ही ईडी टीम का ध्यान मैक्सिस से जुड़ी कंपनियों से तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों में पैसे आने पर गया। जब ईडी मामले की तह तक पहुंची तो इस केस में घूसखोरी की परतें एक के बाद एक खुलती चली गईं। INX के प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने के बाद चिदंबरम पर शिकंजा कसना शुरू हो गया।

चिदंबरम के बेटे कीर्ति को जांच एजेंसिया फरवरी 2018 में ही गिरफ्तार कर चुकी थी। बता दें कि चिदंबरम देश के पहले वित्त मंत्री हैं जिनकी वित्तीय अनियमितताओं के चलते जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। अगर उनपर लगे आरोप साबित होते हैं, तो उनको जल्द से जल्द जेल में ड़ाल देना चाहिए।

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