इस बार भी केंद्र सरकार ने देश के बहादुर सिपाहियों को उनकी अभूतपूर्व उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों की माने तो पाक के F-16 को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को उनके साहस और विकट परिस्थितियों में भी अपना संयम न खोने के लिए वीर चक्र से नवाजा जा सकता है। वीर चक्र युद्धकाल में बहादुरी के लिए दिया जाने वाला भारत का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य अवॉर्ड है। पहले नंबर पर परमवीर चक्र और दूसरे पर महावीर चक्र आता है।
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के जवाबी कार्रवाई में भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी जिसमें सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे। इससे बौखलाए पाक ने 27 फरवरी को एफ-16 विमानों को कश्मीर में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए भेजा था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को ध्वस्त करते हुए उसके एक एफ-16 विमान को मार गिराया था। भारतीय वायुसेना ने अपनी मिग 21 बाइसन के साथ पाक के एक लॉकहीड मार्टिन एफ़ 16 फाइटर जेट को न सिर्फ भारत पर हमला करने से रोका, अपितु एक लंबी लड़ाई के बाद उसे मार भी गिराया। मिग-21 के पायलट अभिनंदन वर्थमान ही थे जिनकी वजह से पाक को इस लड़ाई में मुंह की खानी पड़ी। इस लड़ाई में अभिनंदन एलओसी से 7 किलोमीटर दूर पाक के कब्जे वाले कश्मीर जा गिरे थे, जहां के स्थानीय निवासियों ने उनपर हमला कर दिया। इसके बाद पाक सेना ने अभिनंदन को अपने कब्जे में ले लिया। परंतु अंतर्राष्ट्रीय दबाव और भारत के अड़ियल रुख के कारण पाक को जल्द ही अभिनंदन को रिहा करना पड़ा।
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार अभिनंदन के अलावा भारतीय वायुसेना के उन 5 पायलटों को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने मिराज-2000 युद्धक विमानों का इस्तेमाल कर पाक के चकोटी, मुज़फ्फ़राबाद एवं बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट किया था। सूत्रों के अनुसार इन 5 पायलटों को वायु सेना मेडल प्रदान किया जाएगा। हालांकि, एक भारतीय वायुसेना के अफसर के अनुसार इस पर आधिकारिक घोषणा होनी अभी बाकी है, जो 14 अगस्त तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद ही सार्वजनिक की जाएगी।
यदि इस निर्णय की आधिकारिक पुष्टि हो जाती है, तो इससे एक बार फिर से ये स्पष्ट हो जायेगा कि केंद्र सरकार देश के बहादुर वीरों को उनका उचित सम्मान दिलाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। इससे पहले भी वर्तमान केंद्र सरकार ने उन सभी वीरों को सम्मानित किया है, जिन्होंने भारत की रक्षा करते हुए अपनी जान हथेली पर रखकर शत्रुओं को मुंहतोड़ जवाब दिया था।
वर्ष 2015 में मणिपुर में NSCN के उग्रवादियों ने छिपकर डोगरा रेजीमेंट पर हमला किया था जवानो ने पोजीशन लेकर पटलवार किया लेकिन फिर भी हमारे 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद सेना ने की स्पेशल फोर्स ने पहली बार भारत-म्यांमार बॉर्डर क्रास करके एनएससीएन के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके बाद सरकार द्वारा प्रथम क्रॉस बार्डर सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए ऑपरेशन से जुड़े सभी सेना के सदस्यों को सम्मानित किया था, और इस ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल ऑस्कर डेल्टा [नाम परिवर्तित] को भारत के शांतिकाल में दूसरे सर्वोच्च सम्मान कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा उरी के घातक हमले के पश्चात दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए 4 पैरा और 9 पैरा के ऑपरेशनल कमांडर्स को युद्ध सेवा पदक, एवं आतंकियों को धराशायी करने वाले एक टीम के लीडर मेजर माइक टैंगो [बदला हुआ नाम] को कीर्ति चक्र एवं अन्य अफसरों को शौर्य चक्र, सेना पदक इत्यादि से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं, बुरहान वानी को मार गिराने वाले भारतीय सैनिकों को भी सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। हम आशा करते हैं कि ये सैनिक ऐसे ही माँ भारती की रक्षा करते रहें और देश के इन बहादुरों को केंद्र सरकार ऐसे ही सम्मानित करती रहे।